समिति के अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी ने धामी से ऋषिकेश में भेंट कर उन्हें अंतिम रिपोर्ट सौंपी । इस दौरान, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, और सुबोध उनियाल भी मौजूद थे ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का परीक्षण कर इस पर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा। हांलांकि, अभी इस बारे में कुछ सार्वजनिक नहीं किया गया है कि रिपोर्ट में समिति ने क्या सुझाव दिए हैं । इससे पहले, समिति ने 25 अक्टूबर को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी थी ।
चारों हिमालयी धामों—बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों द्वारा देवस्थानम बोर्ड के विरोध में लंबे समय से चलाए जा रहे आंदोलन के मददेनजर धामी ने वरिष्ठ भाजपा नेता ध्यानी की अध्यक्षता में इस उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था ।
लंबे समय से आंदोलनरत चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों का मानना है कि बोर्ड का गठन उनके अधिकारों का हनन है । निकट आ रहे विधानसभा चुनावों को देखते हुए तीर्थ पुरोहितों ने अपने आंदोलन को तेज करने की धमकी दी है और माना जा रहा है कि धामी सरकार जल्द ही इसके बारे में कोई निर्णय लेगी ।
देवस्थानम अधिनियम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सरकार के कार्यकाल में पारित हुआ था जिसके तहत चार धामों सहित प्रदेश के 51 मंदिरों के प्रबंधन के लिए बोर्ड का गठन किया गया था ।
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