गंगोत्री मन्दिर समिति के सह सचिव राजेश नौटियाल ने बताया कि धाम के कपाट पूर्वाहन 11:45 पर पुरोहितों द्वारा विधिविधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके बाद मां गंगा की भोगमूर्ति लेकर उत्सव डोली मुखबा गांव के लिए रवाना हुई जहां शीतकाल के दौरान उसकी पूजा की जाएगी ।
इस साल भी कोविड के कारण देर से शुरू हुई यात्रा में तीस हजार से ज्यादा श्रद्धालु गंगा दर्शन के लिए पहुंचे । उत्तरकाशी के ज़िलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि 18 सितंबर से अब तक 32,948 से अधिक तीर्थयात्रियों ने गंगोत्री पहुंचकर मां गंगा के दर्शन किये।
गंगोत्री के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा के समापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है और शनिवार को भैयादूज के पावन पर्व पर यमुनोत्री तथा केदारनाथ के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बदरीनाथ के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे ।
गढ़वाल हिमालय के चारधाम के नाम से मशहूर हिमालयी मंदिर हर वर्ष सर्दियों में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं तो अगले साल गर्मियों में दोबारा खोले जाते हैं ।
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