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ओम प्रकाश भट्ट, चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा हादसे () के एक साल बाद भी मलबे में दबे शव मिलते जा रहे हैं। मंगलवार को तपोवन में 520 मेगावाट की नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन की तपोवन विष्णुगाढ़ जल विधुत परियोजना की सुरंग के अंदर मलबे को साफ करते समय एक शव बरामद किया गया। सूचना पर जोशीमठ पुलिस ने शव के पोस्टमॉर्टम की औपचारिकता पूरी की। जोशीमठ थाने के एसओ राजेन्द्र सिंह खोलिया ने बताया कि मगंलवार को सुरंग के मलबे की सफाई के दौरान एक शव बरामद हुआ है। शव का पोस्टमॉर्टम कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि शव की पहचान हादसे के दौरान वहां कार्य कर रहे ऋत्विक कंपनी के अधिकारी रहे गौरव के रूप में हुई है। हादसे में बर्बाद हुई थीं दो परियोजनाएं एनटीपीसी की यह परियोजना, रैणी की जल विद्युत परियोजना के साथ 7 फरवरी 2021 को ऋषिगंगा में आई बाढ़ के मलबे से क्षतिग्रस्त हो गई थी। बाढ़ से रेणी की परियोजना तो पूरी तरह नष्ट हो गई थी और तपोवन की इस परियोजना का बैराज और निमार्णाधीन टनले बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसमें वहां कार्य कर रहे अधिकतर लोग मलबे में दबने से मारे गए थे। तपोवन में एनटीपीसी की साइड पर ऋत्विक कंपनी के 21, उसकी सहयोगी कंपनी के 94, हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी 3, ओम मेटल के 21 लोग वहां हादसे में दफन हो गए थे। यहां राहत और बचाव कार्य में जुटी एजेंसियों ने भी काफी समय पहले अपना बचाव अभियान समेट लिया था। एनडीआरएफ ने अपना बचाव अभियान बंद कर दिया था नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और राज्य के आपदा प्रबंधन के बचाव दल आपदा के बाद कई महीनों तक वहां राहत और बचाव में जुटे रहे। कुछ माह पहले इन्होंने अपना कार्य समेट लिया था और वापस लौट आये थे। राहत दलों के कई महीनों के प्रयासों से यहां शव और मानव अंगों को मलबे से निकाला गया था। परियोजना का निर्माण कार्य शुरू इन दिनों एनटीपीसी की ओर से यहां पर फिर से कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके तहत टनल में जमा मलबे को हटाने और खुदाई का कार्य किया जा रहा है। कुछ दिन पूर्व ही केन्द्रीय उर्जा सचिव ने भी एनटीपीसी की तपोवन की बैराज साइट का दौरा कर कार्यो की प्रगति की समीक्षा की थी। इस हादसे में सरकार की ओर से अधिकृत रूप से 206 लोगों के दबने की जानकारी दी थी। राहत एवं बचाव दल की ओर से 135 शब बरामद होने की बात कही गई थी। इसमें से बड़ी संख्या में मानव अंग भी शामिल हैं।
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