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हरिद्वार कुंभ मेला औपचारिक रूप से बृहस्पतिवार को शुरू हो रहा है। परियोजना का क्रियान्वयन, उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा एकीकृत विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस) के तहत किया जा रहा है।
विद्युत वित्त निगम, इस परियोजना की नोडल एजेंसी है, जिसने इसके लिए 381.35 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना से क्षेत्र के उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी और हवा चलने तथा बारिश के कारण बिजली की आपूर्ति में होने वाली बाधा खत्म हो जाएगी।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने परामर्श जारी करते हुए कहा कि यह नियम महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से सड़क, हवाई मार्ग और रेलगाड़ियों से आने वाले लोगों पर एक अप्रैल से लागू होगा।
परामर्श में कहा गया है कि इन राज्यों से आने वाले लोग गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय तथा राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार सुरक्षा और सामाजिक दूरी के मानदंडों का सख्ती से पालन करेंगे। इन लोगों में वे लोग भी शामिल हैं जो उत्तराखंड के निवासी हैं।
इसमें कहा गया है कि दिशानिर्देशों का उल्लंघन आपदा प्रबंधन कानून, 2005, महामारी कानून, 1897 और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय होगा।
परामर्श में कहा गया है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अपरिहार्य परिस्थितियों में ही यात्रा करने की सलाह दी गयी है।
इसमें कहा गया है कि जिला प्रशासन हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों और सभी सीमा चौकियों पर औचक कोविड जांच की व्यवस्था करेगा। अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाया जाता है, तो मौजूदा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किया जाएगा।
इसके साथ ही, हरिद्वार में महाकुंभ मेला 2021 के दौरान कोविड की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एसओपी संबंधी 26 फरवरी के आदेश का सख्ती से पालन किया जाएगा।
महेश जीना दिवंगत विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना के बड़े भाई हैं, जिनका पिछले साल नवंबर में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते निधन हो गया था।
भाजपा उम्मीदवार ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में नामांकन पत्र दाखिल किये।
उन्होंने भाजपा नेताओं के साथ सियाडल चानिया बागड़ में जनसभा को भी संबोधित किया और दिवंगत विधायक जीना के अच्छे कार्यों को जारी रखने का वादा करते हुए लोगों से वोट देने की अपील की।
भाजपा प्रत्याशी महेश सिंह जीना और कांग्रेस उम्मदीवार गंगा पंचोली ने भिकियासैन तहसील कार्यालय नामांकन पत्र भरा। उनके साथ उनकी पार्टियों के वरिष्ठ नेता भी थे।
मंगलवार नामांकन पत्र भरने की अंतिम तारीख है।
प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी ने बताया कि पार्टी के उम्मीदवार जीना के साथ प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक,नैनीताल के सांसद अजय भट्ट और अल्मोड़ा के सांसद अजय तमता भी मौजूद थे।
पिछले साल नवंबर में कोविड-19 से विधायक सुरेंद्र सिंह जीना की मृत्यु हो जाने के कारण साल्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत उत्पन्न हुई। महेश जीना (54), सुरेंद्र सिंह जीना के बड़े भाई हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी पंचोली के नामांकन पत्र भरने के समय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, महासचिव विजय सारस्वत, पार्टी विधायक हरीश धामी मौजूद थे।
पंचोली दूसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह कुछ ही वोटों के अंतर से सुरेंद्र सिंह जीना से 2017 में विधानसभा चुनाव हार गये थे।
एक दूसरे को रंग लगाने की परंपरा से अलग हटकर 13 अखाड़ों के साधु सोमवार को फूलों से होली खेलेंगे।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा, “कोरोना वायरस को देखते हुए यह सांकेतिक होली होगी जिसमें रंगों की बजाय फूलों का इस्तेमाल किया जाएगा।“
गिरी ने लोगों से भी सादे तरीके से होली मनाने का आग्रह किया।
ऋषिगंगा और धौलीगंगा में सात फरवरी को आकस्मिक बाढ़ आ जाने से 77 लोगों की जान चली गयी थी और 100 से अधिक लोग लापता हो गये थे। इसके अलावा रैनी एवं तपोवन में दो पनबिजली परियोजनाओं को भी बड़ा नुकसान पहुंचा था।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आगामी मानसून के मौसम के मद्देनजर सभी तैयारियां करने का निर्देश दिया क्योंकि उस दौरान राज्य में प्राकृति आपदाएं आने की आशंका रहती है।
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में अलर्ट और अद्यतन जानकारी पाने के लिए जिलाधिकारियों का ग्रामस्तर पर अपना संपर्क सूत्र होना चाहिए तथा न्याय पंचायत स्तर तक टीमों का गठन किया जाना चाहिए एवं उन्हें आवश्यक सभी उपकरणों से लैस किट उपलब्ध कराये जाने चाहिए।
यहां बालावाला में बृहस्पतिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दिए अपने संबोधन में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘‘अभिमन्यु के वध पर द्रोपदी शोक नहीं करती है। हाथ खड़े करके बोलती है कि पांडवों इसका प्रतिकार करो।’’
अपने कार्यकाल का चार साल पूरा होने से महज नौ दिन पहले अठारह मार्च को पद से हटाए गए रावत ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में महिलाओं और युवाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान देने का प्रयास किया और हो सकता है कि इससे कुछ लोगों को कष्ट हुआ हो।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं खुश हूं कि मैं राजनीति की काली सुरंग से साफ निकल कर बाहर आया हूं।’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे उन्हें अपने लोगों से आंख मिलाकर न देख सकें।
हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर प्रदेश में पार्टी मामलों के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह जैसे वरिष्ठ नेता की संगठन में जरूरत है और उनका इस्तेमाल कहीं भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनके बारे में चिंता का काम केंद्रीय नेतृत्व का है और अब हमें यहां पर उनकी चिंता नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह हमारे वरिष्ठ नेता हैं और भाजपा का बहुत विस्तार हो रहा है, ऐसे में पार्टी किसी भी कार्यकर्ता का कहीं भी इस्तेमाल कर सकती है और अनुभवी कार्यकर्ताओं की बहुत जरूरत है।
भाजपा नेता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में विकास की नींव रखी थी और वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह उस पर इमारत बना रहे हैं।
उन्होंने अस्पताल प्रशासन को तत्काल निजी वार्डों को सुसज्जित करने से लेकर अन्य वार्डों व बन्द पड़ी लिफ्ट को दुरुस्त करने के आदेश देते हुए कहा कि वह छह अप्रैल को फिर से अस्पताल का निरीक्षण करेंगे।
हालांकि, अधिकारी ने गंगा किनारे स्थित प्रसिद्ध घाटों में से एक त्रिवेणी घाट की व्यवस्थाओं को संतोषजनक बताया और कहा कि सभी काम अनिवार्य रूप से 31 मार्च तक पूरे कर लिए जाएं।
हरिद्वार कुंभ एक अप्रैल से शुरू हो रहा है जो 30 अप्रैल तक चलेगा। ऋषिकेश के कुछ हिस्से भी कुंभ मेला क्षेत्र के तौर पर अधिसूचित किए गए हैं।
कुंभ मेला क्षेत्र में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के नाकाफी इंतजाम को लेकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने वाले सच्चिदानंद डबराल के अधिवक्ता शिव भट्ट भी इस दौरान मुख्य सचिव के साथ थे।
उच्च न्यायालय ने हाल में राज्य सरकार को कुंभ मेला क्षेत्र में व्यवस्थाएं मजबूत करने तथा कोविड-19 दिशानिर्देशों के सख्ती से अनुपालन कराने के आदेश दिए थे।
इसी कड़ी में शुक्रवार को मुख्य सचिव के साथ कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत, मेला वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जन्मेजय खंडूरी, देहरादून के जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव, देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेश रावत, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा सहित दर्जनों अधिकारियों ने कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश का भ्रमण किया।
निरंजनी अखाड़े में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज और सचिव रवींद्र पुरी महाराज से शुक्रवार को विधायक ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद विधायक राठौर ने बताया कि राजनीति के साथ-साथ अब उन्हें धर्म के काम भी करने हैं इसलिए वह सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर बनने जा रहे हैं।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उदाहरण देते हुए विधायक राठौर ने कहा कि योगी एक संत है और अपने दोनों धर्म बड़ी खूबी के साथ निभा रहे हैं । उन्होंने कहा कि इसी तरह महामंडलेश्वर बनने के बाद उनके राजनीतिक जीवन पर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा और वह धर्म और कर्म दोनों कामों को एक साथ करेंगे।
निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी महाराज ने बताया कि राठौर विधायक होने के साथ-ही एक अच्छे कथावाचक हैं और सनातन धर्म संस्कृति का ज्ञान भी रखते हैं इसलिए आने वाली 12 अप्रैल के शाही स्नान से पहले उन्हें निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया जाएगा।
नेपाल में 8,091 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट अन्नपूर्णा विश्व की 10 वीं सबसे ऊंची चोटी है। गर्बियाल के अलावा दल में 2019 में एवरेस्ट फतह कर चुकी नामी पर्वतारोही शीतल और नेपाल के पाशान शेरपा शामिल हैं।
गर्बियाल ने कहा, ‘‘ यह अभियान हमारे संगठन 'क्लांबिंग बीयोंड द समिट' द्वारा आयोजित किया जा रहा है। हम चोटी पर 20 से 25 अप्रैल के बीच पहुंचने की कोशिश करेंगे।’’
उन्होंने बताया कि इससे पहले माउंट अन्नपूर्णा को छह भारतीय फतह कर चुके हैं लेकिन अभी तक किसी महिला को यह उपलब्धि हासिल नहीं हुई है।
गर्बियाल ने कहा कि उनके संगठन ने 8000 मीटर से ऊंची विश्व की सभी 14 चोटियों को फतह करने की योजना बनाई है।
कोविड़- 19 से पीड़ित होने के कारण एकांतवास में रह रहे मुख्यमंत्री रावत ने संवाददाताओं से ऑनलाइन बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है और शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण पर सरकार का ध्यान है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में रूद्रपुर, हरिद्वार व पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने पर जल्द काम शुरू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण वह आजकल एकांतवास में हैं लेकिन प्रदेश के कामकाज में कहीं अवरोध नहीं हैं।
सुदूर गांवों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए रावत ने कहा कि प्रदेश में 108 सेवा के लिए 138 नए वाहन दिए जा रहे हैं और जल्द ही 403 डॉक्टरों व 2600 नर्सों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर, असिसटेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसरों की नियुक्ति भी शीघ्र हो जाएगी।
रावत ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए स्वास्थ्य इंतजामों को मजबूत किया गया है तथा जिला स्तर तक अस्पतालों में वेंटिलेटर, बिस्तर तथा आइसीयू तक की व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रदेश से पलायन रोकने की दिशा में भी कई प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए पर्यटन और तीर्थाटन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पलायन रोकने हेतु नई संभावनाएं तलाशने के लिए हर विभाग से फीडबैक लिया जा रहा है।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेले को भव्य, दिव्य और सुरक्षित बनाने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है और संतों से लेकर श्रद्धालुओं तक की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि कोविड-19 को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का अक्षरशः पालन करना जरूरी है।
पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह सरकार द्वारा प्रदेश में घोषित किए गए नए गैरसैंण मंडल के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर हमारी सरकार जनभावनाओं के अनुरूप निर्णय लेगी।
उन्होंने कहा कि जो जनमानस चाहेगा, वही होगा।
हाल में लोकनिर्माण विभाग के अभियंताओं के निलंबन के बारे में रावत ने कहा कि विकास योजनाओं में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
उन्होंने कहा कि गलत के लिए हमारी सरकार में कोई स्थान नहीं है और गड़बड़ी पर किसी को बख्शा नहीं जायेगा।
रावत ने कहा कि काम की गुणवत्ता और समयबद्धता के लिए जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है।
नरेन्द्रनगर की उपजिलाधिकारी युक्ता मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जा रही है ।
उन्होंने बताया कि ताज होटल में जांच के लिए अभी और लोगों के भी नमूने लिए जा रहे हैं । जांच रिपोर्ट आने के बाद कोविड 19 से पीडित लोगों को पृथक-वास में रखा जाएगा और ताज होटल को संक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई होगी ।
उसके बाद ताज ऋषिकेश को अतिथियों के लिए फिर से खोल दिया जाएगा। फिलहाल होटल में कोई अतिथि नहीं है।
ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई बाढ़ में 205 लोग लापता हो गए थे जबकि उत्पादनरत ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना तबाह हो गयी तथा एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को भारी क्षति पहुंची थी। आपदा के बाद से चलाए जा रहे बचाव एवं राहत अभियान में अब तक 77 शव बरामद हो चुके हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा गठित ये दोनों पैनल एक सप्ताह तक रैंणी गांव में ही रहेंगे और आपदा के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेंगे।
यहां आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विशेषज्ञों का एक पैनल ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों के उपरी हिस्से में आई बाढ़ के संभावित कारणों का अध्ययन करेगा जबकि दूसरा पैनल निचले इलाकों में उसके प्रभाव का आंकलन करेगा।
इस संबंध में प्रदेश के राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री धनसिंह रावत ने विशेषज्ञों के साथ बुधवार को एक बैठक की थी।
ये पैनल इस तरह की आपदाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एक रणनीति की सिफारिश के साथ अपनी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों को सौंपेगे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की तबीयत अचानक बिगड़ जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें दिल्ली एम्स रेफर किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर उन्होंने अधिकारियों को हरीश रावत को एयर एम्बुलेंस उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
रावत ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को एयर एंबुलेंस से दिल्ली के एम्स अस्पताल पहुंचाया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य लाभ और दीर्घायु की प्रार्थना करते हुए रावत ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के स्थानिक आयुक्त को एम्स प्रबंधन और चिकित्सकों से समन्वय कर सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत, उनकी पत्नी और पुत्री समेत परिवार के चार सदस्यों की बुधवार को आई जांच रिपोर्ट में सभी के कोविड-19 से पीड़ित होने की पुष्टि हुई थी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह स्वयं भी महामारी से ग्रस्त हैं और फिलहाल पृथक-वास में हैं।
यह धार्मिक मेला एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच आयोजित किया जाएगा।
सामान्य तौर पर कुंभ करीब साढे तीन महीने तक चलता है। वर्ष 2010 में कुंभ 14 जनवरी से शुरू होकर 28 अप्रैल तक चला था।
अधिसूचना के अनुसार, एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच 12 अप्रैल, 14 अप्रैल और 27 अप्रैल को तीन दिन प्रमुख शाही स्नान होंगे। इनके अलावा 13 अप्रैल को चैत्र प्रतिपदा और 21 अप्रैल को होने वाले राम नवमी के पर्व पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे।
इस बीच, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की रिपोर्ट, जिसमें उनके संक्रमित ना होने की पुष्टि हो या टीकाकरण रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया गया है।
प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस संबंध में कहा कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि हरिद्वार कुंभ में आने के लिए 72 घंटे पहले की कोविड-19 की आरटी—पीसीआर की नकारात्मक जांच रिपोर्ट या टीकाकरण रिपोर्ट लाना जरूरी होगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के क्रम में सभी जिला प्रशासनों, राज्य और केंद्र सरकार के विभिन्न संगठनों तथा अन्य हितधारकों को मास्क पहनने, बार—बार हाथ धोने तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे विभिन्न उपायों के सख्त अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
उत्तराखंड में कोविड-19 के 200 नए मामले दर्ज किए गए जिसमें से सर्वाधिक 71 हरिद्वार में मिले जहां एक अप्रैल से विधिवत कुंभ मेला शुरू करने की तैयारियां आखिरी चरण में हैं । हरिद्वार के अलावा देहरादून जिले में 63, नैनीताल में 22 और उधमसिंह नगर जिले में 14 नए मामले मिले हैं।
इस बीच, आगामी हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण रिपोर्ट लाना फिर अनिवार्य कर दिया गया है ।
प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस संबंध में बताया कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि हरिद्वार कुंभ में आने के लिए 72 घंटे पहले की कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण रिपोर्ट लाना जरूरी होगा ।
पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ को आस्था का विषय बताते हुए इसमें आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-मुक्त जांच रिपोर्ट लाने की बाध्यता समाप्त कर दी थी और कहा था कि 12 साल में आने वाले इस धार्मिक मेले में लोग बेरोकटोक आ सकेंगे ।
हालांकि, उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन के भी आदेश दिए थे।
इस बीच, साधु- संतों ने भी इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले को लेकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन होगा।
उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की जांच, मास्क और सामाजिक दूरी जैसी बातों का पालन कराना भी प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आस्था के सैलाब के आगे नियमों का पालन हो पायेगा ।
वहीं निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले में सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन कराया जाना जरूरी है, इसलिए प्रशासन सबसे पहले लोगों की जांच करे, मरीजों का पता लगाए और इलाज करे।
दोपहर बाद हुई इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई ।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल दमकल की गाड़ियां लेकर मौके पर पहुंचा और आग बुझाना शुरू किया लेकिन हवा के साथ आग फैलती जा रही थी।
घटनास्थल के समीप ही बैरागी संतों के शिविर होने से चिंतित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे ।
आस-पास मौजूद भारत तिब्बत सीमा पुलिस, सीमा सुरक्षा बल तथा अन्य अर्द्धसैनिक बलों के जवान भी अपने-अपने शिविरों से अग्निशामक उपकरण लेकर सहायता करने के लिए पहुंचे । सभी के सम्मिलित प्रयासों से जल्द ही आग पर काबू पा लिया गया और घटना में कोई भी जनहानि नहीं हुई।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज ने भी मौके का मुआयना किया और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के उपायों की जरूरत बताई ।
ये पर्यटक सात मार्च को गुजरात से निकले थे और पुष्कर, जयपुर, उदयपुर, मथुरा के बाद हरिद्वार में कुंभ स्नान करके 18 मार्च को ऋषिकेश पहुंचे ।
नरेंद्र नगर उपमंडल में कोविड मामलों के प्रभारी जगदीश चंद्र जोशी ने बताया कि ऋषिकेश में आने के बाद थर्मल स्क्रीनिंग में कुछ यात्रियों में बुखार के लक्षण पाए गए जिसके बाद उनके नमूने आरटी-पीसीआर जांच के लिए भेजे गए ।
उन्होंने बताया कि 22 मार्च को आई जांच रिपोर्ट में 22 यात्रियों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस संबंध में बताया कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि हरिद्वार कुंभ में आने के लिए 72 घंटे पहले की कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण रिपोर्ट लाना जरूरी होगा ।
पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ को आस्था का विषय बताते हुए इसमें आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-मुक्त जांच रिपोर्ट लाने की बाध्यता समाप्त कर दी थी और कहा था कि 12 साल में आने वाले इस धार्मिक मेले में लोग बेरोकटोक आ सकेंगे ।
हालांकि, उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन के भी आदेश दिए थे ।
इस संबंध में स्वयं टि्वटर पर जानकारी साझा करते हुए रावत ने कहा, '‘ अन्तोगत्वा कोरोना पहलवान ने मुझे जकड़ ही लिया।'’
रावत के अलावा, उनके परिवार के चार अन्य सदस्य भी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बुधवार अपराह्न उन्होंने अपनी पत्नी, बेटी तथा परिवार के अन्य सदस्यों की कोरोना वायरस की जांच करवाने का फैसला लिया था लेकिन अपनी जांच करवाने से वह पहले हिचक रहे थे ।
हालांकि उन्होंने कहा, '‘फिर मुझे लगा मुझे भी (जांच) करवा लेनी चाहिये और अच्छा हुआ किल मैंने जांच करवा ली। जांच की रिपोर्ट आने पर मैं पॉजिटिव पाया गया हूं और मेरे परिवार के चार सदस्य भी पॉजिटिव पाये गये हैं।'
रावत ने कहा कि बुधवार दोपहर तक जितने भी लोग उनके संपर्क में आये हैं, वे भी अपनी जांच करवा लें क्योंकि सावधानी आवश्यक है ।
गौरतलब है कि मंगलवार को कांग्रेस नेता ने होली मिलन कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें कांग्रेस सहित राजनीतिक दलों के कई नेताओं के अलावा समाज के अन्य वर्गों के लोगों ने भी हिस्सा लिया था ।
कुंभ मेला पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने संवाददाताओं को बताया कि इस हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से श्रद्धालुओं को रुट प्लान, डाइवर्जन, पार्किंग, निकटवर्ती घाटों, पंजीकरण प्रक्रिया, कोविड-19 दिशानिर्देश, स्वास्थ्य सुविधाओं एवं हरिद्वार के संबंध में अन्य आवश्यक जानकारी एक ही जगह मिल जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस हेल्पलाइन नंबर पर पुलिसबल के दो उपनिरीक्षक और 12 हेड कॉन्स्टेबल तैनात रहेंगे और श्रद्धालुओं को 24 घण्टे कुंभ से संबंधित आवश्यक जानकारियां देंगे।
मुख्यमंत्री रावत की जांच रिपोर्ट में सोमवार को उनके कोविड-19 से पीड़ित होने की पुष्टि हुई थी जिसके बाद चिकित्सकों की सलाह पर उन्होंने खुद को बीजापुर सेफ हाउस में आइसोलेट कर लिया।
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, उनका मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति में एहतियात बरतना जरूरी है लेकिन यदि संभव है तो आइसोलेशन में रहते हुए भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाना चाहिए।
विश्व मौसम विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए उत्तराखण्ड में पूर्व चेतावनी प्रणाली सयंत्र स्थापित करने के संबंध में चल रही केंद्र की परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए।
बैठक में आपदा प्रबंधन राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि हमारा राज्य समय रहते जन समुदाय को चेतावनी प्रदान करने पर शीघ्रता से काम कर रहा है। इसी क्रम में मुक्तेश्वर में डॉप्लर राडार संचालित हो चुका है तथा मसूरी में सुरकंडा तथा पौडी में लैंसडौन में शीघ्र ही डॉप्लर का कार्य शुरू किया जाएगा।
प्रदेश के सचिव एसए मुरूगेशन ने बताया कि उत्तराखंड आपदाप्रबंधन विभाग एवं मौसम विभाग के सौजन्य से राज्य के संवेदनशील इलाकों में 176 अर्ली वार्निंग वेदर स्टेशन लगाए गए हैं। जिनमें 107 ऑटोमैटिक वैदर स्टेशन हैं। उन्होंने बताया कि आपदा की समय रहते सूचना मिलने से तुरंत राहत कार्य शुरू करने में सहायता मिलेगी।
एक अन्य बैठक में मुख्यमंत्री रावत ने वन भूमि हस्तांतरण के लंबित प्रकरणों को जल्द निपटाने के आदेश दिए। इस संबंध में उन्होंने जिला स्तर पर जिलाधिकारियों को नियमित बैठकें आयोजित करने तथा प्रमुख सचिव, वन को अपने स्तर पर बैठकें करने के निर्देश दिए।
सीमांत क्षेत्रों में सडकों के निर्माण में तेजी लाने के लिए वन हस्तांतरण मामलों को तेजी से निपटाने के निर्देश देते हुए उन्होंने जिलाधिकारियों को लैंड बैंक शीघ्र तैयार करने को भी कहा।
इस मामले में गिरफ्तारी होने के बाद आजाद अली को कांग्रेस ने भी पार्टी से निकाल दिया है।
कोतवाली पुलिस थाने के वरिष्ठ उप निरीक्षक लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि बैंक प्रबंधक के पद पर कार्य करने वाली महिला की शिकायत के आधार पर अली को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव (संगठन) विजय सारस्वत ने कहा कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मामले के संज्ञान में आते ही अली को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निकाल दिया है। अली प्रदेश पार्टी में विशेष आमंत्रित सदस्य थे।
अली ने बैंक अधिकारी से एक बीमा पॉलिसी खरीदने के बारे में जानकारी मांगी थी जो उन्होंने उन्हें व्हाटसएप पर उपलब्ध कराई थी। अली पर आरोप है कि व्हाटसएप पर बातचीत के दौरान उन्होंने कथित अश्लील भाषा का प्रयोग किया।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा नियंत्रण और सावधानी के लिए पूर्व में जारी दिशानिर्देशों के आलोक में सोमवार को मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने जिला प्रशासनों, विभिन्न राज्य और केंद्र सरकार के संगठनों और अन्य हितधारकों से कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने तथा सामाजिक दूरी रखने जैसे सभी उपायों का पालन सुनिश्चित करने को कहा।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामलों में लगभग पांच महीने तक लगातार गिरावट के बाद पिछले कुछ सप्ताह में देश के कई हिस्सों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के दिशानिर्देशों के पालन में खास तौर से भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोगों द्वारा की जा रही ढिलाई के कारण यह तेजी आ रही है।
मुख्य सचिव ने कहा कि संक्रमण में आई तेजी और आगामी त्योहार के साथ ही हरिद्वार में महाकुंभ के मददेनजर कोविड-19 से बचाव के दिशानिर्देशों का सख्त अनुपालन जरूरी है ताकि महामारी को नियंत्रित रखा जा सके।
उन्होंने जनता के कोविड-19 से बचाव संबंधी दिशानिर्देशों का प्रचार- प्रसार करने का निर्देश दिया।
बागेश्वर पहुंचने पर राज्य भाजपा प्रमुख को गार्ड ऑफ ऑनर देने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की जा रही हैं।
कौशिक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मंत्रिमंडल में सदस्य थे और उन्हें हाल में राज्य भाजपा अध्यक्ष बनाया गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) नीलेश आनंद भार्ने ने भाजपा के राज्य अध्यक्ष को गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने की गलती को स्वीकार करते हुए कहा कि ‘‘गलतफहमी’’ की वजह से ऐसा हुआ।
उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी हाल में ही छुट्टी से लौटे हैं और उन्हें राज्य में सरकार में हालिया बदलावों की जानकारी नहीं थी।
गौरतलब है कि आठ फरवरी से राज्य में छठी से नौवीं और 11वीं कक्षा के लिए विद्यालय खुल गए हैं।
स्कूल शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से सोमवार को जारी आदेश में कहा गया कि विद्यालय विद्यार्थियों के कक्षाओं में आने के दिन से ही केवल पूरा शुल्क ले सकते हैं।
आदेश में कहा गया है कि अन्य कक्षाओं के विद्यार्थी जिनकी पढ़ाई अब भी ऑनलाइन माध्यम के जरिए हो रही है, वे केवल ट्यूशन शुल्क का ही भुगतान करेंगे।
आदेश में यह भी कहा गया कि किस्त में शुल्क अदा करने के अभिभावाकों के आग्रहों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिये।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग सचिव एचसी सेमवाल ने एक आदेश में कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव राधा रातूरी इस छह सदस्यीय कमेटी का नेतृत्व करेंगी।
आदेश के अनुसार, प्रधान सचिव (न्याय विभाग), सचिव (विद्युत विभाग), अतिरिक्त सचिव (सचिवालय प्रशासन), निदेशक (महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग), डीजीपी द्वारा नामित एक एडीजी-रैंक का अधिकारी और देहरादून के एक सामाजिक कार्यकर्ता कमेटी के सदस्य नियुक्त किये गये हैं।
आदेश के अनुसार, ‘‘शिकायत की सुनवाई के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी, इस बारे में कमेटी खुद फैसला करेगी और हर मामले में संबंधित विभाग को अपना सुझाव भेजेगी।’’
मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर अपनी कोविड-19 जांच की रिपोर्ट की जानकारी देते हुए बताया कि वह वायरस से संक्रमित पाए गए है, लेकिन उन्हें कोई परेशानी नहीं है और वह ठीक हैं।
वह पृथक-वास में रह रहे हैं और डॉक्टरों की निगरानी में हैं।
रावत ने पिछले कुछ दिनों में उनके सम्पर्क में आए लोगों से कोरोना वायरस संबंधी जांच कराने का आग्रह भी किया।
रावत ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया हूं। मैं ठीक हूं और मुझे कोई परेशानी नहीं है। चिकित्सकों की निरागनी में हूं और पृथक-वास में रह रहा हूं। आप में से जो भी लोग पिछले कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आये हैं, कृपया सावधानी बरतें और अपनी जांच करवाएं।’’
त्रिवेन्द्र सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला था।
नैनीताल जिले के रामनगर में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कोविड-19 प्रभावितों को प्रति यूनिट पांच किलोग्राम राशन दिया गया और जिसके 20 बच्चे थे उसके पास एक क्विंटल राशन आया, जबकि जिसके दो थे उसके पास 10 किलोग्राम आया।
उन्होंने कहा, ‘‘जिसके 10 थे तो 50 किलोग्राम आ गया, जिसके 20 थे तो एक क्विंटल आ गया। दो थे तो 10 किलोग्राम आ गया। लोगों ने स्टोर बना लिए और खरीददार सामने ढूंढ लिए।’’
उन्होंने कहा कि इतना बढ़िया चावल पहले कभी नहीं खाया था और लोगों को जलन होने लगी कि दो हैं तो 10 किलोग्राम मिला और 20 वाले को एक क्विंटल मिला।
उन्होंने कहा, ‘‘भैया इसमें दोष किसका है? उसने 20 पैदा किए तो उसे एक क्विंटल मिला, अब इसमें जलन काहे का। जब समय था तब आपने दो ही पैदा किए, 20 क्यों नही किए।’’
इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रावत ने भारत को ब्रिटेन की जगह अमेरिका का गुलाम बता दिया और कहा कि कोविड-19 ने उसकी शक्ति को भी कम कर दी।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां हम 200 वर्ष तक अमेरिका के गुलाम थे, पूरे विश्व के अंदर उसका राज था। कभी सूरज छिपता नहीं था, यह कहते थे, लेकिन आज के समय में वह भी डोल गया, बोल गया।’’
वहीं दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता के कारण 130- 135 करोड़ की आबादी वाला देश भारत आज भी अन्य देशों की अपेक्षा राहत महसूस करता है।