रावत ने अपनी जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि अगर कुछ पार्टी पदाधिकारी उनके खिलाफ काम नहीं करते तो जीत का अंतर और बड़ा हो सकता था।
रावत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मतदाता भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में थे, खासतौर पर पहाड़ों में। लेकिन जहां तक मेरी सीट का सवाल है तो पार्टी के भीतर ही पद रखने वाले लोगों ने उसके हित के खिलाफ काम किया, नहीं तो जीत का अंतर और बड़ा हो सकता है। हालांकि, इसके बावजूद थोड़े कम अंतर से पार्टी इस सीट पर जीत जाएगी।’’
हालांकि, रावत ने किसी भी पार्टी पदाधिकारी का नाम बताने से इनकार कर दिया जिन्होंने कथित तौर पर उनके खिलाफ काम किया था। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह पदाधिकारियों के नाम का खुलासा पार्टी मंच पर करेंगे।
गौरतलब है कि 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा के लिए 14 फरवरी को मतदान हुआ था और नतीजे 10 मार्च को आएंगे।
हरिद्वार के लक्सर सीट से तीसरी बार अपना भाग्य आजमा रहे भाजपा विधायक एवं प्रत्याशी संजय गुप्ता ने मतदान के एक दिन बाद ही इस तरह का आरोप लगाया था। उन्होंने एक वीडियो संदेश में भाजपा की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष मदन कौशिश और उनके लोगों पर बसपा प्रत्याशी का समर्थन करने और उन्हें हराने की योजना बनाने का आरोप लगाया था।
काशीपुर से विधायक हरभजन सिंह चीमा ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं पर इसी तरह का आरोप लगाया था जिनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को उनके अनुरोध पर पार्टी ने इस सीट से प्रत्याशी बनाया है। देहरादून छावनी सीट से भाजपा प्रत्याशी सविता कपूर और चंपावत विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने भी इसी तरह का आरोप लगाया था।
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