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वन गुज्जरों के साथ हो रहे बर्ताव से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि उसकी ओर से समुदाय के संबंध में पूर्व में दिए गए आदेशों का अब तक पालन क्यों नहीं किया गया है?
पूर्व में मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आदेश दिया था कि कॉर्बेट बाघ अभयारण्य में सोना नदी के तट पर रहने वाले 24 वन गुज्जरों के परिवारों को तीन माह के भीतर दस लाख रुपये दिए जाएं ।
अदालत ने इन परिवारों को छह माह के भीतर जमीन के मालिकाना हक का प्रमाण पत्र देने का भी आदेश दिया था ।
राजाजी पार्क में रहने वाले वन गुज्जरों के निराश्रित परिवारों के लिए भी खाना, आवास, चिकित्सा, विद्यालय, अस्पताल, सड़क और उनके जानवरों के लिए चारे तथा इलाज के लिए पशु चिकित्सकों की व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी थीं ।
अदालत ने कहा कि सरकार को इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करनी थी लेकिन आज तक उसने आदेश का पालन नहीं किया।
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