करन खुराना, हरिद्वार कोरोना महामारी के बीच घोषित लॉकडाउन में महीनों ठप पड़े व्यापार को अभी गति मिलनी शुरू ही हुई थी कि उतर प्रदेश सिंचाई विभाग की ओर से गंगा बंदी का फैसला लिया गया है। इसके तहत 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक गंगा का प्रवाह ऊपरी गंग नहर में नहीं होगा। ऐसे में स्थानीय व्यापारियों में गुस्सा है। व्यापारियों ने विरोध-प्रदर्शन अपना विरोध जताया है। जानकारी के अनुसार, हर साल हरिद्वार में गंगा सफाई हेतु गंगा बंदी की जाती है। इसमें दशहरा की रात से दीवाली की रात तक ऊपरी गंग नहर बंद रहती है। ऊपरी गंग नहर पर पूरा शहर बसा है। हरकी पौड़ी से डाम कोठी तक सारे होटल और यात्री बाहुल्य क्षेत्र हैं। इसी जगह पर गंगा जल नहीं होने की वजह से व्यापार में समस्या पैदा होती है। 15 अक्टूबर की रात से 15 नवंबर तक ऊपरी गंगनहर बंद उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के सचिव ने आदेश जारी करते हुए बताया कि उत्तराखंड शासन का जो पत्र प्राप्त हुए उसमें हुए अनुरोध के अनुसार यह निर्देश दिए जाते हैं कि कुंभ मेला 2021 के कार्य के चलते 15 अक्टूबर की रात से 15 नवंबर तक ऊपरी गंगनहर को बंद किया जाएगा। व्यापारी वर्ग का नहीं किया ख्याल महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने कहा कि इस साल पिछले 15 दिन से व्यापार शुरू हुआ है और अक्टूबर में ही का फैसला व्यापार और व्यापारी हित में नहीं है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री संजय त्रिवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को सभी व्यापारियों ने विरोध दर्ज कराया।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/318JHaE
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें