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अपने दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे में राष्ट्रपति शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचे जहां प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पाण्ड्या और कुलपति शरद पारधी ने उनका स्वागत किया । इस दौरान उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भी मौजूद थे।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ प्रणव पण्ड्या ने राष्ट्रपति को गायत्री प्रतिमा स्मृति चिन्ह, गंगाजल, विश्वविद्यालय के स्वावलंबन विभाग द्वारा निर्मित जूट बैग एवं शांतिकुंज के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा प्रतिपादित सार्वभौम प्रज्ञा योग मार्गदर्शिका भेंट की । राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के प्रांगण में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किया तथा प्रज्ञेश्वर महादेव मन्दिर में पूजा अर्चना कर भगवान शिव का आशीर्वाद लिया। यहां विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक वैदिक मंत्रोच्चारण कर विश्व कल्याण की प्रार्थना की गई।
राष्ट्रपति ने भारत एवं बाल्टिक देशों के संबंधों की मधुरता एवं मजबूती बढ़ाने के उद्देश्य से शांतिकुंज में स्थापित एशिया के प्रथम बाल्टिक सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र को देखा तथा इसके माध्यम से किये जा रहे प्रयासों और अनुसंधानों की प्रशंसा की।
उन्होंने देव संस्कृति विश्वविद्यालय के भ्रमण के दौरान यहां की मूल्यपरक शिक्षण प्रणाली, वैज्ञानिक अध्यात्मवाद, योग, आयुर्वेद, अनुसंधान, स्वावलंबन एवं विभिन्न रचनात्मक व शैक्षणिक गतिविधियों की भी सराहना की ।
इसके बाद कोविंद शांतिकुंज पहुंचे और श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के उस पवित्र कक्ष के दर्शन किए जहां आचार्य ने विश्व मानवता के लिए साधना एवं साहित्य सृजन किया । उन्होंने 1926 से प्रज्जवलित उस अखण्ड दीपक के भी दर्शन किए जिसके समक्ष उन्होंने 24 साल तक गायत्री महामंत्र के 24-24 लाख के 24 महापुरश्चरण का सृजन किया ।
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