गुरुवार, 29 अक्टूबर 2020

पत्रकार शर्मा पर मानहानि का मामला करने पर विचार :प्रोफेसर हरेंद्र रावत

देहरादून, 29 अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए कथित तौर पर झारखंड के एक व्यक्ति से धन प्राप्त करने संबंधी आरोपों पर पत्रकार उमेश शर्मा के विरुद्ध मामला दर्ज कराने वाले सेवानिवृत्त प्रोफेसर हरेंद्र रावत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका या उनकी पत्नी की मुख्यमंत्री की पत्नी से दूर की भी कोई रिश्तेदारी नहीं है और वह इस संबंध में पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने पर भी विचार कर रहे हैं । प्रोफेसर रावत ने यहां ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से बातचीत में कहा कि सोशल मीडिया के जरिए उन पर और उनकी पत्नी डॉ सविता रावत पर लगाए गए आरोप बिल्कुल झूठे और बेबुनियाद हैं जिनसे उनके परिवार के साथ ही मुख्यमंत्री रावत की भी छवि धूमिल हुई है । दरअसल इस वर्ष 24 जून को शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला था जिसमें दावा किया गया कि झारखंड के अमृतेश चौहान ने नोटबंदी के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से व्यक्तिगत लाभ लेने के लिए रिटायर्ड प्रोफेसर हरेंद्र रावत और उनकी पत्नी डॉ सविता रावत के खाते में पैसे जमा कराए । इस पोस्ट में यह भी दावा किया गया था कि डॉ सविता रावत मुख्यमंत्री रावत की पत्नी की सगी बहन हैं । इस पोस्ट में अपने दावे के समर्थन में उक्त बैंक खाते में हुए लेन-देन का विवरण भी डाला था । सेवानिवृत्त प्रोफेसर रावत ने 31 जुलाई को इन आरोपों को झूठा और आधारहीन बताते हुए शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्रोफेसर रावत ने बताया कि उन्होंने उत्तराखंड पुलिस से आरोपों की जांच एक विशेष जांच दल (सिट) द्वारा कराए जाने का अनुरोध किया था और उसकी रिपोर्ट में भी ये आरोप निराधार और झूठे निकले । प्रोफेसर रावत ने इस बात पर आश्चर्य के साथ ही नाराजगी भी प्रकट की कि उनके बैंक खातों के नम्बर शर्मा को कैसे मिले और उन्हें कैसे सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर दिया गया । उन्होंने कहा, ‘‘मैं बैंकों के खिलाफ कुछ नहीं कह सकता लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि गोपनीय जानकारी कैसे साझा कर दी गयी।’’ ह्रदय की शल्य चिकित्सा के बाद स्वास्थ्यलाभ कर रहे प्रोफेसर रावत ने कहा कि इस मामले में अपनी छवि खराब होने से वह आहत हैं और वह पत्रकार शर्मा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने पर विचार कर रहे हैं । यह पूछे जाने पर कि इस मामले में आपका नाम ही क्यों घसीटा गया, प्रोफेसर रावत ने कहा कि यह एक जांच का विषय है लेकिन उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री रावत जब 2011 में कृषि मंत्री थे, उस दौरान वह उनके कृषि सलाहकार थे और संभवत: इसीलिए उनका नाम लिया गया होगा । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि बिगाड़ने के मामले में दर्ज की गयी प्राथमिकी को रद्द कर दिया और मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए ।


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