गुरुवार, 1 अगस्त 2019

विकराल हुई भागीरथी, उत्तरकाशी के गंगोत्री धार्मिक स्थल पर मंडरा रहा खतरा

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बीते कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इस बारिश से गंगा का जल स्तर खतरे के से ऊपर पहुंच गया है। नदी में उफान के कारण धार्मिक स्थल के नदी के आसपास इलाकों पर खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय लोगों की मानें तो गंगोत्री नदी में इतना ज्यादा उफान है कि यहां आकर नदी में डुबकी लगाने वालों की जान को भी खतरा हो सकता है। लोगों ने बताया कि अगर बारिश नहीं थमी तो नदी की स्थित और विकराल हो सकती है और इसके किनारे पर बनी इमारतों को बड़ा नुकसान हो सकता है। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि पहाड़ों से टूटकर आ रहे बड़े-बड़े पत्थर और मलबे नदी की विकरालता को बढ़ा रहे हैं। इनके कारण गंगा भागीरथी नदी का जल स्तर भी काफी बढ़ गया है। उन्होंने प्रशासन को इस बारे में बता दिया है और उसने बार-बार अनुरोध किया है वे कुछ करें लेकिन वे स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। मंदिर के पुजारी राजेश सेमवाल ने बताया कि 2016 में गंगा में आई बाढ़ से गंगोत्री के धार्मिक स्थल पर बड़ा नुकसान हुआ था। तब से पुजारी समुदाय लगातार प्रशासन से अनुरोध कर चुका है कि नदी में सही से बहाव के लिए उसके अंदर पड़े मलबे को हटाया जाए लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि स्थिति गंभीर हो उससे पहले प्रशासन और सरकार को इस मामले में कुछ करना चाहिए। डीएम आशीष चौहान ने इस मामले में कहा कि प्रशासन की ओर से सरकार को पहले से ही प्रस्ताव भेज दिया गया है। प्रस्ताव में नदी के प्रबंधन और गंगा भागीरथी नदी को चैनलाइज करने की बात कही गई है। यह प्रस्ताव विशेषज्ञों से बात करके बनाया गया है। उम्मीद है कि हम जल्द ही इस मुद्दे के सुलझा लेंगे। डीएम ने कहा कि फिलहाल अभी की स्थित को देखते हुए पुलिस, एसडीआरएफ और दूसरे संबंधित विभागों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। नदी के किनारों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इस खबर को


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