शुक्रवार, 5 नवंबर 2021

Explainer: क्या है उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-2019, क्यों सरकार के खिलाफ हो गए पुरोहित? जानें अब तक की पूरी कहानी

देहरादून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे से ठीक दो दिन पहले देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा फूट पड़ा। नाराज तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को मंदिर जाने से रोक दिया। राज्य के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का तीर्थ पुरोहितों ने काफी देर तक घेराव किया। गंगोत्री में आंदोलन तेज करते हुए बाजार बंद किए और रैलियां निकालीं। तीर्थ पुरोहित बोर्ड के विरोध में 2019 से ही आंदोलन चल रहा है। लेकिन इन दिनों जिस तरह से उन्होंने अपना आपा खोया है, उससे सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। चुनावी वर्ष होने के कारण बीजेपी के लिए इसे सुलझाना प्राथमिकता होगी। आइए, जानते हैं क्‍या है पूरा मामला-
  1. उत्तराखंड सरकार के देवस्थानम बोर्ड का क्या है विवाद?उत्तराखंड सरकार ने राज्य के चारधाम समेत 51 मंदिरों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है।
  2. देवस्थानम बोर्ड का पुरोहित क्यों कर रहे विरोध?अब तक मंदिरों के पुरोहित ही सारा प्रबंधन देखते थे। मंदिरों का चढ़ावा से लेकर दान सब उन्हें मिलता था। अब यह बोर्ड के हाथों में है।
  3. देवस्थानम बोर्ड को लेकर पुरोहितों का क्या कहना है?पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने उनके हक को मार लिया है।
  4. देवस्थानम बोर्ड कब बना था?उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-2019 त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बनाया था।
  5. देवस्थानम बोर्ड ऐक्ट कब बना था?5 दिसंबर 2019 में सदन से देवस्थानम बोर्ड का विधेयक पास हुआ था।
  6. देवस्थानम बोर्ड के विरोध में कब से चल रहा आंदोलनदेवस्थानम बोर्ड के विरोध में 2019 से ही आंदोलन चल रहा है।
  7. क्यों नहीं सुलझ रहा देवस्थानम बोर्ड विवाद का मुद्दा?सरकार चाहती है कि इस मामले में बीच का कोई रास्ता निकाला जाए लेकिन पुरोहित चाहते हैं कि यह बोर्ड पूरी तरह से भंग किया जाए। फिलहाल विवाद को 30 अक्टूबर तक खत्म करने को कहा गया था लेकिन विवाद अब भी बना है।
  8. उत्तराखंड सरकार के देवस्थानम बोर्ड का क्या है विवाद?उत्तराखंड सरकार ने राज्य के चारधाम समेत 51 मंदिरों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है।
  9. देवस्थानम बोर्ड का पुरोहित क्यों कर रहे विरोध?अब तक मंदिरों के पुरोहित ही सारा प्रबंधन देखते थे। मंदिरों का चढ़ावा से लेकर दान सब उन्हें मिलता था। अब यह बोर्ड के हाथों में है।
  10. देवस्थानम बोर्ड को लेकर पुरोहितों का क्या कहना है?पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने उनके हक को मार लिया है।
  11. देवस्थानम बोर्ड कब बना था?उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-2019 त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बनाया था।
  12. देवस्थानम बोर्ड ऐक्ट कब बना था?5 दिसंबर 2019 में सदन से देवस्थानम बोर्ड का विधेयक पास हुआ था।
  13. देवस्थानम बोर्ड के विरोध में कब से चल रहा आंदोलनदेवस्थानम बोर्ड के विरोध में 2019 से ही आंदोलन चल रहा है।
  14. क्यों नहीं सुलझ रहा देवस्थानम बोर्ड विवाद का मुद्दा?सरकार चाहती है कि इस मामले में बीच का कोई रास्ता निकाला जाए लेकिन पुरोहित चाहते हैं कि यह बोर्ड पूरी तरह से भंग किया जाए। फिलहाल विवाद को 30 अक्टूबर तक खत्म करने को कहा गया था लेकिन विवाद अब भी बना है।
  15. उत्‍तराखंड सरकार ने कब अपने हाथ में लिया प्रबंधन?त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-2019 के तहत एक बोर्ड का गठन कर चार धामों के अलावा 51 मंदिरों का प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया। सरकार का कहना था कि लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या और इस क्षेत्र को पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से मजबूत करने के उद्देश्य के मद्देनजर सरकार का नियंत्रण जरूरी है। सरकारी नियंत्रण में बोर्ड मंदिरों के रखरखाव और यात्रा के प्रबंधन का काम बेहतर तरीके से करेगा। तब से लेकर अब तक तीर्थ पुरोहितों के अलावा एक बड़ा तबका सरकार के इस फैसले के विरोध में है। उसका कहना है कि सरकार इस बोर्ड की आड़ में उसके हकों को समाप्त करना चाह रही है। समय-समय पर वह धरना, प्रदर्शन और अनशन के माध्यम से अपना विरोध दर्ज करते रहे हैं।
  16. 30 अक्टूबर तक क्‍यों नहीं सुलझा मामला?तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा इस बात पर है कि सरकार ने 2019 में जो देवस्थानम बोर्ड की घोषणा की थी उसे वापस नहीं लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना कार्यभार संभालने के बाद 11 सितंबर, 2021 को तीर्थ पुरोहितों को अपने आवास में बुलाकर आश्वस्त किया था कि 30 अक्टूबर तक इस मामले को सुलझा लिया जाएगा। पुरोहितों को इस बात पर भी रोष है कि मनोहर कांत ध्यानी ने कहा है कि बोर्ड को किसी कीमत पर भंग नहीं किया जाएगा। अगर पुरोहित समाज को इसके प्रावधानों से दिक्कत है तो उस पर विचार किया जा सकता है।
  17. केदारनाथ धाम के पुरोहित ने क्‍यों लगाया आरोप?बीते दिनों केदारनाथ धाम में पिछले 31 वर्षों से पूजा पाठ करवा रहे पुरोहित बृज बल्लभ बग्वाड़ी ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने पिछली सरकार के कामों को मटियामेट कर अरबों रुपये की बर्बादी की है।
  18. कब-कब क्या हुआ? 27 नवम्बर 2019 को उत्तराखंड चार धाम बोर्ड विधेयक 2019 को मंजूरी। 5 दिसंबर 2019 में सदन से विधेयक हुआ पास। 14 जनवरी 2020 को देवस्थानम विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दी।24 फरवरी 2020 को देवस्थानम बोर्ड का सीईओ नियुक्त हुआ।24 फरवरी 2020 से देवस्थानम बोर्ड का पुरोहितों ने शुरू कर दिया विरोध। 11 सितंबर 2021 को पुष्कर धामी ने सीएम बनने के बाद संतों को बुलाकर विवाद खत्म करने का आश्वसन दिया था।30 अक्टूबर 2021 तक विवाद निपटाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन मुद्दा नहीं निपटा।


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