देहारदून/नैनीताल: उत्तराखंड में लगातार भारी बर्फबारी () ने यहां के जनजीवन को बुरी तरफ प्रभावित किया है। लोगों का कहना है कि उन्होंने पिछले 19 साल में ऐसी रेकॉर्डतोड़ बर्फ देखी है। नैनीताल के ऊंचाई वाले इलाकों में दो फुट से अधिक, तो शहर में एक फुट तक मोटी बर्फ की चादर बिछी है। रामगढ़, मुक्तेश्वर धानाचूली, कसियालेख, पहाड़पानी जैसे इलाकों में भारी बर्फ पड़ी है। मुनस्यारी और धारचूला का दो-तिहाई हिस्सा बर्फ से ढक चुका है। बिजली लाइन क्षतिग्रस्त होने से लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। अकेले पौड़ी जिले के करीब एक दर्जन गांवों में अंधेरा पसर गया है। यही हालत बाकी पहाड़ी जिलों में भी है। दिन में आवाजाही ठप है, तो रात में बत्ती गुल। अधिकांश ऊंचाई वाली जगहों पर पेयजल के स्रोत जम चुके हैं। लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है। मुनस्यारी को जोड़ने वाली दोनों सड़कें बंद हो चुकी हैं। थल-मुनस्यारी, कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग, तवाघाट-नारायण आश्रम, नारायण आश्रम-सिर्खा, मदकोट-बौना मार्ग बंद हैं। धारचूला की चौदास, व्यास और दारमा घाटियां अलग-थलग पड़ चुकी हैं। प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें जगह-जगह जेसीबी लगाकर बर्फ हटाने में लगी हैं। सड़कें बंद होने से और बढ़ा संकट अल्मोड़ा जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले 11 रास्ते बंद हैं। पिथौरागढ़ के थल-मुनस्यारी समेत चार मार्ग, नैनीताल का एक मार्ग और चंपावत जिले में तीन स्टेट हाइवे समेत 8 मार्ग बंद हैं। नैनीताल में नैनीताल-कालाढूंगी, नैनीताल-भवाली, नैनीताल-पंगोट, मुक्तेश्वर मार्ग, रामगढ़-नथुवाखान, पदमपुरी-लोहाघाट मार्ग, नैनीताल के 100 से अधिक इंटरनल रूट बंद हो गए हैं। जगह-जगह रास्तों में पेड़ों के टूटकर गिरने की भी खबरें हैं। मसूरी में बर्फबारी होने से ठंड बढ़ी मसूरी और आसपास के क्षेत्रों में बर्फबारी होने से ठंड काफी बढ़ गई है। इससे बचने के लिए लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं। वहीं, मजदूर वर्ग का हाल बेहाल है। स्थानीय प्रशासन ने शहर के मुख्य चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की है। बर्फबारी के बाद पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। पुलिस ने पर्यटकों के मद्देनजर यातायात को व्यवस्थित करने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है। पुलिस का कहना है कि अगर धनॉल्टी में ज्यादा बर्फबारी होती है, तो वहां लोगों को बेवजह नहीं जाने दिया जाएगा। सिर्फ उन्हीं लोगों को जाने की इजाजत होगी, जिनकी होटल में बुकिंग है। राज्य के पर्यटक स्थल मसूरी, नैनीताल, उत्तरकाशी, टिहरी जैसे जिलों में एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया है। पोलिंग पार्टियां फंसी प्रदेश भर में दिव्यांगों और बुजुर्गों को मतदान कराने के लिए रवाना की गई कई पोलिंग पार्टियां इस बर्फवारी से कई अलग-अलग जगहों मे फंसी बताई जा रही हैं। चमोली जिले में कर्णप्रयाग-रानीखेत नैशनल हाइवे 109 गैरसैंण के पास दिवालीखाल और जंगलचट्टी के बीच भारी बर्फबारी में कई मतदान कर्मियों की टीमें फंस गईं। इन्हें प्रशासन ने बमुश्किल निकाला और जेसीबी की मदद से रास्ता साफ कर आगे भेजा। भारी बर्फबारी को देखते हुए उत्तराखंड के कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। पुलिस फोर्स को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। पर्यटकों से भी सावधानी बरतने की अपील की गई है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा हर स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है। एसडीआरएफ की टीम हर संभव मदद पहुंचा रही है। मसूरी में पर्यटकों की बढ़ी संख्या मसूरी में पर्यटक बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। मसूरी के आसपास बुरांसखंडा, परी टिब्बा और सुरकंडा देवी जैसी जगहों पर जमकर बर्फबारी हुई, जिससे लोग काफी खुश हैं। शहर के लोगों की मानें तो बर्फबारी होने से एक बार फिर उम्मीद जगी है कि मसूरी में पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलेगी और लोगों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।
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