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कोटद्वार की रहने वाली मेडिकल की अंतिम वर्ष की छात्रा पायल पंवार ने कहा कि यूक्रेन में फंसे छात्रों को भारत सरकार और भारतीय दूतावास की मदद की जरूरत है।
छात्रा ने कहा, ‘‘जब आप सीमा पार कर लेते हैं तो आपकी समस्याओं का अंत हो जाता है, लेकिन जब तक आप यूक्रेन में हैं, तब तक हालात मुश्किल हैं क्योंकि खाद्य आपूर्ति तेजी से समाप्त हो रही है और एटीएम में भी नकदी नहीं है। फंसे हुए छात्रों को यूक्रेन की सीमा के भीतर रहते हुए भारतीय अधिकारियों की सहायता की जरूरत है।’’
आपबीती सुनाते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेन से बाहर आने के लिए रोमानिया की सीमा तक पहुंचने के लिए 60—70 भारतीय छात्रों को एक बस में यात्रा करनी पड़ी और हाड़ कंपा देने वाली सर्दी (कड़ाके की ठंड) में 8—10 किलोमीटर की दूरी भी पैदल तय करनी पड़ी।
पंवार ने बताया कि ज्यादातर एटीएम से नकदी नहीं है और कई जगहों पर खाद्य आपूर्ति के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं।
पंवार घर लौट कर खुश हैं और राहत की सांस ले रही हैं, लेकिन उन्हें अभी भी खारकीव में फंसे अपने भाई की चिंता सता रही है।
रूस के हमले के बाद खराब हुए हालात के बीच यूक्रेन के विभिन्न शहरों में पढाई कर रहे उत्तराखंड के करीब 22 छात्र अब तक अपने घर लौट चुके हैं।
लक्ष्मणझूला पुलिस थाना अधिकारी वीरेंद्र रमोला ने बताया कि रविवार की देर रात 50 वर्षीय मदन दास अपने दो मित्रों के साथ सड़क के किनारे सो रहा था कि तभी हाथी की तेज चिंघाड़ से उसकी आंख खुल गयी ।
जागने के बावजूद दास दूर तक नहीं भाग पाया और हाथी ने उसे अपने पांव तले कुचल कर मौत के घाट उतार दिया । हांलांकि, इस बीच उसके दोनों मित्रों ने भागकर अपनी जान बचा ली ।
क्षेत्र के रिहायशी इलाके में एक हाथी के घूमने से लोगों और प्रशासन में भय बना हुआ है जबकि इन दिनों नीलकंठ यात्रा के लिए वहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी ने चिंता और बढा दी है ।
इस बारे में रमोला ने कहा कि ताजा घटना के बाद क्षेत्र में खासतौर पर जंगलों से सटे इलाकों में गश्त बढा दी गयी है और श्रद्धालुओं को शाम चार बजे के बाद नीलकंठ मंदिर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है ।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यूक्रेन के विभिन्न शहरों में रह रहे इन छात्रों का नई दिल्ली में प्रदेश के अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा ने स्वागत किया। इस दौरान छात्रों के अभिभावक और राज्य के सहायक प्रोटोकाल अधिकारी मनोज जोशी व दीपक चमोली भी उपस्थित थे।
उत्तराखण्ड सरकार यूक्रेन में निवासरत राज्य के सभी छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिये भारत सरकार के लगातार सम्पर्क में है। विदेश मंत्रालय द्वारा यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, यूक्रेन में प्रदेश के 150—200 लोग रह रहे हैं।
एसडीआरएफ सूत्रों ने बताया कि सुबह शिवपुरी क्षेत्र के ऊपर तीन ट्रैकरों के फंसे होने की जानकारी मिली जिसके बाद उप निरीक्षक नीरज चौहान के नेतृत्व में एक टीम को तत्काल मौके पर रवाना किया गया ।
सूत्रों ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचने पर पता चला कि तीनों ट्रैकर शनिवार रात होटल से ट्रैकिंग करने के लिए गए थे जो रास्ता भटक गए । उन्होंने बताया कि इनमें दो किसी तरह रास्ता खोजते नीचे आ गए लेकिन एक ट्रैकर मार्ग से भटक गया ।
उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ टीम ने लगातार छह घंटे की तलाश एवं बचाव अभियान के बाद ट्रैकर को ढूंढ लिया । उन्होंने बताया कि टैकर चलने में असमर्थ था इसलिए टीम ने उसे घने जंगल के लंबे एवं कठिन मार्ग पर पीठ पर उठा कर बाहर निकाला।
उन्होंने बताया कि सुरक्षित बाहर निकाले गए ट्रेकर की पहचान मेरठ के गांधी नगर निवासी 23 वर्षीय पर्व गर्ग के रूप में हुई है ।
उत्तराखंड पुलिस ने इस संबंध में एक वीडियो भी ट्विटर पर साझा किया है जिसमें ट्रैकर एसडीआरएफ टीम का उन्हें बचाने के लिए आभार व्यक्त कर रहे हैं ।
धामी ने यहां पत्रकारों से कहा, ''यूक्रेन में फंसे 188 लोगों के माता-पिता और रिश्तेदारों ने अब तक उनके बारे में टोल फ्री नंबरों पर जानकारी प्रदान की है। क्योंकि यूक्रेन में संकट के बाद उड़ानों का संचालन को निलंबित कर दिया गया है, इसलिये पोलैंड और अन्य देशों के माध्यम से उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। ''
धामी ने कहा, ''हम विदेश मंत्रालय के लगातार संपर्क में हैं। मैंने शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की। उन्होंने हमें यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड से सभी लोगों को सुरक्षित निकालने का आश्वासन भी दिया।''
उत्तराखंड के बड़ी संख्या में छात्र यूक्रेन के शहरों जैसे कीव, लविव और खार्कीव में पढ़ाई कर रहे हैं और उनकी सलामती को लेकर अभिभावक और माता-पिता चिंतित हैं।
राज्य के गृह विभाग के अपर सचिव ऋद्धिम अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार शाम तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हरिद्वार से 26, नैनीताल से 22, ऊधमसिंह नगर से 20, पौड़ी से 13, टिहरी से 10, उत्तरकाशी से सात, रुद्रप्रयाग से पांच, चंपावत से चार, पिथौरागढ़ और चमोली से दो-दो जबकि अल्मोड़ा का एक व्यक्ति यूक्रेन में फंसा हुआ है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की थी। डोभाल ने यूक्रेन में फंसे हुए उत्तराखंड के लोगों को सुरक्षित निकालने का आश्वासन दिया था।
धामी ने मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की और उन्हें यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्रों समेत अन्य लोगों के माता-पिता और अभिभावकों के साथ लगातार संपर्क में रहने को कहा।
मुख्यमंत्री ने छात्रों के माता-पिता से नहीं घबराने की अपील करते हुए कहा कि सरकार संकटग्रस्त यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए उच्चतम स्तर पर सभी प्रयास कर रही है।
उत्तराखंड में वरिष्ठतम वन अधिकारी होने का दावा करने वाले भरतरी को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन में हुए अवैध निर्माण के आरोपों के बाद पिछले साल नवंबर में वन विभाग के प्रमुख पद से हटाकर उत्तराखंड जैवविविधता बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था।
स्थानांतरण की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली भरतरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के कार्यवाहक न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
भरतरी ने याचिका में कहा है कि वह प्रदेश में भारतीय वन सेवा के वरिष्ठतम अधिकारी हैं लेकिन राज्य सरकार ने 25 नवंबर, 2021 को उन्हें वन विभाग के प्रमुख के पद से हटाकर बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया जो संविधान के विरूद्ध है।
भरतरी ने याचिका में दावा किया है कि उनके तबादले का एक कारण कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हुआ अवैध निर्माण भी है।
बताया जा रहा है कि भरतरी इन निर्माण कार्यों की जांच कर रहे थे जिसके कारण उनका तबादला कर दिया गया। आरोप है कि तत्कालीन वन मंत्री (हरक सिंह रावत) एक अन्य अधिकारी के समर्थन से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण कार्यों की जांच की दिशा को भटकाने के लिए उन्हें वन विभाग के प्रमुख के पद से हटाना चाहते थे।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि उन्होंने इस संबंध में राज्य सरकार को चार ज्ञापन भी सौंपे लेकिन सरकार ने इनमें से एक का भी जवाब नहीं दिया।
भरतरी ने याचिका में यह भी दावा किया है कि उनके तबादले के पीछे राजनीतिक कारण थे और यह उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन भी है।
नरेंद्रनगर के उपजिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि अब तक ऐसे करीब 20 कैंप को हटाया जा चुका है।
यह कार्रवाई टिहरी की जिलाधिकारी ईवा श्रीवास्तव के आदेश पर की गयी है ।
इससे पहले, नरेंद्र नगर के प्रभागीय वन अधिकारी राजीव धीमान ने श्रीवास्तव को एक पत्र लिखकर उनका ध्यान प्राधिकरण के आदेशों का उल्लंघन करते हुए शिवपुरी में संचालित हो रहे अवैध बीच कैंप गतिविधियों की ओर दिलाया था।
बताया जा रहा है कि यह वीडियो पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र का है ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या से मिलकर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि सेना के मतदाताओं के लिए तैयार किए गए डाक मतपत्र उन तक कभी नहींं पहुंचे ।
ज्ञापन में कहा गया है कि यह सेना के मतदाताओं के मताधिकार का हनन है ।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार ने बताया कि डाक मतपत्रों में भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवारों के पक्ष में की गयी कथित छेड़छाड़ के सबूत के तौर पर वायरल वीडियो की क्लिप भी दी गयी है ।
पार्टी ने यह भी मांग की है कि सैनिकों, मतदान ड्यूटी में लगे कर्मिकों, 80 साल से अधिक के बुजुर्गों तथा शारीरिक रूप से दिव्यांगों के लिए डाक मतपत्रों के जरिए मतदान की प्रक्रिया को पारदर्शी रखा जाना चाहिए ।
आयोग इस मामले में पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी को पहले ही रिपोर्ट देने का निर्देश दे चुका है ।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि वीडियो पर पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गयी है और उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी ।
सेना की वर्दी पहने एक व्यक्ति के कथित तौर पर कई डाक मतपत्रों पर निशान लगाने और दस्तखत करने संबंधी वीडियो को मंगलवार को ट्विटर पर साझा करते हुए कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा था कि क्या चुनाव आयोग इसका संज्ञान लेगा?
इस बीच, पिथौरागढ़ के पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने बताया कि डीडीहाट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप पाल की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं और जन प्रतिनिधि अधिनियम के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है ।
उन्होंने बताया कि वीडियो की सत्यता के बारे में पता लगाया जा रहा है ।
इससे पहले, डीडीहाट से भाजपा प्रत्याशी और कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने भी दावा किया था कि उन्हें यह वीडियो 20-21 फरवरी को मिला था जिसके बारे में उन्होंने डीडीहाट के निर्वाचन अधिकारी और पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी दोनों को अवगत कराते हुए कार्रवाई का आग्रह किया था ।
पीएमओ के एक अधिकारी के हवाले से धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उत्तराखंड सहित देश के सभी नागरिकों की यूक्रेन से सुरक्षित वापसी के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से भी मामले को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा, “यूक्रेन में फंसे प्रत्येकक उत्तराखंडी को सही सलामत वापस लाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।”
यूक्रेन के कीव, लीव और खारकिव आदि शहरों में पढ़ रहे उत्तराखंड के छात्रों के अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के नागरिकों की सुरक्षित वापसी के प्रयास करने का आग्रह किया था।
गोदियाल ने यहां संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से आवश्यक होने पर सरकार के अपने संसाधनों से विशेष विमान की व्यवस्था करने को कहा था, ताकि यूक्रेन में फंसे राज्य के नागरिकों को वहां से यहां लाया जा सके।
हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया, “मुझे नहीं लगता कि वे कुछ करेंगे। वे असंवेदनशील लोग हैं, जो जनहित के मामलों की परवाह नहीं करते।”
उच्च न्यायालय के कार्यवाहक न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख नौ मार्च तय की ।
नैनीताल निवासी अजित सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर दावा किया है कि नैनीताल जिले के 42,300 किसानों ने 2020 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एसबीआई जनरल बीमा कंपनी से अपनी खरीफ की फसल का बीमा कराया था ।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि डेटा एंट्री करने वाली मुंबई की एक कंपनी ने गलत आंकड़े भर दिए जिसके कारण किसानों को बीमा दावे के रूप में बहुत कम पैसा मिला जबकि कई किसानों को तो कुछ भी नहीं मिला।
याचिका में एसबीआई जनरल बीमा कंपनी और डेटा एंट्री करने वाली मुंबई की कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने तथा किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा देने का आग्रह किया गया है।
उच्च न्यायालय ने भरतरी की याचिका पर सुनवाई के लिए 25 फरवरी की तारीख तय की है ।
पिछले साल नवंबर में भरतरी को प्रदेश के वन प्रमुख के पद से हटाकर राज्य जैव विविधता बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था ।
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की ओर से सरकार को चार बार ज्ञापन दिया गया लेकिन सरकार ने उनमें से किसी का भी जवाब नहीं दिया ।
अपने तबादले को राजनीतिक कारणों से प्रेरित बताते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि वह राज्य में सबसे वरिष्ठतम वन अधिकारी हैं और तबादला उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है ।
वन गुज्जरों के साथ हो रहे बर्ताव से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि उसकी ओर से समुदाय के संबंध में पूर्व में दिए गए आदेशों का अब तक पालन क्यों नहीं किया गया है?
पूर्व में मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आदेश दिया था कि कॉर्बेट बाघ अभयारण्य में सोना नदी के तट पर रहने वाले 24 वन गुज्जरों के परिवारों को तीन माह के भीतर दस लाख रुपये दिए जाएं ।
अदालत ने इन परिवारों को छह माह के भीतर जमीन के मालिकाना हक का प्रमाण पत्र देने का भी आदेश दिया था ।
राजाजी पार्क में रहने वाले वन गुज्जरों के निराश्रित परिवारों के लिए भी खाना, आवास, चिकित्सा, विद्यालय, अस्पताल, सड़क और उनके जानवरों के लिए चारे तथा इलाज के लिए पशु चिकित्सकों की व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी थीं ।
अदालत ने कहा कि सरकार को इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करनी थी लेकिन आज तक उसने आदेश का पालन नहीं किया।
इस संबंध में नरेंद्रनगर के जिला प्रभागीय वन अधिकारी राजीव धीमान ने टिहरी की जिलाधिकारी इवा श्रीवास्तव को एक पत्र लिखकर उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है। उन्होंने अवगत कराया कि कैसे प्राधिकरण के आदेशों का उल्लंघन करते हुए शिवपुरी में बीच कैंपिंग गतिविधियां चलाई जा रही हैं।
धीमान ने जिलाधिकारी ने इस संबंध में उचित कार्रवाई करने का भी आग्रह किया है। अधिकारी ने बताया कि शिवपुरी संरक्षित वन और सिविल क्षेत्रों में चिह्नित किए गए उन 25 स्थानों की सूची में शामिल नहीं है जहां बीच कैंपिंग गतिविधियों की अनुमति है। गंगा नदी के किनारे 100 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित संरक्षित वन क्षेत्र में 13 स्थानों और सिविल क्षेत्र में 12 स्थानों पर ही बीच कैंपिंग गतिविधियों की अनुमति दी गयी है । संपर्क किए जाने पर श्रीवास्तव ने कहा कि शिवपुरी क्षेत्र में बीच कैंपिंग गतिविधियों को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं ।
देहरादून में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन ने वीडियो को लेकर कांग्रेस और रावत पर भ्रम फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा, '‘हरीश रावत डाक मतपत्र संबंधी जिस वीडियो को वायरल कर रहे हैं, उसके बारे में भाजपा पहले ही डीडीहाट में अपनी शिकायत दे चुकी है।’’
भसीन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के अन्य नेताओं को यह मालूम होना चाहिए कि डीडीहाट में भाजपा द्वारा पहले ही इस मामले की शिकायत सक्षम निर्वाचन अधिकारियों से की जा चुकी है और इसकी सच्चाई की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम पारदर्शी चुनाव प्रणाली के पक्ष में रहे हैं। लेकिन कांग्रेस का इतिहास दागदार है।’’उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की विजय और अपनी पराजय को कांग्रेस नेता भी महसूस कर रहे हैं और इसलिए कांग्रेस चुनाव में हार को लेकर बहाने खोज रही है। भाजपा नेता ने कहा कि इसी के चलते कांग्रेस कभी ईवीएम पर सवाल खड़े कर रही है, तो कभी डाक मतपत्र पर।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर भाजपा के डीडीहाट से प्रत्याशी और कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने बताया कि उन्हें दो-तीन दिन पहले यह वीडियो मिला था। उन्होंने कहा कि इसे देखने के बाद उन्होंने डीडीहाट के निर्वाचन अधिकारी और पिथौरागढ के जिलाधिकारी, दोनों से इस बारे में शिकायत करते हुए कार्रवाई का आग्रह किया। रावत ने मंगलवार को ट्विटर पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा था, ‘‘एक छोटा वीडियो सबकी जानकारी के लिए वायरल कर रहा हूं, इसमें एक आर्मी के सेंटर में किस प्रकार से एक ही व्यक्ति सारे वोटों को टिक कर रहा है और यहां तक कि सभी लोगों के हस्ताक्षर भी वही कर रहा है, उसका एक नमूना देखिए। क्या चुनाव आयोग इसका संज्ञान लेना चाहेगा?’’
पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने ट्विटर पर वीडियो को साझा करते हुए आरोप लगाया कि वीडियो में सेना के एक केंद्र में किस प्रकार से एक ही व्यक्ति सारे डाक मत पत्रों पर निशान लगा रहा है और यहां तक कि सभी लोगों के हस्ताक्षर भी वही कर रहा है, उसका एक नमूना देखिए । उन्होंने पूछा क्या चुनाव आयोग इसका संज्ञान लेना चाहेगा?
वीडियो के संबंध में पूछे जाने पर रावत के प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार ने इसके स्रोत से जुड़ी जानकारी साझा करने से इनकार किया, लेकिन दावा किया कि यह वीडियो उत्तराखंड का ही है।
उन्होंने कहा कि अभी पार्टी ने चुनाव आयोग को सीधे तौर पर कोई ज्ञापन या शिकायत नहीं दी है लेकिन आयोग इस पर स्वत: संज्ञान ले सकता है।
ट्वीट को जहां भाजपा ने इसे कांग्रेस की 'हताशा' बताया है, वहीं कांग्रेस नेताओं ने इसे 'लोकमंत्र का मखौल' बताते हुए चुनाव आयोग से वीडियो का संज्ञान लेते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
प्रदेश कांग्रेस ने रावत के ट्वीट को रिट्वीट किया है और निवर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने आरोप लगाया, “लोकतंत्र का मखौल उड़ाते इस वीडियो में सेना के एक केंद्र में मतदाताओं से वोट डलवाने के बजाय एक ही व्यक्ति अपने पसंदीदा राजनीतिक दल के सामने निशान लगाकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को धता बता रहा है और यहां तक कि वह सभी मतदाताओं के फर्जी हस्ताक्षर भी कर रहा है ।”
सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग को वीडियो का संज्ञान लेकर दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए । उधर, भाजपा ने रावत के इस ट्वीट को कांग्रेस की हताशा बताया है ।
प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि अपनी संभावित हार को देखते हुए पार्टी ईवीएम के बाद अब डाक मतपत्रों को लेकर आरोप लगा रही है ।
चौहान ने कहा, “ कांग्रेस जानती है कि जनता उसके बहकावे में नहीं आयी और इसलिए वह अब ऐसे हथकंडे अपना रही है ।”
उन्होंने कहा कि सेना को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए और कांग्रेस को वीडियो की प्रमाणिकता साबित हुए बिना ऐसे आरोपों से बचना चाहिए । भाजपा नेता ने कहा, “सेना के मतदान पर ऐसा आरोप नहीं लगाया जाना चाहिए लेकिन कांग्रेस हमेशा से ही सैनिकों के मामले में कितनी शिष्ट रही है, यह देश जानता है ।”
पुलिस ने बताया कि कुमांउ क्षेत्र के चंपावत जिले में सोमवार देर रात सुखीढांग-डांडामिनार मार्ग पर बुडम और ककनई के बीच एक वाहन गहरे खड्ड में जा गिरा जिससे उसमें सवार 14 लोगों की मौत हो गयी और दो अन्य घायल हो गये।
चंपावत के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा ने बताया कि खड्ड से 12 शव बरामद हो चुके हैं जब कि अन्य को बाहर निकालने का काम जारी है। उन्होंने बताया कि मरने वालों में पांच महिलाएं और दो बच्चे भी शामिल हैं। दुर्घटना में घायल हुए लोगों का अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।
हादसे की जानकारी देर रात तीन बजे मिल पायी जिसके बाद तलाश एवं बचाव टीमों को मौके पर भेजा गया। दुर्घटना के समय वाहन टनकपुर के पंचमुखी धर्मशाला में एक विवाह समारोह में शिरकत कर लौट रहे लोगों को लेकर डांडा ककनई गांव आ रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को पचास-पचास हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
पौडी जिले में हुई एक अन्य सड़क दुर्घटना में एक कार के गहरे खड्ड में गिर जाने से उसमें सवार तीन शिक्षकों की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए।
कोटद्वार के पुलिस क्षेत्राधिकारी गणेश लाल कोहली ने बताया कि दुर्घटना मंगलवार सुबह लगभग 10 बजे हुई जब कोटद्वार से गुमखाल की ओर जा रही एक कार खड्ड में गिरने से हुई।
उन्होंने बताया कि मरने वालों में दो शिक्षिकाएं— कोटद्वार की रहने वाली पूनम रावत (45) और वंदना भंडारी (42) तथा एक शिक्षक दीपक शाह (38) शामिल हैं।
घायलों में एक शिक्षक तथा दूसरा कार चालक है जिन्हें कोटद्वार के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि ये सभी शिक्षक रोजाना इस मार्ग पर आवाजाही करते थे।
एक अन्य दुर्घटना ऋषिकेश के निकट मुनि की रेती क्षेत्र में हुई जहां ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गूलर के समीप एक कार के खड्ड में गिरने से दो व्यक्तियों की मौत हो गयी और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
मुनि की रेती के पुलिस थाना प्रभारी रितेश शाह ने बताया कि दुर्घटना में दोनों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि हादसे के समय कार श्रीनगर से ऋषिकेश जा रही थी। घायलों को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) से मिली जानकारी के अनुसार, देर रात करीब 10 बजे हुए हादसे के समय वाहन में 15 बाराती सवार थे जिसमें से 13 की मृत्यु हो गयी।
बल के मुताबिक शवों को खड्ड से बाहर निकालने की कार्रवाई की जा रही है। दोनों घायलों को चंपावत के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।
हादसे की जानकारी मध्यरात्रि के बाद तीन बजे मिल पायी जिसके बाद तलाश एवं बचाव टीमों को मौके पर भेजा गया।
दुर्घटना के समय मैक्स वाहन टनकपुर के पंचमुखी धर्मशाला में आयोजित एक विवाह समारोह में शिरकत कर लौट रहे बारातियों को लेकर डांडा ककनई गांव आ रहा था।
चंपावत के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा ने बताया कि खड्ड से पांच शवों को बाहर निकाला जा चुका है जबकि अन्य शवों को निकालने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि घायलों को चंपावत के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
चंपावत जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, देर रात 10 बजे हुए हादसे की सूचना मध्यरात्रि के बाद तीन बजे मिल पायी जिसके बाद तलाश एवं बचाव टीमों को मौके पर भेजा गया।
उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त मैक्स वाहन टनकपुर में आयोजित एक विवाह समारोह में शिरकत कर लौट रहे बारातियों को लेकर डांडा ककनाई गांव जा रहा था।
न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 23 फरवरी से पहले इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। जमानत याचिका पर आगे की सुनवाई 23 फरवरी को होगी।
हरिद्वार के ज्वालापुर इलाके के निवासी नदीम अली की शिकायत के आधार पर दो जनवरी, 2022 को रिजवी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
पूर्व-मुख्यमंत्रियों ने पद छोड़ने के बाद सरकारी आवास में रहने के दौरान का किराया बाजार भाव से वसूल करने के उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
‘रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटल केंद्र’ के अधिवक्ता ने बताया कि एनजीओ ने सोमवार को दायर जवाबी हलफनामे में चारों याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया है।
उन्होंने बताया कि ये याचिकाएं पूर्व मुख्यमंत्रियों और राज्य सरकार ने 2020 में दायर की थीं । उन्होंने बताया कि मामले की सुनवाई संभवत: 25 फरवरी को होगी ।
पूर्व मुख्यमंत्रियों रमेश पो खरियाल निशंक, भुवन चंद्र खंडूरी और भगत सिंह कोश्यारी तथा राज्य सरकार ने ये याचिकाएं अलग-अलग दायर की हैं ।
उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार मूल्य पर किराए की वसूली के आदेश दिए थे क्योंकि इसके लिए धन सरकारी खजाने से खर्च किया गया था ।
गैर सरकारी संगठन के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कहा कि जब सरकारी धन अवैध तरीके से व्यय किया गया है और पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सरकारी खजाने से जुटाई गई सुविधाओं का गैर कानूनी ढंग से उपयोग किया है तो इस संबंध में उचित किराया बाजार मूल्य पर ही तय होना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्रियों ने पद छोड़ने के बाद सरकारी आवास में रहने की अवधि के लिए सरकारी दर से किराया देने की पेशकश की थी और इस संबंध में उन्होंने कहा था कि बाजार भाव की दर से किराया देना उनकी क्षमता के बाहर है। ये पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी मकानों को पहले ही खाली कर चुके हैं।
रावत ने यहां 'पीटीआई—भाषा' से बातचीत करते हुए कहा, 'अगर 2002 और 2022 के विधानसभा चुनावों की तुलना करें तो हम इस बार ज्यादा अच्छी स्थिति में हैं । वर्ष 2002 में हमने चुनाव अपनी पॉजिटिविटी (सकारात्मकता) पर जीता था जबकि उस वक्त भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी) भी कम थी।'
इस संबंध में उन्होंने कहा, ' 2022 के चुनाव में कांग्रेस में पॉजिटिविटी तो ज्यादा है ही लेकिन 2002 के मुकाबले भाजपा के खिलाफ इस बार सत्ता विरोधी लहर अधिक है । इसलिए हम आश्वस्त हैं कि हम इस बार 45—48 सीटें जीतकर सरकार बना लेंगे ।'
प्रदेश की सभी 70 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान हुआ था जबकि मतों की गणना 10 मार्च को होगी ।
कांग्रेस महा सचिव ने कहा कि 2002 में कांग्रेस की जीत को लेकर सभी संशय में थे लेकिन वह स्वयं इस बात को लेकर बिल्कुल आश्वस्त थे कि पार्टी कम से कम 40 सीटें जरूर जीतेगी ।
वर्ष 2002 के चुनाव में कांग्रेस ने 36 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी । उस समय रावत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उनकी अगुवाई में चुनाव लड़ा गया था ।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जब अपनी चुनाव रैलियों में खासकर बागेश्वर में जबरदस्त उमड़ी भीड़ को देखा तो उन्होंने भी उनकी बात को स्वीकार किया था कि कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है ।
रावत ने बताया कि 2002 के चुनावी नतीजों ने तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भी हतप्रभ कर दिया था । उन्होंने कहा, ' उन्होंने मुझे एक बार कहा कि आप चाय पर आइए और यह बताइए कि आपने चुनाव कैसे जीता ?'
वर्ष 2002 से पहले 30 सदस्यीय अंतरिम विधानसभा में भाजपा की 23 सीटें थी जबकि कांग्रेस के दो विधायक थे ।
हांलांकि, 2012 विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार बनाई लेकिन वह बहुमत के जादुई आंकडे से चार सीटें पीछे रह गयी और उसे उन्होंने निर्दलीयों का सहयोग लेना पड़ा । वर्ष 2012 विधानसभा चुनावों के समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य थे ।
रावत ने अपनी जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि अगर कुछ पार्टी पदाधिकारी उनके खिलाफ काम नहीं करते तो जीत का अंतर और बड़ा हो सकता था।
रावत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मतदाता भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में थे, खासतौर पर पहाड़ों में। लेकिन जहां तक मेरी सीट का सवाल है तो पार्टी के भीतर ही पद रखने वाले लोगों ने उसके हित के खिलाफ काम किया, नहीं तो जीत का अंतर और बड़ा हो सकता है। हालांकि, इसके बावजूद थोड़े कम अंतर से पार्टी इस सीट पर जीत जाएगी।’’
हालांकि, रावत ने किसी भी पार्टी पदाधिकारी का नाम बताने से इनकार कर दिया जिन्होंने कथित तौर पर उनके खिलाफ काम किया था। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह पदाधिकारियों के नाम का खुलासा पार्टी मंच पर करेंगे।
गौरतलब है कि 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा के लिए 14 फरवरी को मतदान हुआ था और नतीजे 10 मार्च को आएंगे।
हरिद्वार के लक्सर सीट से तीसरी बार अपना भाग्य आजमा रहे भाजपा विधायक एवं प्रत्याशी संजय गुप्ता ने मतदान के एक दिन बाद ही इस तरह का आरोप लगाया था। उन्होंने एक वीडियो संदेश में भाजपा की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष मदन कौशिश और उनके लोगों पर बसपा प्रत्याशी का समर्थन करने और उन्हें हराने की योजना बनाने का आरोप लगाया था।
काशीपुर से विधायक हरभजन सिंह चीमा ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं पर इसी तरह का आरोप लगाया था जिनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को उनके अनुरोध पर पार्टी ने इस सीट से प्रत्याशी बनाया है। देहरादून छावनी सीट से भाजपा प्रत्याशी सविता कपूर और चंपावत विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने भी इसी तरह का आरोप लगाया था।
एक अधिकारी ने बताया कि 17 जनवरी को हुई लड़ाई में लगभग 45 साल के हाथी को सिर पर कई घाव लगे थे। राजाजी बाघ अभयारण्य के निदेशक अखिलेश तिवारी ने कहा कि सुबह हाथी की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि लड़ाई में शामिल दूसरे हाथी की 17 फरवरी को ही मौत हो गई थी। तिवारी ने कहा कि शनिवार सुबह वन रक्षकों को सोंग नदी के किनारे हाथी की लाश मिली। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है।
कार्यवाहक न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार से तीन मार्च तक विधायकों और सांसदों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है। पिछले साल अगस्त में उच्चतम न्यायालय ने सभी उच्च न्यायालयों को हर राज्य में विधायकों और सांसदों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की फास्ट ट्रेक सुनवाई करने के निर्देश दिए थे।
उच्चतम न्यायालय ने मामले पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि राज्य सरकारें इन लंबित मामलों को वापस लेकर भारतीय दंड विधान की धारा 324 का दुरूपयोग कर रही हैं। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि राज्य सरकारों को उच्च न्यायालयों की अनुमति लिए बिना ऐसे मामलों को वापस लेना या समाप्त करना नहीं चाहिए। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय ने विभिन्न अदालतों में लंबित ऐसे मामलों का संज्ञान लिया और राज्य सरकार से उसकी एक सूची उपलब्ध कराने को कहा।
उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि ऐसे मामलों की फास्ट-ट्रेक सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित की जाए। मामले में अगली सुनवाई के लिए तीन मार्च की तारीख तय की गयी है ।
प्रदेश में सभी 70 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान के बाद पिछले चार दिनों में कम से कम तीन विधायकों और एक प्रत्याशी ने अपनी पार्टी के नेताओं पर उन्हें हराने की साजिश करने का आरोप लगाते हुए दोबारा सरकार बनाने का दावा कर रही भाजपा को असहज स्थिति में डाल दिया है ।
इन आरोपों की शुरूआत हरिद्वार जिले के लक्सर से तीसरी बार विधानसभा में पहुंचने का प्रयास कर रहे विधायक संजय गुप्ता ने की। गुप्ता ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही उन्हें चुनाव हराने की साजिश करने का आरोप लगा दिया ।
इस संबंध में वायरल एक वीडियो में गुप्ता ने खुद को भाजपा का वफादार सिपाही बताते हुए कहा कि कौशिक के नामित सभासदों और नजदीकी कार्यकर्ताओं ने इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी मोहम्मद शहजाद के पक्ष में काम किया और उन्हें हराने की साजिश की।
कौशिक को 'गद्दार' बताते हुए विधायक ने पार्टी नेतृत्व से उन्हें पार्टी से बाहर करने का आग्रह भी किया । गुप्ता ने कहा, ' मैं अपने नेतृत्व से.....निवेदन करना चाहता हूं कि ऐसे प्रदेश अध्यक्ष को ऐसी राष्ट्रवादी पार्टी में रहने का कोई अधिकार नहीं है। वह गद्दार आदमी है और उसे तत्काल पार्टी से निकाल दिया जाना चाहिए तभी हमारे जैसे कार्यकर्ता इस पार्टी में सुरक्षित रह सकेंगे।'
उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर से भाजपा प्रत्याशी त्रिलोक सिंह चीमा के विधायक पिता हरभरजन सिंह चीमा ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं पर 'भितरघात' का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है । लगभग मिलते-जुलते आरोप चंपावत से पार्टी विधायक कैलाश चंद्र गहतोडी और देहरादून जिले की कैंट सीट से भाजपा प्रत्याशी सविता कपूर ने भी अपने पार्टी कार्यकर्ताओं पर लगाए हैं ।
'अबकी बार-60 पार' के नारे को लेकर विधानसभा चुनाव में उतरी भाजपा के सूत्रों ने बताया कि सभी पार्टी नेताओं को इस संबंध में सख्त हिदायत जारी कर दी गयी है और कहा गया है कि अपनी शिकायतें लेकर सार्वजनिक मंचों पर न जाएं और उन्हें पार्टी फोरम पर ही रखें।
हांलांकि, इस बारे में संपर्क किए जाने पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डा. देवेंद्र भसीन ने 'पीटीआइ-भाषा' को बताया कि पार्टी ने सभी बातों का संज्ञान लिया है और मामले से पार्टी हाईकमान को अवगत करा दिया गया है ।
मतदान के बाद से भाजपा की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। बृहस्पतिवार को कौशिक के भाजपा की संभावित हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लालसा के चलते प्रदेश में पार्टी के डूबने संबंधी वायरल 'फर्जी' ट्वीट से हडकंप मच गया था ।
प्रदेश भाजपा के सोशल मीडिया प्रमुख शेखर वर्मा इस मामले में दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज करा चुके हैं ।
जेल से रिहा होने के तत्काल बाद नरसिंहानंद इस मामले में सह अभियुक्त जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर भूख हडताल फिर से शुरू करने के लिए सर्वानंद घाट की ओर रवाना हो गए।
महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने तथा एक पत्रकार को अपशब्द बोलने के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के तहत दर्ज मामले में यहां की एक स्थानीय अदालत से मंगलवार को जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा किया गया है ।
हांलाकि, धर्म संसद मामले में नरसिंहानंद को सात फरवरी को जमानत मिल गयी थी लेकिन अन्य लंबित मामलों के कारण उन्हें जेल से रिहा नहीं किया गया था ।
नरसिंहानंद ने पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार में एक सम्मेलन आयोजित किया था जिसमें कई वक्ताओं ने कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण दिए थे ।
जेल से बाहर आते हुए उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि त्यागी के बिना उनकी रिहाई का कोई मतलब नहीं है और उनकी रिहाई के लिए वह सर्वानंद घाट पर भूख हडताल फिर शुरू करने जा रहे हैं । उन्होंने बताया कि यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब त क कि त्यागी को रिहा नहीं किया जाता ।
त्यागी की जमानत अर्जी पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय 21 फरवरी को सुनवाई करेगा ।
रिजर्व के निदेशक अखिलेश तिवारी ने बताया कि अभयरण्य की मोतीचूर रेंज के पश्चिमी गूलर पड़ाव वन क्षेत्र में दोपहर को यह घटना हुई ।
उन्होंने बताया कि संघर्ष के दौरान विजेता नर हाथी ने पराजित हाथी की छाती में अपने दाँत गड़ा दिए जिससे अत्यधिक रक्तस्राव से उसकी मौत हो गयी।
वायरल हो रहे इस ट्वीट में कथित तौर पर कौशिक ने विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा देने की बात कहते हुए बताया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लालसा प्रदेश में भाजपा को ले डूबी ।
उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान हुआ था और मतगणना 10 मार्च को है ।
मतदान के बाद वायरल हुये इस ट्वीट से परेशान भाजपा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि चुनाव में संभावित हार से बौखला कर कांग्रेस नेता कौशिक के फर्जी ट्वीट प्रसारित कर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं ।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा, 'कांग्रेस को अपनी हार साफ दिखाई दे रही है ओर इसलिए उसके नेता भाजपा को लेकर गलत संदेश फैलाने के लिए षड्यंत्र कर रहे हैं और फर्जी ट्वीट प्रसारित कर रहे हैं ।'
इस बीच, प्रदेश भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी शेखर वर्मा ने देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक शिकायत देकर इस मामले में दोषियों पर कडी कार्रवाई की मांग की है ।
शिकायत में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर प्रदीप नाम के एक व्यक्ति ने टि्वटर का स्क्रीन शॉट लेकर उसे संपादित कर एक गलत पोस्ट डाली है जिससे उत्तराखंड भाजपा समेत कौशिक की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है ।
शिकायत के साथ प्रमाण के रूप में स्क्रीन शॉट का प्रिंट आउट भी दिया गया है ।
हाल में रावत ने कहा था कि वह या तो मुख्यमंत्री बन सकते हैं या घर पर बैठ सकते हैं और इसके अलावा उनके पास कोई तीसरा विकल्प नहीं है ।
गौरतलब है कि प्रदेश में 14 फरवरी को मतदान हुआ था जबकि मतों की गिनती 10 मार्च को होगी ।
प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा, 'शहर बसा नहीं और कांग्रेस नेता ख़याली पुलाव खाने को तैयार हो गए हैं ।'
उन्होंने कहा कि रावत तो अपनी पार्टी को चेतावनी तक दे चुके हैं कि मुख्यमंत्री न बनने पर वह जनता के बीच न रहकर घर बैठेंगे । उन्होंने कहा,' साफ है कि जन सरोकारों की बात कहने वाले हरीश रावत भी कुर्सी की ही लड़ाई लड़ रहे हैं ।'
चौहान ने कहा कि सत्ता लोलुप कांग्रेस की हालत यह है कि अभी जनादेश ईवीएम में है और पार्टी में मुख्यमंत्री की कुर्सी की लडाई शुरू हो गई है ।
रावत उत्तराखंड में कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष थे लेकिन चुनाव से पहले अपने कुनबे में फूट से बचने के लिए पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया ।
हालांकि, उनकी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा किसी से छिपी नहीं है और वह गाहे—बगाहे इसे बताते भी रहे हैं । हाल में एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में रावन ने कहा था कि वह 'या तो मुख्यमंत्री बन सकते हैं या घर पर बैठ सकते हैं । उन्होंने कहा था कि इसके अलावा उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं है ।
रावत के बयान पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर निवर्तमान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रीतम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री पद की पसंद पार्टी आलाकमान का विशेषाधिकार है और उनका निर्णय सभी को स्वीकार्य होगा ।
राज्य में अंतिम मतदान के आंकड़े बुधवार को निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य के दूरदराज के इलाकों में तैनात मतदान दलों के आंकड़ों को जोड़ने के बाद जारी किए गए।
उत्तराखंड में 2017 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 65.56 प्रतिशत था। अंतिम आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत क्रमश: 74.77 प्रतिशत और 72.27 प्रतिशत दर्ज किया गया।
पर्वतीय जिलों में उत्तरकाशी में सर्वाधिक 68.48 प्रतिशत मतदान हुआ, उसके बाद नैनीताल (66.35 प्रतिशत), देहरादून (63.69 प्रतिशत), रुद्रप्रयाग (63.16 प्रतिशत), बागेश्वर (63 प्रतिशत), चंपावत (62.66 प्रतिशत), चमोली (62.38 प्रतिशत), पिथौरागढ़ (60.88 प्रतिशत), टिहरी गढ़वाल (56.34 प्रतिशत), पौड़ी गढ़वाल (54.87 प्रतिशत) और अल्मोड़ा (53.71 प्रतिशत) का स्थान रहा।
उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
आरटीआई के जानकारी हासिल करने वाले एक समूह के समन्वयक शिवम ने कहा, ‘‘सितंबर, 2021 में एक आरटीआई आवेदन के माध्यम से हमारे समूह द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, राज्य के सभी 13 जिलों में 2016-17 से 2020-21 तक मातृ मृत्यु दर में 122.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसी अवधि में नवजात मृत्यु दर में 238 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’’
आंकड़ों में बताया गया है कि इस अवधि में उत्तराखंड में कुल 798 महिलाओं की गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं के कारण मौत हो गई। राज्य में 2016-17 में 84 महिलाओं की मौत गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं के कारण हुई और यह संख्या 2020-21 में बढ़कर 187 हो गई।
जन्म के 28 दिन के भीतर शिशु की मृत्यु को नवजात मृत्यु में गिना जाता है।
शिवम ने बताया कि राज्य में 2016-2017 में 228 नवजात की मौत हुई थी और 2020-21 में यह संख्या बढ़कर 772 हो गई।
आरटीआई के अनुसार, 2016 से 2021 तक राज्य में कुल 3,295 शिशुओं की मौत हुई, जिनमें से नैनीताल में सर्वाधिक 402 शिशुओं की मौत हुई। इसके अलावा इस अवधि में गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं के कारण सर्वाधिक 230 महिलाओं की मौत हरिद्वार जिले में हुई।
प्रदेश में 70 विधानसभा क्षेत्रों के लिए सोमवार को हुए मतदान के बाद वायरल इस वीडियो में लक्सर से विधायक संजय गुप्ता ने प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक को 'गद्दार' बताया है और पार्टी नेतृत्व से उन्हें बाहर करने का भी आग्रह किया है।
खुद को भाजपा का वफादार सिपाही बताते हुए गुप्ता ने आरोप लगाया कि कौशिक ने कई सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को हराने की साजिश रची।
उन्होंने कहा कि कौशिक के नामित सभासदों और नजदीकी कार्यकर्ताओं ने इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी के पक्ष में काम किया और उन्हें हराने की साजिश की। गुप्ता ने कहा, ‘‘मैं अपने नेतृत्व से हाथ जोड़कर क्षमां मांगते हुए निवेदन करना चाहता हूं कि ऐसे प्रदेश अध्यक्ष को ऐसी राष्ट्रवादी पार्टी में रहने का कोई अधिकार नहीं है। वह ‘गद्दार’ आदमी है और उन्हें तत्काल पार्टी से निकाल दिया जाना चाहिए तभी हमारे जैसे कार्यकर्ता इस पार्टी में सुरक्षित रह सकेंगे।’’
हरिद्वार जिले की लक्सर विधानसभा सीट पर गुप्ता का मुकाबला पूर्व विधायक और बसपा प्रत्याशी मोहम्मद शहजाद से था और माना जाता है कि शहजाद और कौशिक की मित्रता बरसों पुरानी है।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने कहा कि पार्टी ने इस वीडियो का संज्ञान ले लिया है और इसकी सत्यता की जांच कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में पार्टी द्वारा संबंधित विधायक से भी बातचीत कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया जाएगा और इसी के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
धामी ने विजय चिह्न 'वी' बनाते हुए दावा किया कि राज्य में भाजपा ही अगली सरकार बनायेगी।
राज्य की सभी 70 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए मतदान के एक दिन बाद धामी ने यहां राज्य पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप 10 मार्च आने दीजिए। आप देखेंगे कि हम 60 (का आंकड़ा) पार कर लेंगे।’’
राज्य में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 57 सीटों पर जीत दर्ज की थी और इस बार उसने चुनाव में ‘अबकी बार, साठ पार’ का नारा दिया था। चुनाव परिणाम 10 मार्च को आएंगे।
हाल में वायरल की गई एक कथित खनन वीडियो के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की पिछली सरकारों ने प्रदेश में खनन का दोहन किया और खनन माफियाओं को प्रोत्साहन दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता यह देख रही है कि किसने क्या किया।
मुख्यमंत्री धामी काफी देर तक ढोल की थापों के बीच मुस्कराते और बार-बार 'वी' का विजय चिह्न दिखाते रहे। उनके साथ भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता रविंद्र जुगरान, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी थे।
इस बीच कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश से भाजपा सरकार की विदाई हो रही है और कांग्रेस सत्ता में आ रही है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों में से कम से कम 48 पर विजय हासिल करेगी।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में यह भी कहा कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होने पर मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी और उनका निर्णय सबको स्वीकार्य होगा।
उत्तराखंड विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए सोमवार को मतदान हुआ। मतगणना 10 मार्च को होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘मतदान के बाद मैं यह कह सकता हूं कि कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है। उत्तराखंड की जनता ने परिवर्तन के लिए वोट दिया है। चुनावों में कुछ सामान्य संकेत होते हैं जिनसे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस के पक्ष में लोगों ने मतदान किया है और उत्तराखंड में अब कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘हमारा अपना गणित कहता है कि कांग्रेस को 48 के आसपास सीटें मिलना चहिए। पिछले पांच साल उत्तराखंड के लिए बहुत कष्ट वाले रहे हैं। लोगों के स्वाभिमान पर चोट हुई है। ऐसे में यह लगता है कि लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया है।’’
रावत ने यह उम्मीद भी जताई कि लोगों ने मतदान करते समय इस बात को भी ध्यान रखा होगा कि साल 2016 जैसी स्थिति पैदा न हो जब कांग्रेस के कई विधायकों के बगावत करने के बाद उनके (रावत) नेतृत्व वाली सरकार संकट में आ गई थी और कुछ महीने तक राजनीतिक अस्थिरता रही थी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें आशा है कि उत्तराखंड की जनता ने इस बात को ध्यान में रखा है कि 2016 वाली स्थिति पैदा नहीं हो।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जीत के बाद वह मुख्यमंत्री बनेंगे, रावत ने जोर देकर कहा, ‘‘यह निर्णय सोनिया गांधी के हाथ में है। हमने इस बात को स्पष्ट किया है जो भी कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला होगा, वह सबको स्वीकार्य होगा।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो सबसे पहले, घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए काम आरंभ होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार बनते ही हम अर्थव्यवस्था को सुधारने और संसाधन जुटाने के लिए काम करेंगे। हम जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए वादों पर अमल करेंगे।’’