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नैनीताल बलात्कार के मुकदमे में फंसे बीजेपी के द्वाराहाट विधानसभा के विधायक महेश नेगी की संभावित गिरफ्तारी नैनीताल हाईकोर्ट के स्टे के बाद फिलहाल टल गई है। उधर, पीड़िता ने भी हाईकोर्ट में मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की है। नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश एनएस धनिक की एकल पीठ ने सोमवार को विधायक महेश नेगी की याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। पीड़ित महिला को अदालत ने नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इस बावत कोर्ट में दायर सभी मामलों की कोर्ट अब एक साथ सुनवाई करेगा। पांच सितंबर को उत्त्तराखंड के इस चर्चित सेक्स स्कैंडल में पीड़ित महिला ने विधायक महेश नेगी पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवाया था। विधायक पर 376 और 506 का मामला देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में दर्ज है। मामले में पीड़िता ने विधायक की पत्नी को भी आरोपी बनाया है। पीड़िता ने विधायक को अपनी बेटी का पिता बताते हुए डीएनए टेस्ट की मांग भी की है। विधायक पर धमका कर रेप करने का आरोप पीड़िता का कहना है कि विधायक ने एक दिसम्बर 2018 और उसके बाद कई महीने तक उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। शादी के बाद डरा धमका कर उसको कई जगह ले जाकर बलात्कार किया। मामले की अब तक हुई पुलिस जांच में पीड़िता के बताए स्थानों विधायक निवास, मसूरी, सिनर्जी अस्पताल और दिल्ली के होटल में दोनों के रहने की तथ्यात्मक पुष्टि भी होने की भी सूचना पुलिस सूत्रों के अनुसार हो चुकी है। विधायक की पत्नी ने पीड़िता पर किया है मुकदमा पीड़िता की ओर से दर्ज मुकदमे में विधायक नेगी और पीड़िता के एक साथ नेपाल, हिमाचल, हल्द्वानी और बिनसर (अल्मोड़ा) में भी ठहरने का जिक्र है। जहां तक मामले में कानूनी लिखापढ़ी का सवाल है, विधायक की पत्नी रीता नेगी ने पीड़िता पर ब्लैकमेलिंग और 5 करोड़ की रंगदारी का देहरादून के नेहरू कॉलोलोनी थाने में सबसे पहले मुकदमा दर्ज करवाया। इस मुकदमे के दर्ज होने के बाद पीड़िता को भी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट से स्टे लेना पड़ा था।
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