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ऋषिकेश, 17 नवम्बर (भाषा) जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व की ढिकाला रेंज के तुन भूजी क्षेत्र से शनिवार सुबह पकड़े गए बूढ़े आदमखोर बाघ को उसकी खतरनाक प्रवृत्ति के मद्देनजर नैनीताल जिले के रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर में रखा जाएगा। रिजर्व के डॉयरेक्टर राहुल ने बताया कि पकड़े गए बाघ की उम्र 13 वर्ष है। उसके कैनाइन और अन्य दाँतों के बिलकुल घिसने तथा मसूडों के कमजोर होकर सिकुड़ने के कारण यह स्वयं अपने लिए प्राकृतिक रूप से शिकार करने लायक नहीं है। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में पहुंचने के बाद बाघ बहुत खतरनाक हो जाता है। ऐसे में उसे रेस्क्यू सेंटर या चिड़ियाघर में रखना ही सुरक्षित विकल्प है। राहुल ने कहा कि इस बाघ के भविष्य को लेकर एक समिति गठित की गयी थी जिसने व्यापक रूप से हर पहलू पर विचार कर उसे फिलहाल रानीबाग के रेस्क्यू सेंटर में रखने का फैसला लिया। तुन भूजी के जंगल मे ढिकाला का स्टाफ पालतू हाथियों से इस बाघ की गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए थे और जानकारी मिल रही थी कि वह इलाके की अन्य बाघिनों द्वारा मारे गए शिकारों का नरम हिस्सा खा कर जीवित था। पन्द्रह नवंबर की सुबह कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सक दुष्यंत शर्मा ने इस बाघ को बेहोश किया और इसके गले मे रेडियो कॉलरिंग लगाकर पिंजरे में बन्द कर दिया। इस बूढ़े बाघ पर तीन वन श्रमिकों को मार कर खाने का आरोप है। इस बाघ ने दो वन श्रमिकों को तुनभूजी के जंगल में और एक अन्य को खिनानौली वन क्षेत्र में मारा था। आखिरी घटना इसी वर्ष 16 अगस्त की है। चूंकि 15 नवम्बर को रिजर्व का ढिकाला जोन पर्यटकों के रात्रि विश्राम के लिए खोले जाने के मद्देनजर कॉर्बेट प्रशासन व राज्य सरकार के लिए यह जरूरी हो गया था कि उस आदमखोर बाघ को पिंजरे में बंद कर दिया जाये।
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