धारचूला उत्तराखंड के धारचुला में इंटरनैशनल सस्पेंशन ब्रिज को नेपाली नागरिकों के लिए बुधवार को खोल दिया गया। ब्रिज को सिर्फ पांच घंटे के लिए खोला गया था ताकि भारतीय पेंशन पाने वाले नेपाली नागरिक बैंकों में जाकर पैसे निकाल सकें। धारचुला के तहसीलदार ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पांच घंटे के बाद दोपहर 2 बजे ब्रिज को फिर से बंद कर दिया गया। गौरतलब है कि लिपुलेख और कालापानी को अपने नक्शे में दर्शाने के बाद से ही नेपाल के भारत के साथ रिश्ते सामान्य नहीं हैं। दोनों देशों की सीमा पर तनाव अब भी बना हुआ है। ऐसे में नेपाल के ऐसे नागरिक जिनका कारोबार भारतीय सीमा के भीतर था, उन्हें काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। नेपाल में कारोबार करने वाले वहीं स्थानीय भारतीय व्यापारी भी परेशान हैं। भारतीय सेना या अन्य सरकारी विभागों में नौकरी करने वाले नेपाली पेंशनभोगी भी अभी तक अपने पेंशन नहीं ले पा रहे थे। पेंशन लेने आए नेपाली नागरिक कारण था, भारत और नेपाल के बीच बने सस्पेंशन ब्रिज का बंद हो जाना। बुधवार को जब यह पुल पांच घंटे के लिए खोला गया तो पेंशनभोगी नेपाली नागरिक अपने बैंकों पर जा सके। उन्होंने विभिन्न बैंकों और पोस्ट ऑफिस में जाकर अपने पेंशन के पैसे निकाले। धारचूला के तहसीलदार मोहन गोस्वामी ने बताया कि नेपाली नागरिकों के लिए बुधवार को ब्रिज सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे कर के लिए खोला गया था। गोस्वामी ने बताया कि इस दौरान 238 नेपाली नागरिकों ने सीमा के उस पार से भारत में प्रवेश किया। वहीं 151 भारतीय नागरिक भी नेपाल गए। भारत आने वाले ज्यादातर नेपाली नागरिक भारत में सरकारी सेवाओं से रिटायर हुए लोग थे। अपने पेंशन के पैसों के लिए वह भारत आए थे। तहसीलदार ने बताया कि गेट को दोहपर दो बजे बंद कर दिया गया।
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