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चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रकोष्ठ की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक सुबह करीब आठ बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट सर्दियों के लिये बंद कर दिए गए। वहीं, यमुनोत्री मंदिर में भी वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ अपराह्न करीब 12 बजकर 15 मिनट पर कपाट बंद कर दिए गए।
इस अवसर पर दोनों मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा हुए थे।
केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद, बाबा केदार (भगवान शिव) की पंचमुखी मूर्ति को फूलों से सजी पालकी में ऊखीमठ के मंदिर में ले जाने की प्रक्रिया शुरू की गयी, जहां सर्दियों के महीनों में उनकी पूजा की जाती है।
जबकि यमुनोत्री मंदिर से मां यमुना की मूर्ति को सुंदर पालकी में खारसाली मठ ले जाया जाएगा, जहां कुछ महीनों तक उनकी पूजा-अर्चना होगी।
इन दोनों मंदिरों की मूर्तियों को रास्ते में कुछ स्थानों पर विश्राम देने के बाद कुछ दिनों के भीतर उनके-उनके गंतव्य स्थानों की ओर ले जाया जाएगा।
इस वर्ष सितंबर में चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद से लेकर अब तक 4.50 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ मंदिर में दर्शन किए।
इससे पहले शुक्रवार को गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए गए। अब 20 नवंबर को बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा संपन्न हो जाएगी।
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