शनिवार, 31 अगस्त 2019

देहरादून आश्रय बलात्कार मामले में नौ दोषी करार

देहरादून, 31 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड की एक अदालत ने राजधानी देहरादून में स्थित एक आश्रय गृह में रहने वाली मूक बधिर महिला के साथ चार साल पहले बलात्कार करने और बाद में उसका गर्भपात कराने के मामले में नौ लोगों को दोषी करार दिया है । लोक अभियोजक संजीव सिसोदिया के अनुसार बलात्कार के बाद महिला का गर्भपात कराया गया और मामले को रफा दफा करने के लिए उसके भ्रूण को नारी निकतेन में ही दफना दिया गया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश धरम सिंह ने नौ लोगों को इस मामले में शुक्रवार को दोषी करार दिया है । दोषी करार दिये गए लोगों में आश्रय गृह का अधीक्षक भी शामिल है । इस मामले का खुलासा नवंबर 2015 में हुआ था । सिसोदिया ने बताया कि अदालत मामले में सोमवार को सजा सुनाएगी ।


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उत्तराखंड: हाई कोर्ट ने सरकार से कहा, शराबबंदी पर 6 महीने में लें फैसला

नैनीताल उच्च न्यायालय ने राज्य से प्रदेश में शराब पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठाने को कहा है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने गुरुवार को राज्य सरकार को शराब पर क्रमिक रूप से प्रतिबंध लगाने के लिए नीतिगत निर्णय लेने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता डीके जोशी ने बताया कि उच्च न्यायालय ने इसके लिए राज्य सरकार को छह महीने का समय दिया है। राज्य सरकार को आबकारी कानून की प्रतिबंध से संबंधित धारा 37ए का अनुपालन करने के निर्देश देने के अलावा उच्च न्यायालय ने 21 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को अल्कोहल की बिक्री न करने के कानून का भी सख्ती से पालन करने का आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने यह आदेश जोशी की जनहित याचिका पर दिया है। बागेश्वर जिले के गरुड़ क्षेत्र के निवासी और अधिवक्ता जोशी ने याचिका में शराब को पर्वतीय क्षेत्र में समाज में आई गिरावट का कारण बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाए जाने का आदेश देने की प्रार्थना की थी। याचिका में दलील दी गई थी कि सरकार के संरक्षण में बेची जा रही शराब प्रदेश में जिंदगियों को प्रभावित कर रही है। इस सामाजिक बुराई से कई घर बर्बाद हो गए हैं और शराब पीने से मरने वालों के परिवारों, बीमार होने वालों या दुर्घटना का शिकार होने वालों को कोई मुआवजा भी नहीं मिलता। याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आबकारी कानून, 1910 को 1978 में 37ए के जरिए संशोधित किया था लेकिन उत्तराखंड सरकार ने उस संशोधन को अपने यहां लागू नहीं किया। राज्य को बने 19 साल गुजर जाने के बाद भी शराब पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कोई ऐहतियाती कदम नहीं उठाए गए हैं और इसके विपरीत राज्य सरकार राजस्व के नाम पर दुकानों की संख्या बढ़ा दी गई है। याचिका में कहा गया है कि आबकारी नीति, 2019 के तहत जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करने के विशेष अधिकार दिए गए हैं कि जिले का कोई भी क्षेत्र शराब की दुकान से वंचित न रह जाए। इसके अलावा, राज्य में 21 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को शराब की बिक्री न किए जाने के प्रावधान की भी अनदेखी की जा रही है। हालांकि राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि 2002 में आबकारी नीति में कई प्रकार के नियंत्रण लगाए गए थे और उनका पालन किया जा रहा है। इस संबंध में उदाहरण देते हुए सरकार ने कहा कि हरिद्वार, ऋषिकेश, चारधाम, पूर्णागिरी और पिरान कलियर जैसे धार्मिक स्थानों पर शराब प्रतिबंधित है। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज, मंदिर और मस्जिदों से भी एक निर्धारित दूरी के नियम का पालन किया जाता है। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश अधिवक्ता वीपी नौटियाल ने अदालत के इस आदेश को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे राज्य में शराब के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी।


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देहरादून: गायों की मौत से सकते में प्रशासन, दो गायों के पेट में मिली 40 किलो प्लास्टिक

प्रशांत झा, और खासतौर पर पॉलिथीन हमारे पर्यावरण और बेजुबान जानवरों के लिए कितनी खतरनाक है, इसका उदाहरण उत्तराखंड के देहरादून में देखने को मिला। यहां पिछले कुछ दिनों में मरीं 100 गायों में से दो का पोस्टमॉर्टम करने पर उनके पेट से 40 किलो प्लास्टिक निकली है। डॉक्टरों के मुताबिक, यही उनकी मौत का कारण बना। देहरादून में जुलाई महीने में 100 गायों की मौत के बाद इनके पोस्टमॉर्टम का आदेश दिया गया था। करीब आधा दर्जन गायों की मौत देहरादून नगर निगम द्वारा संचालित कांजीहाउस में हुई थी। बाद में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और देहरादून के मेयर सुनील गामा ने इस मामले में जांच के आदेश दिए। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा, 'पोस्टमॉर्टम के लिए हमने दो गायों को चुना। रिपोर्ट्स कुछ दिन पहले ही आई हैं और इनमें पता चला है कि इनके पेट में 30-40 किलो प्लास्टिक मौजूद थी। जिन डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम किया है उनके मुताबिक इन गायों की मौत प्लास्टिक की वजह से ही हुई है।' नगर आयुक्त ने बताया कि प्लास्टिक और पॉलिथीन शहर के लिए बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं। शहर के ज्यादातर नाले इसकी वजह से चोक हैं। उन्होंने कहा, 'प्लास्टिक के गायों की मौत का कारण बनने के बाद अब हम जल्द इस समस्या को खत्म करेंगे।'


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शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

पाकिस्तान में बस के खाई में गिरने से 24 लोगों की मौत

पेशावर, 30 अगस्त (भाषा) पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में एक पुल के ढह जाने से उस पर गुजर रही एक बस खाई में गिर गई जिससे कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई। यह घटना शुक्रवार को उस समय हुई जब बस खैबर पख्तूनख्वा के बागरु से कांडिया जा रही थी। बस में 35 यात्री सवार थे। नागरिक सुरक्षा प्रमुख वार्डन एहसान उल हक ने बताया कि पुल के ढहने से बस खाई में गिर गई जिससे 24 लोगों की मौत हो गई। हक ने बताया कि पुल की हालत जर्जर थी जिसके कारण वह बस का भार वहन नहीं कर पाया और हादसा हो गया। ऊपरी कोहिस्तान के जिला पुलिस प्रमुख ने बताया कि शवों को निकालने के लिए पुलिस और बचाव दल की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है।


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485 करोड़ के बिटकॉइन स्कैम मास्टरमाइंड की हत्या, 5 गिरफ्तार

गौरव तलवार, देहरादूनपुलिस ने 485 करोड़ के के '' 24 वर्षीय अब्दुल शकूर की हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है। हत्या के आरोपी अब्दुल की बुधवार देर रात हत्या कर लाश को एक प्राइवेट हॉस्पिटल के इमरजेंसी वॉर्ड में छोड़कर फरार हो गए थे। पुलिस ने अब्दुल के 5 सहयोगियों को हत्या के आरोप में किया है। पुलिस ने शुक्रवार को केरल के रहने वाले फारिस ममनून, अरविंद सी, आसिफ अली, सुफैल मुख्तार और आफताब मोहम्मद को गिरफ्तार किया। ये सभी केरल के रहने वाले हैं। केस के बारे में विस्तार से बताते हुए देहरादून के एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने कहा, 'अब्दुल शकूर की हत्या की मुख्य वजह सैकड़ों करोड़ की क्रिप्टोकरंसी थी। सभी आरोपी शकूर की टीम के सदस्य थे। उन्होंने शकूर को मारने से पहले प्रेम नगर इलाके के एक घर में उसे यातनाएं दी थीं।' बिटकॉइन में निवेश के नाम पर की थी धोखाधड़ी एसएसपी ने कहा कि पुलिस इन आरोपियों की तलाश कर रही थी। ये सभी केरल के मंजेरी कस्बे के रहने वाले हैं। शकूर ने कथित तौर पर मंजेरी के स्थानीय लोगों से बिटकॉइन में निवेश करने के लिए 485 करोड़ रुपये जुटाए थे। पुलिस ने बताया कि बिटकॉइन में नुकसान होने के बाद शकूर और उसके साथी केरल से भाग आए। मगर केरल से कुछ लोग इनके पीछे लगे हुए थे जिसके चलते ये लोग बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहे थे। साथियों को था शक, धोखा दे रहा है शकूर पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि शकूर ने अपने करीबी साथी आशिक को धोखा दिया था और उससे कहा कि मेरा बिटकॉइन अकाउंट हैक हो गया है। उसने कहा कि वह लोगों का पैसा चुकाने के लिए अपनी क्रिप्टोकरंसी लॉन्च करेगा। हालांकि आशिक इससे संतुष्ट नहीं हुआ। आशिक ने बाकी साथियों के साथ मिलकर शकूर का बिटकॉइन पासवर्ड जानने की जुगत लगाई। एसएसपी ने बताया, 'आशिक को लगता था कि शकूर के पास अब भी सैकड़ों करोड़ की क्रिप्टोकरंसी है। सभी साथियों ने मिलकर शकूर को पासवर्ड पूछने के लिए टॉर्चर करना शुरू कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई।'


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उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त क्षेत्र का जायजा लेकर लौटी केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम

केंद्रीय भारत सरकार की सात सदस्यीय टीम उत्तराखंड के आराकोट क्षेत्र में 8 अगस्त को आई से तबाही का जायजा लेकर लौट गई। केंद्रीय दल ने 18 अगस्त को उत्तरकाशी जिले के सुदूरवर्ती तहसील मोरी के आराकोट बंगाण, मलाना, मोलडी, में हुए भारी नुकसान का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया तथा केंद्र से हर संभव मदद का भरोसा क्षेत्रवासियों को दिया। सात सदस्यीय दल में संयुक्त सचिव आपदा प्रबंधन गृह मंत्रालय भारत सरकार संजीव कुमार जिंदल, निदेशक वित्त मंत्रालय थागलेमिलन, निदेशक कृषि सहकारिता कृषक कल्याण विपुल कुमार श्रीवास्तव, सुधीर कुमार अधीक्षण अभियंता जल शक्ति मंत्रालय केन्द्रीय जल आयोग, चन्द्रशेखर निदेशक ग्रामीण विकास मंत्रालय, सुनील जैन, निदेशक ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार, वीरेंद्र कुमार खेड़ा मुख्य अभियंता सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय शामिल थे। इसके बाद केन्द्रीय टीम ने जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की जानकारी भी ली। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने परिसंपत्तियों के नुकसान का ब्योरा केंद्रीय टीम के समक्ष रखा। जिलाधिकारी ने बताया कि अतिव्रिष्टि से 95 हेक्टेयर भूस्खलन और 175 हेक्टेयर मलबा आने से कुल 270 हेक्टेयर कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हुई है। इसमें 47 हेक्टेयर कृषि फसल और 128 हेक्टेयर वागवानी (बगीचों) की क्षति हुईं हैं। 9 करोड़ 84 लाख का नुकसान हुआ है। जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा से 16 की मृत्यु हुई और 27 घायल हुए थे। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने आपदा पीड़ित 1897 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया तथा आवश्यक दवाई इत्यादि वितरित की। आपदा से 27 लोग गंभीर तौर पर घायल भी हुए। 7 गंभीर घायलों को हैली से हायर सेंटर देहरादून भेजा गया और 20 को एम्बुलेंस 108 से सड़क मार्ग द्वारा हायर सेंटर भेजा गया। वहीं आपदा से एलोपैथिक चिकित्सालय टिकोची और उपकेंद्र चिंवा क्षतिग्रस्त हुआ है। एक करोड़ 90 लाख की परिसंपत्ति का नुकसान हुआ है। जल संस्थान की 29 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई है। 2 करोड़ 13 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। इसी तरह विद्युत विभाग के हाईटेशन पोल सहित 610 पोल, 8 ट्रांसफार्मर 34 किलोमीटर विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। करीब 2 करोड़ 68 लाख की क्षति हुई है। आराकोट चिंवा सड़क मार्ग के साथ ही आंतरिक सड़क मार्ग व छोटे- बड़े पुल भी क्षतिग्रस्त हुए है। करीब 22 करोड़ की क्षति हुई है। उन्होंने बताया कि किराणु, दुचानू को जोड़ने वाला मोटर पुल लगभग 50 मीटर व जाकटा में 42 मीटर स्पान के स्टील गार्डर पुल क्षतिग्रस्त हुए है। वहीं टिकोची में करीब 50 मीटर स्पान का झूला पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। इसी तरह चिंवा, भटाड़ी, एराला, मलाना, उपला मलाना, बरनाली में आरसीसी के छोटे ब्रिज क्षतिग्रस्त हुए है। वहीं शिक्षा आदि विभागों की परिसंपत्तियों का भी भारी क्षति हुई है।


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सड़क हादसे में दो की मौत

देहरादून, 30 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला क्षेत्र में आज एक वाहन के गहरे खड्ड में गिर जाने से उसमें सवार दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी और तीन अन्य घायल हो गये । राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, शाम लगभग साढे तीन बजे रांथी से दोबाट आते समय वाहन अचानक अनियंत्रित होकर 150 मीटर गहरे खड्ड में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया । आपात केंद्र के अनुसार दो व्यक्तियों की हादसे में मौत हो गयी जबकि तीन अन्य घायल हो गये और घायलों को पिथौरागढ के जिला चिकित्सालय में उपचार के लिये भर्ती कराया गया है जहां दो की हालत नाजुक बतायी जा रही है ।


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केंद्र ने उत्तराखंड को कैम्पा के तहत 2675 करोड़ रुपये दिये

देहरादून, 30 अगस्त (भाषा) केंद्र ने उत्तराखंड के लिए कैंपा फंड के तहत 2675 करोड रू का बजट स्वीकृत किया है । यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में वन मंत्रियों की बैठक में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैम्पा फण्ड के तहत उत्तराखंड के लिये 2675 करोड़ रू का बजट स्वीकृत करते हुये राज्य के वन मंत्री हरक सिंह रावत को क्रास चैक सौंपा। कैम्पा फण्ड का प्रयोग राज्यों के वन क्षेत्र में इजाफा करने, वन क्षेत्र में जल संरक्षण और वन क्षेत्र की खराब भूमि को उपजाऊ बनाने में किया जाता है। बैठक में रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री की आशा के अनुरूप राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक को काफी हद तक प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य का 29 प्रतिशत भू-भाग में ही कृषि और जनसंख्या रहती है बाकी पूरा क्षेत्र वन है जिसके संरक्षण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। उत्तराखंड का ज्यादातर हिस्सा वन क्षेत्र होने के मददेनजर रावत ने केन्द्रीय मंत्री से राज्य सरकार के पास फिलहाल मौजूद एक हैक्टेअर वन भूमि के हस्तांतरण के अधिकार को पांच हेक्टेअर करने का अनुरोध किया जिससे विकास कार्य सुचारू रूप से हो सके ।


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उत्तराखंड : उच्च न्यायालय ने सरकार से शराब बंदी पर नीतिगत निर्णय लेने को कहा

नैनीताल, 30 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से प्रदेश में शराब पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठाने को कहा है । उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार को शराब पर क्रमिक रूप से प्रतिबंध लगाने के लिये नीतिगत निर्णय लेने के निर्देश दिये । याचिकाकर्ता डीके जोशी ने बताया कि उच्च न्यायालय ने इसके लिये राज्य सरकार को छह माह का समय दिया है । राज्य सरकार को आबकारी कानून की प्रतिबंध से संबंधित धारा 37 ए का अनुपालन करने के निर्देश देने के अलावा उच्च न्यायालय ने 21 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को एल्कोहल की बिक्री न करने के कानून का भी सख्ती से पालन करने का आदेश दिया । उच्च न्यायालय ने यह आदेश जोशी की जनहित याचिका पर दिया है । बागेश्वर जिले के गरूड क्षेत्र के निवासी और अधिवक्ता जोशी ने याचिका में शराब को पर्वतीय क्षेत्र में समाज में आयी गिरावट का कारण बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाये जाने का आदेश देने की प्रार्थना की थी । याचिका में दलील दी गयी थी कि सरकार के संरक्षण में बेची जा रही शराब प्रदेश में जिंदगियों को प्रभावित कर रही है । इस सामाजिक बुराई से कई घर बर्बाद हो गये हैं और शराब पीने से मरने वालों के परिवारों, बीमार होने वालों या दुर्घटना का शिकार होने वालों को कोई मुआवजा भी नहीं मिलता । याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आबकारी कानून, 1910 को 1978 में 37 ए के जरिये संशोधित किया था लेकिन उत्तराखंड सरकार ने उस संशोधन को अपने यहां लागू नहीं किया । राज्य को बने 19 साल गुजर जाने के बाद भी शराब पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कोई एहतियाती कदम नहीं उठाये गये हैं और इसके विपरीत राज्य सरकार राजस्व के नाम पर दुकानों की संख्या बढा दी गयी है । याचिका में कहा गया है कि आबकारी नीति, 2019 के तहत जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करने के विशेष अधिकार दिये गये हैं कि जिले का कोई भी क्षेत्र शराब की दुकान से वंचित न रह जाये । इसके अलावा, राज्य में 21 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को शराब की बिक्री न किये जाने के प्रावधान की भी अनदेखी की जा रही है । हांलांकि, राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि 2002 में आबकारी नीति में कई प्रकार के नियंत्रण लगाये गये थे और उनका पालन किया जा रहा है । इस संबंध में उदाहरण देते हुए सरकार ने कहा कि हरिद्वार, ऋषिकेश, चारधाम, पूर्णागिरी और पिरान कलियर जैसे धार्मिक स्थानों पर शराब प्रतिबंधित है । इसके अलावा स्कूल, कालेज, मंदिर और मस्जिदों से भी एक निर्धारित दूरी के नियम का पालन किया जाता है । याचिकाकर्ता की तरफ से पेश अधिवक्ता वीपी नौटियाल ने अदालत के इस आदेश को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे राज्य में शराब के सेवन की बढती प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी ।


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उच्च न्यायलय ने उत्तराखंड सरकार से शराबबंदी पर नीतिगत फैसला लेने को कहा

नैनीताल, 30 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आबकारी कानून लागू करने के लिए छह महीने में नीति बनाने को कहा है जिसमें राज्य में शराबबंदी का प्रावधान है। याचिकाकर्ता डीके जोशी ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को गुरुवार को राज्य में चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लागू करने का नीतिगत फैसला लेने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से आबकारी कानून की धारा 37ए अनुपालन सुनिश्चत करने को कहा जिसमें शराबबंदी का प्रावधान है। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि 21 साल से कम उम्र के लोगों को शराब की बिक्री नहीं हो। अदालत ने यह आदेश बागेश्वर जिले के गरुड़ के निवासी जोशी की जनहित याचिका पर दिया है। उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि सरकारी संरक्षण में शराब की बिक्री से राज्य के लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। इस सामाजिक बुराई से कई घर बर्बाद हो रहे हैं और शराब पीने की वजह से होने वाली मौतों, बीमारियों और दुर्घटनाओं के लिए किसी मुआवजे का प्रावधान नहीं है। याचिका के मुताबिक उत्तरप्रदेश सरकार ने 1978 में आबकारी कानून-1910 की धारा 37ए के जरिये संशोधन किया, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने राज्य बनने के 19 साल बाद भी इसे लागू नहीं किया, न ही इस प्रावधान के तहत शराब के रोकथाम के लिए कोई कदम उठाया गया। इसके उलट राज्य सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए शराब की पंजीकृत दुकानों की संख्या बढ़ा रही है। आबकारी नीति-2019 जिलाधिकारी को विशेष अधिकार देता है कि कोई इलाका शराब से वंचित नहीं रहे। इस बीच सरकार ने अदालत को भरोसा दिया है कि 2002 में आबकारी नीति के तहत कई इलाकों में शराब पर रोक है और इसका अनुपालन किया जा रहा है। उदाहरण के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश, चारधाम जैसे धार्मिक स्थानों पर शराब बिक्री पर रोक है।


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गुरुवार, 29 अगस्त 2019

बद्रीनाथ हाइवे लामबगड़ में भारी भूस्खलन, पैदल आवाजाही भी बंद

देहरादून बद्रीनाथ हाइवे में भारी के बाद बंद हो गया है। लामबगड़ स्लाइड जोन के नीचे व ऊपर से जाने वाला पैदल रास्ता भी टूट गया है, जिससे प्रशासन ने बद्रीनाथ की पैदल आवाजाही रोक दी है। हाइवे बंद होने से बदरीनाथ में दो हजार से अधिक यात्री फंस गए हैं। कई यात्रियों को बद्रीनाथ, पांडुकेश्वर, गोविंदघाट, जोशीमठ में रोका गया है। प्रशासन रास्ता खोलने के काम में जुटा हुआ है। बुधवार रात्रि से ही लामबगड़ भूस्खलन जोन में चट्टान टूटना शुरू हुई। भारी भरकम चट्टान टूटने से 50 मीटर मोटर मार्ग का अता-पता ही नहीं चल रहा है। इस भूस्खलन ने लामबगड़ परगासी पैदल मार्ग व लामबगड़ भूस्खलन जोन से अलकनंदा के किनारे होते हुए बनाए गए पैदल मार्ग को भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान के अनुसार इसके बाद मौके पर एसडीआरएफ सहित पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। पैदल मार्ग सुचारू कर आवाजाही सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। हाइवे पर सड़क खोलने का कार्य चल रहा है, जिसके शुक्रवार तक खुलने की उम्मीद है। बद्रीनाथ में दो हजार से अधिक यात्री मौजूद हैं। उन्हें बद्रीनाथ में ही ठहरने के लिए कहा गया है। बद्रीनाथ जा रहे यात्रियों को पांडुकेश्वर, गोविंदघाट व जोशीमठ में रोका गया है।


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भारतीय सेना के 117 इंजीनियरिंग दल में पोर्टर सचिन चीन सीमा से गायब

देहरादून के 117 इंजीनियरिंग दल में पोर्टर जिले के रांसी (ऊखीमठ) गांव निवासी सचिन सेना के जवानों के साथ क्षेत्र सुमना गए थे, लेकिन पांच जुलाई से वह वापस नहीं लौटे हैं। सचिन के न लौटने पर उनके परिवार में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में सचिन के पिता ने गुरुवार को एक पत्र जोशीमठ के एसडीएम को सौंपते हुए उनके बेटे की खोज की गुहार लगाई है। सचिन के पिता के अनुसार उनका बेटा बीते जून महीने में बतौर पोर्टर सेना की 117 इंजीनियरिंग में भर्ती हुआ था। सचिन के पिता हरिमोहन का आरोप है कि उनके बेटे की खोज के लिए सेना की ओर से कोई मदद नहीं की जा रही है। उन्होंने एसडीएम से मामले की जांच और सचिन की खोज करने की मांग की है।


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छह माह में शराबबंदी लागू करने के लिए एक स्पष्ट नीति बनाए: उत्तराखंड हाई कोर्ट

देहरादून सरकार के आबकारी अधिनियम पर टिप्पणी करते हुए उत्तराखंड ने कहा कि एक तरफ इस अधिनियम में मद्यनिषेध को प्रोत्साहित करने का प्रावधान है तो दूसरी ओर सरकार लगातार दुकानों की संख्या बढ़ाकर इस कारोबार बढ़ावा दे रही है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को छह माह के भीतर राज्य में चरणबद्ध ढंग से लागू करने के लिए एक स्पष्ट बनाने के निर्देश दिए। साथ ही कोर्ट ने शराब की दुकानों के सामने सीसीटीवी कैमरे लगाने व 21 वर्ष से कम आयु के युवाओं को शराब खरीदने पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने के निर्देश भी दिए। बागेश्वर जिले के गरुड़ निवासी ऐडवोकेट डीके जोशी की राज्य में शराबबंदी को लेकर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका मे सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये निर्देश दिए और टिप्पणी की। जनहित याचिका में गुरुवार को इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व आलोक वर्मा की खंडपीठ ने राज्य में चरणबद्ध ढंग से शराबबंदी लागू करने के लिए नीति बनाने के निर्देश दिए। याचिका में राज्य सरकार को यूपी आबकारी अधिनियम 1990 की धारा 37 अ के अनुपालन में शराब बंदी करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने और शराब के कारोबार से राज्य को हो रहे नुकसान का आकलन कर उचित कदम उठाने के लिए राज्य सरकार को आदेशित किए जाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि पहाड़ी प्रदेश को सबसे ज्यादा बर्बाद करने वाली शराब पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।


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मकान ढहने से एक की मौत, 15 घायल

पिथौरागढ़, 29 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में गंगोलीहाट सब डिवीजन के एक गांव में आज भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के कारण एक मकान ढह गया जिससे इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि 15 अन्य घायल हो गये । पिथौरागढ़ की जिला सूचना अधिकारी गिरिजा जोशी ने बताया कि घटना के समय घर में पूजा चल रही थी । उन्होंने बताया कि मरने वाले की पहचान धौलीसेरा गांव के 78 वर्षीय हयात सिंह के रूप में हुई है । उन्होंने बताया कि इस दौरान 15 अन्य लोग घायल भी हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।


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देश में भाजपा की सदस्य संख्या 14 करोड पहुंची

देहरादून, 29 अगस्त :भाषा: उत्तराखंड में सत्ताधारी भाजपा ने देश भर में अपने 14 करोड़ से अधिक सदस्य बना लिये हैं । भाजपा के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी तथा पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने यहां पार्टी प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संगठनात्मक चुनाव कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर दिये अपने संबोधन में कहा कि पिछले सदस्यता अभियान के दौरान पार्टी ने 10 करोड़ सदस्य बनाये और पार्टी के संविधान के अनुसार,इस साल न्यूनतम 20 प्रतिशत सदस्यों की वृद्धि की जानी थी । सिंह ने कहा कि अब तक चार करोड़ नये सदस्य बन चुके हैं और देश भर में सदस्यों की कुल संख्या 14 करोड़ से अधिक हो चुकी है ।


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बुधवार, 28 अगस्त 2019

पर्यटन नगरी नैनीताल नैनी झील के लिए शुरू होंगी कई योजनाएं

उत्तराखंड के नैनीताल की झील में आने वाले सभी नालों में लगभग 6 फीट ऊंची जालियां लगाई जाएंगी। झील के पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एसटीपी स्थापित कराए जाने की कार्य योजना को तत्काल मूर्त रूप दिया जाएगा। शहर के चार स्थानों- कैपिटल सिनेमा, मेट्रोपोल होटल, स्टैट बैंक के पास, रेमजे होस्पिटल के समीप एसटीपी बनाने को भूमि चयन प्रक्रिया में तेजी लाकर इन्हें जल्द स्थापित किया जाएगा। यह बात कुमाऊं आयुक्त राजीव रौतेला ने इस सम्बन्ध मे आयोजित बैठक में कही। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा के साथ ही सूखाताल के संरक्षण एवं विकास के लिए पांच करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। उन्होंने अधिशासी अभियन्ता सिंचाई हरीश चन्द्र भारती को निर्देश दिए कि सूखाताल और नैनी झील के संवर्धन के लिए जो भी प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे गए थे, जिसमें नैनी झील-नालों के संरक्षण कार्य हेतु 1.5 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है, के कार्यों को प्रारंभ किया जाए। शहर के वरिष्ठ नागरिकों पर्यावरणविदों आदि के साथ भी विचार-विमर्श कर, उनके विचारों एवं अनुभवों को भी कार्य योजना में शामिल करना सुनिश्चित करें। बैठक में आयुक्त ने सूखाताल में चलाई जा रही अवैध पार्किंग को तुरंत बन्द कराने के निर्देश दिए। गणमान्य व्यक्तियों द्वारा नैनी झील के कैचमेंट एरिया में वेटलैंड नोटिफाइड कराने का सुझाव पर आयुक्त ने वन संरक्षक को उच्च स्तर पर पत्राचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को घर-घर से कूड़ा एकत्र करने के साथ ही कूड़ा स्त्रोत से ही पृथककरण की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कूड़ा पृथककरण हेतु घर की महिलाओं, स्कूली बच्चों को जागरूक किया जाए, इस हेतु विद्यालयों में गणमान्य नागरिकों के साथ जाकर जागरूक किया जाए। उन्होंने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को शहर की स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने के साथ ही अधिशासी अभियंता जल संस्थान एवं सिंचाई को झील के पानी की नियमित जांच करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने शहर में सफाई संबंधी सुन्दर साईनेज़ लगाने के भी निर्देश दिए, साथ ही कहा कि नालियों में जो पाईप जल प्रवाह को बाधित कर रही हैं, उन्हें चिन्हित कर रिपोर्ट दें ताकि उन्हें हटाने के आगणन तैयार कर धनराशि की मांग की जा सके। सदस्यों द्वारा नैनी झील की दीवारों की मरम्मत का सुझाव भी दिया गया, जिस पर अधिशासी अभियंता ने बताया कि 41 करोड़ का प्रस्ताव शासन में भेजा गया है।


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उत्तराखंड में दो माह में लागू होगी ई—कैबिनेट व्यवस्था

देहरादून, 28 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने आज कैबिनेट की बैठक पेपरलेस करने, कार्बेट टाइगर रिजर्व में स्पेशल टाइगर रिजर्व फोर्स के ढांचे का गठन, प्राधिकरण में 105 मीटर तक के मकानों के निर्माण के लिये इमपैनल्ड आर्किटेक्ट से बने नक्शों को तत्काल मंजूरी देने जैसे कई प्रस्तावों को मंजूरी दी । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कैबिनेट की बैठक को कागज मुक्त करने का निर्णय किया गया है और दो माह में ई—कैबिनेट व्यवस्था लागू कर दी जायेगी । उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने आवास नीति के तहत 105 मीटर तक के मकान बनाने के लिये प्राधिकरण में इमपैनल्ड आर्किटेक्ट से बनाये नक्शे को तत्काल मंजूरी देने का निर्णय लिया है जिससे छोटे आवास निर्माताओं को लाभ होगा । एक अन्य फैसले में, मंत्रिमंडल ने चारधाम सड़क परियोजना में ऋषिकेश बाईपास के निर्माण के लिये रायल्टी में चार करोड चार लाख रू की छूट दी है, यह छूट 514 करोड रू की लागत से बनने वाली 17.23 किलोमीटर की परियोजना के निर्माण सामग्री पर लगने वाली रायल्टी में दी जायेगी । कौशिक ने बताया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व में स्पेशल टाइगर रिजर्व फोर्स के 85 पदों के ढांचे के गठन को भी राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी । एक अन्य फैसले में सेवाकाल में मृतक आश्रित सेवा नियमावली में संशोधन कर तलाक, विधवा और विवाहित के अलावा अविवाहित पुत्रियों को भी मृतक बदले मिलने वाला पद प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है । उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राजकीय चिकित्सालय, राजकीय मेडिकल कालेज में अटल आयुष्मान योजना में राज्य से बाहर के लोगों के लिये न्यूनतम सेवा शुल्क लेने का निर्णय भी किया गया ।


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वीर चंद्र सिंह गढवाली योजना में बस खरीदने परअब 25 की बजाय 50 प्रतिशत सब्सिडी

देहरादून, 28 अगस्त :भाषा: उत्तराखंड में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत बस ख्ररीदने वाले लाभार्थियों को अब 25 प्रतिशत की बजाय 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी । यह आदेश मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कल शाम यहां स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन विभाग के तहत संचालित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन से संबंधित बैठक की समीक्षा के दौरान दिये । यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, रावत ने योजना के तहत क्रय की जाने वाली बसों के लिये सब्सिडी 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किये जाने संबंधी प्रस्ताव अविलम्ब तैयार करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये । उन्होंने कहा कि इससे अधिक से अधिक युवा इस योजना का लाभ ले सकेंगे।


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उत्तराखंड-यूपी के बीच परिसंपत्तियों को लेकर 20 मुद्दों पर बनी सहमति पर कैबिनेट की भी मुहर

देहरादून यूपी की परिसंपत्तियों को लेकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच 20 मुद्दों पर बनी सहमति पर उत्तराखंड कैबिनेट ने भी मुहर लगा दी। इसमें यूपी के कब्जे की 428 हेक्टेयर भूमि में से 380 हेक्टेयर भूमि उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड सिंचाई विभाग को मिलेगी, अगले एक महीने के भीतर उत्तर प्रदेश कैबिनेट से पास होकर इस जमीन का कब्जा उत्तराखंड को मिल जाएगा। कुंभ के लिए उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखंड को 697.57 हेक्टेयर भूमि दी जाएगी। अब कैबिनेट बैठक को भी पेपरलेस करने की सहमति बनी है। गोपन विभाग के ई-कैबिनेट प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगाई। कॉर्बेट नैशनल पार्क में स्पेशल प्रॉटेक्शन टाइगर फोर्स गठित करने के लिए भी कैबिनेट ने स्पेशल प्रॉटेक्शन टाइगर फोर्स, 85 पद इसके तहत सृजित करने पर सहमति व्यक्त की है। कैबिनेट में लिए निर्णय के अनुसार अब आवासीय निर्माण के तहत 105 मीटर तक निर्माण के लिए प्राधिकरण में इम्पैनल्ड आर्किटेक्ट के द्वारा भी नक्शा मान्य होगा। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री आवास और मुख्यमंत्री सचिवालय में कैंटीन संचालन के लिए कर्मचारियों के 24 पद स्वीकृत किए। बैठक में कुल 30 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। बैठक में पंचायती राज अध्यादेश में संशोधन किया गया, जिसके तहत अब सदस्य के स्थान पर प्रबंध समिति के सदस्य को ही चुनाव लड़ने की अनुमति मिलेगी। एथनॉल को बढ़ावा देने के लिए आबकारी विभाग में एथनॉल से प्रशासनिक नियंत्रण हटाया गया। अब शीरा ओपन मार्केट में 75 प्रतिशत तक बेचने की अनुमति मिल गई है। कैबिनेट ने चारधाम सड़क परियोजना ऋषिकेश बाईपास निर्माण के लिए चार करोड़ चार लाख रुपए की रायल्टी में छूट दी गई। 514 करोड़ रुपए की 17.23 किमी की परियोजना की निर्माण सामग्री पर लगने वाली रॉयल्टी में छूट दी गई।


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उत्तराखंड में सामान्य वर्ग के बच्चों को भी आठवीं तक मिलेगी स्कूल ड्रेस निःशुल्क

देहरादून मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में आठवीं कक्षा तक के सामान्य वर्ग के बच्चों के लिए भी निःशुल्क स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री रावत ने यहां शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि राज्य में आठवीं कक्षा तक के सभी बच्चों को स्कूल ड्रेस निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। अभी तक आरक्षित वर्गों के छात्र-छात्राओं और सामान्य वर्ग की छात्राओं को सरकार द्वारा निशुल्क स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराई जाती है। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों के माध्यम से भी स्कूल ड्रेस बनवाई जा सकती है, जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। रावत ने अधिकारियों को स्कूलों में शिक्षा का स्वस्थ वातावरण बनाए रखने के लिए समय-समय पर उनका औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संस्कृत भाषा ई-लर्निंग सीडी का भी विमोचन किया, जिसके तहत कक्षा तीन से आठवीं तक के बच्चों को संस्कृत की कविताएं याद करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से प्रत्येक ब्लॉक में एक केन्द्रीय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव मिला है, जिसके लिए भूमि की आवश्यकता होगी।


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उत्तराखंड में सामान्य वर्ग के बच्चों को भी आठवीं तक मिलेगी स्कूल ड्रेस निशुल्क

देहरादून, 28 अगस्त :भाषा: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में आठवीं कक्षा तक के सामान्य वर्ग के बच्चों के लिए भी निःशुल्क स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराई जायेगी। मुख्यमंत्री रावत ने यहां कल शाम शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि राज्य में आठवीं कक्षा तक के सभी बच्चों को स्कूल ड्रेस निशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी । अभी तक आरक्षित वर्गों के छात्र-छात्राओं और सामान्य वर्ग की छात्राओं को सरकार द्वारा निशुल्क स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराई जाती है। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों के माध्यम से भी स्कूल ड्रेस बनवायी जा सकती हैं जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। रावत ने अधिकारियों को स्कूलों में शिक्षा का स्वस्थ वातावरण बनाये रखने के लिये समय-समय पर उनका औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिये । इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संस्कृत भाषा ई-लर्निंग सीडी का भी विमोचन किया जिसके तहत कक्षा तीन से आठवीं तक के बच्चों को संस्कृत की कविताएं याद करवाई जायेंगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से प्रत्येक ब्लॉक में एक केन्द्रीय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव मिला है जिसके लिये भूमि की आवश्यकता होगी।


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टीवीएस ने बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को दिये 60 लाख रुपये

देहरादून, 28 अगस्त :भाषा: आटो जगत की अग्रणी कंपनी टीवीएस मोटर ने बदरीनाथ—केदारनाथ मंदिर समिति को सहयोग स्वरूप 60 लाख रुपये की राशि भेंट की है । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से कल शाम मुलाकात के दौरान कंपनी के उपाध्यक्ष प्रसाद कृष्णन ने बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को सहयोग स्वरूप 60 लाख रुपये का चेक उन्हें सौंपा । यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने इस संबंध में टीवीएस कंपनी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या निरन्तर बढ़ रही है और राज्य सरकार चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रख रही है।


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मंगलवार, 27 अगस्त 2019

आईआईपी ने प्लास्टिक से डीजल बनाने का संयंत्र स्थापित किया

देहरादून, 27 अगस्त (भाषा) केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को यहां भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) में प्लास्टिक कचरे के कूड़े से डीजल बनाने के एक संयंत्र का उद्घाटन किया और कहा कि यह प्लास्टिक से मुक्ति की तरफ एक प्रशंसनीय कदम है। यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘बडे पैमाने पर प्लास्टिक कचरे से डीजल बनाने से न केवल यह प्लास्टिक से मुक्ति की दिशा में एक अच्छा कदम है बल्कि इससे देश में पेट्रोलियम पदार्थो को लेकर अन्य देशों पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने आईआईपी के वैज्ञानिकों को वर्षों के शोध के बाद प्लास्टिक कचरे से डीजल बनाने की तकनीक खोजने पर बधाई भी दी। मुख्यमंत्री रावत ने भी आईआईपी के वैज्ञानिकों की इस खोज को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा बल्कि इससे आर्थिक प्रगति भी होगी। इस संयंत्र में एक टन प्लास्टिक कचरे से 800 लीटर डीजल बनेगा। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के लिये गैर सरकारी संगठनों की मदद से प्लास्टिक कचरे को एकत्रित किया जायेगा ।


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उत्‍तराखंड: आचार्य बालकृष्‍ण का विरोधियों पर वार, बोले-दिवास्‍वप्‍न देखने वाले समय बर्बाद न करें

हरिद्वार योग गुरु स्वामी रामदेव के सहयोगी और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण ऋषिकेश एम्‍स से छुट्टी मिलने के बाद लोगों के सामने आए। ने अपने संबोधन में जहां समर्थकों को अपने स्‍वस्‍थ होने का संदेश दिया वहीं विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। बालकृष्‍ण ने कहा कि वह के सपने को पूरा करते रहेंगे। साथ ही कहा कि दिवास्‍वप्‍न देखने वाले अपना समय बर्बाद न करें। आचार्य बालकृष्‍ण ने कहा, 'आप सबकी भावनाओं और प्रार्थनाओं के लिए कृतज्ञता, अब हम और अधिक दृढ़ता और ऊर्जा के साथ मानव सेवा से राष्ट्र सेवा करेंगे, का संकल्प लेते हैं।' उन्‍होंने कहा, 'आप लोग चिंता मत करो, स्‍वामी (रामदेव) के लिए भगवान ने ऊर्जा के रूप में मुझे भेजा है और अभी बहुत कुछ होना बाकी है। कुछ लोग दिवास्‍वप्‍न देख रहे थे, उनके लिए इतना कहेंगे समय बर्बाद न करें तो अच्‍छा है। बाकी उनकी मर्जी है।' बालकृष्‍ण ने कहा कि बाबा रामदेव का सपना पूरा होगा और इसे कोई नहीं रोक सकता है। बता दें कि आचार्य बालकृष्ण को गत शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने के बाद एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। बाद में आचार्य बालकृष्ण के स्वास्थ्य में सुधार होने पर उन्‍हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। एम्स के डायरेक्टर डॉ. रविकांत ने बताया कि डॉक्टर की विशेषज्ञ टीम की निगरानी में उन्हें आईसीयू में रखा गया था। उनके स्वास्थ्य में सुधार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। किसी साजिश की आशंका से इनकार नहीं: रामदेव स्वामी रामदेव ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण की तबीयत पेड़ा खाने के बाद ही बिगड़ी थी। इसके पीछे उन्होंने किसी साजिश की आशंका से भी इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद पतंजलि योगपीठ की ओर से इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। अगर किसी ने साजिश के तहत ऐसा किया है तो दोषी को सजा मिलेगी। अभी तक की जांच में यही बात सामने आई है कि खाने में कुछ जहरीला सेवन करने से उनकी तबीयत बिगड़ गई। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि फिलहाल उनके एंजाइम्स और खून के नमूने फरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं, इनकी रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा। यह रिपोर्ट आने पर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। उन्होंने बताया कि आचार्य बालकृष्ण को हृदय और मस्तिष्क से संबंधी कोई बड़ी समस्या नहीं है। शुक्रवार दोपहर करीब ढाई बजे मिठाई खाने के बाद आचार्य बालकृष्ण की अचानक बिगड़ गई थी। उन्हें उपचार के लिए हरिद्वार स्थित भूमानंद अस्पताल ले जाया गया, जहां हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें ऋषिकेश एम्स रिफर कर दिया।


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देश की पहली महिला डीजीपी कंचन के निधन पर उत्तराखंड पुलिस ने दुख जताया

देहरादून, 27 अगस्त :भाषा: उत्तराखंड पुलिस प्रमुख का पद ग्रहण कर देश की पहली महिला पुलिस महानिदेशक बनीं कंचन चौधरी भट्टाचार्य के निधन पर प्रदेश पुलिस ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके योगदान को याद किया है । वर्ष 1973 बैच की देश की दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी भट्टाचार्य पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं और कल रात मुंबई में उन्होंने अंतिम सांस ली । सोशल मीडिया पर जारी अपने शोक संदेश में प्रदेश पुलिस ने कहा, ‘‘प्रदेश की पूर्व डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य के निधन पर उत्तराखंड पुलिस उनके परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनके अभूतपूर्व योगदान को याद करती है ।’’ उत्तराखंड आईपीएस एसोसिएशन ने भी भट्टाचार्य के निधन पर दुख जताते हुए कहा है कि वह उत्कृष्ट गुणों वाली अधिकारी थीं । भट्टाचार्य ने वर्ष 2004 में उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक का पद संभाल कर देश की पहली महिला डीजीपी बनने का गौरव हासिल किया था। भट्टाचार्य किरण बेदी के बाद देश की दूसरी महिला आइपीएस अधिकारी थीं । दिवंगत मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी के कार्यकाल के दौरान उत्तराखंड के डीजीपी का पद संभालने वाली भट्टाचार्य वर्ष 2007 में सेवानिवृत्त हो गयी थीं । इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर 2014 में हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था । भट्टाचार्य की बहन कविता चौधरी ने उनके प्रेरणादायी जीवन पर आधारित टीवी धारावाहिक 'उड़ान' बनाया था जो काफी लोकप्रिय हुआ था ।


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सोमवार, 26 अगस्त 2019

जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय की मछलियों की 150 प्रजातियों के अस्तित्व पर खतरा: स्टडी

देहरादून वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के एक शोध में यह आशंका जताई गई है कि हिमालयवर्ती राज्यों, जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में पाई जाने वाली मछलियों की करीब 150 प्रजातियों पर जलवायु परिवर्तन का असर पड़ सकता है। सबसे ज्यादा खाई जाने वाली जो फिलहाल करीब 16,251 स्क्वेयर किलोमीटर में पाई जाती है, वह अपना 21% क्षेत्र खो देगी। प्रदूषण, ग्लोबल वॉर्मिंग से नुकसान वैज्ञानिकों का कहना है कि नैचरल हैबिटैट में इंसानों के दखल के कारण हिमालय की मछलियों के लिए हालात गंभीर हो रहे हैं। इसके अलावा प्रदूषण, ग्लोबल वॉर्मिंग, नदियों पर बांध बनने और विदेशी मछलियों को लाए जाने से भी इन मछलियों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। 1860 में अंग्रेज हिमालय में नाम की मछली लाए थे जिसके कारण स्थानीय प्रजातियों पर खतरा पैदा हो गया है। बढ़ते तापमान के कारण टकराव प्रॉजेक्ट साइंटिस्ट डॉ. विनीत दुबे ने बताया है, 'ब्राउन ट्राउट अंग्रेजों का हमारे लिए तोहफा है। वे 1860 में फिशिंग स्पॉर्ट के तौर पर जम्मू-कश्मीर में लाए और यह उनके खाने में भी शामिल हो गई। हालांकि, यह स्नो ट्राउट और हिमालय की मछलियों की 150 प्रजातियों के लिए खतरा बन गई है।' ब्राउन ट्राउट बर्फीले पानी की नदियों में ऊंचे स्थानों पर पाई जाती है। यह मांसाहारी होती है जबकि स्नो ट्राउट ठंडे पानी में बीच की ऊंचाई पर पाई जाती है और यह शाकाहारी होती है। सीनियर साइंटिस्ट ऑर प्रफेसर बढ़ते तापमान ने मछलियों को ऊंचाई पर जाकर ठंडक तलाशने को मजबूर कर दिया है जिससे स्नो और ब्राउन ट्राउट में टकराव की स्थिति पैदा हो गई जिसमें ब्राउन ट्राउट भारी पड़ रही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक करीब हिमालय के इलाके में बने 200 से ज्यादा बांधों ने भी इन मछलियों के प्राकृतिक आवास पर खतरा पैदा किया है। बांधों ने बढ़ाई मुसीबत सीनियर रीसर्चर आशना शर्मा ने बताया, 'हमारे शोध में पता चला है कि ऊंचाई के इलाकों की मछलियां अपने प्राकृतिक आवास में तब आराम से रह पाती हैं जब वहां बांध नहीं बने होते, जैसे हिमाचल प्रदेश की तीर्थन नदी। इसी तरह माहसीर (मछली की एक प्रजाति) उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की नयार नदी में पलती है। हमारी रीसर्च से इशारा मिलता है कि 2050 तक स्नो ट्राउट जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश के हिमालय के करीब 400 किमी इलाके से गायब हो जाएगी।' सीनियर साइंटिस्ट डॉ जेए जॉनसन ने बताया है, 'हमने अमेरिका, यूके, फ्रांस और चीन के क्लाइमेट मॉडल्स को देखा है जिससे भविष्य में क्लाइमेट चेंज के असर का पूर्वानुमान लगाया जा सके कि वह कैसा होगा और हिमालय के इकोसिस्टम को उससे कैसे बचाया जा सके।'


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भारत की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य का लंबी बीमारी के बाद निधन

देहरादून भारत की पहली महिला डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) का लंबी बीमारी के बाद सोमवार रात मुंबई में निधन हो गया। भट्टाचार्य 1973 बैच की आईपीएस अधिकारी रह चुकी हैं जिनकी 2004 में उत्तराखंड के डीजीपी के रूप में नियुक्ति ने इतिहास रचा था। वह 31 अक्टूबर 2007 को डीजीपी के पद से रिटायर्ड हो गई थीं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया और 2014 लोकसभा चुनाव में हरिद्वार संसदीय सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट से चुनाव लड़ा था। हालांकि वह चुनाव हार गई थीं। ने अपने ऑफिशल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर भट्टाचार्य को याद किया। इसमें लिखा गया, 'उत्तराखंड पुलिस कंचन चौधरी भट्टाचार्य के निधन पर शोक व्यक्त करती है और उनके अभूतपूर्व योगदान को याद करती है।'


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जेटली की अस्थियां गंगा में प्रवाहित

देहरादून, 26 अगस्त (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली की अस्थियां सोमवार को यहां हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित कर दी गयीं । जेटली (66) का शनिवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था। वह यहां नौ अगस्त से भर्ती थे। जेटली के पुत्र रोहन ने गंगा तट पर विधिवत पूर्जा अर्चना कर उनकी अस्थियां मोक्षदायिनी गंगा नदी में प्रवाहित कीं । इस मौके पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, योग गुरू रामदेव, राज्य विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट के अलावा प्रदेश भाजपा के कई नेता मौजूद रहे ।


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हरिद्वार: गंगा नदी में प्रवाहित की गईं अरुण जेटली की अस्थियां

हरिद्वार देश के पूर्व वित्तमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता की अस्थियों को सोमवार को हरिद्वार में विसर्जित कर दिया गया। अरुण जेटली के बेटे रोहन ने उनकी अस्थियां गंगा नदी में प्रवाहित कर दीं। दो दिन पूर्व 24 अगस्त को राजधानी दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस लेने वाले अरुण जेटली पंचतत्व में विलीन हो चुके हैं। रविवार को निगमबोध घाट पर जेटली का अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे रोहन ने उन्हें मुखाग्नि दी। इसके बाद सोमवार को दिवंगत नेता की अस्थियों को सोमवार को हरिद्वार में गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया गया। अस्थि कलश के प्रवाहित किए जाने के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल, बाबा रामदेव सहित अन्य नेता भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि 66 वर्षीय जेटली का शनिवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उन्हें 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।


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हरिद्वार: एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का किया विरोध, मिला तीन तलाक

हरिद्वार उत्तराखंड के हरिद्वार में का विरोध करने पर एक साथ तीन तलाक देने का मामला सामने आया है। नया कानून बनने के बाद हरिद्वार में तीन तलाक का यह पहला केस बताया जा रहा है। महिला की पहचान मोहसीना के रूप में हुई है जो ज्वालापुर इलाके के तहत आने वाले अहबाब नगर में रहती हैं। महिला ने दावा किया कि उसने अपने पति का किसी दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध का विरोध किया था। इस वजह से उसके पति ने उसे एक साथ तीन तलाक बोल दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। महिला ने पुलिस को बताया कि 2017 में उसकी शादी लोटन (50) से हुई थी। लोटन की पहली पत्नी की मौत हो गई थी और यह मोहसीना की भी दूसरी शादी थी। पुलिस ने दर्ज की महिला की शिकायतअपनी शिकायत में मोहसीना ने बताया कि उसके पति का दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध था और जब वह इसका विरोध करती थीं तो लोटन उन्हें पीटता था। मोहसीना ने बताया कि शुक्रवार रात उसके पति ने उसे एक साथ तीन तलाक बोल दिया। हालांकि पुलिस ने महिला की शिकायत दर्ज कर ली, लेकिन एफआईआर फाइल नहीं हुई है। ज्वालापुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ योगेश देव ने बताया, 'एक महिला हमारे पास तीन तलाक की शिकायत लेकर आई थी और हम अभी मामले की जांच कर रहे हैं।'


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रविवार, 25 अगस्त 2019

उत्तराखंड के 5 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, मध्य प्रदेश में खोले गए बांध के गेट

चंडीगढ़/देहरादून/इंदौर देश के कई हिस्सों में मॉनसूनी बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। उत्तराखंड के 5 जिलों में अगले 12 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं मध्य प्रदेश में भी मूसलाधार बारिश से जलस्तर बढ़ने की वजह से माताटीला बांध के 20 गेट खोले गए हैं और 3 लाख क्यूसेक पानी को छोड़ा गया है। पाकिस्तान के भारतीय प्रांत में पानी छोड़ने के बाद पंजाब के सीमांत जिले फिरोजपुर में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। उत्तराखंड: अगले 12 घंटों में हो सकती है भारी बारिश उत्तराखंड में पिछले दिनों बाढ़ और बारिश से तबाही के बाद एक बार फिर भारी बारिश की आशंका है। मौसम विभाग के अनुसार, देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में सोमवार को भारी बारिश हो सकती है। यहां येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने इन जिलों में अगले 12 घंटे के भीतर भारी बारिश के साथ कुछ इलाकों में बादल फटने की भी आशंका के जताई है। उत्तराखंड में आपदा से अब तक 59 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार को यहां चमौली और रुद्रप्रयाग में रविवार सुबह बारिश होने की वजह से बदरीनाथ और केदारनाथ हाइवे में तगड़ा जाम लग गया। यहां बड़े वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। पहाड़ों से लगातार पत्थर गिर रहे हैं। मध्य प्रदेश: बांध के 20 गेट खोले गए, 24 घंटे में भारी बारिश की आशंका मध्य प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से राजघाट और माताटीला बांध में जलस्तर बढ़ गया है। रविवर सुबह माताटीला बांध के 20 गेट खोलकर शाम तक 3 लाख क्यूसेक पानी बेतवा नदी में छोड़ा गया है। शनिवार को विदिशा के सिरोंज इलाके में एक घर ढहने से एक शख्स की दबकर मौत हो गई थी। जबकि एक घायल हो गया। घायल को रस्सी और खाट का इस्तेमाल करके नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाके में भारी बारिश से बाढ़ के हालात हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित राज्य के अन्य हिस्सों में रविवार से घने बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों में कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और तटीय ओडिशा में कम दवाब का क्षेत्र बनने के कारण राज्य में बारिश का दौर जारी है। वहीं कम दवाब के क्षेत्र का असर राज्य के पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी हिस्से में बढ़ने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में भोपाल, श्योपुर कलां, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, रायसेन, खंडवा, बैतूल, होशंगाबाद, उज्जैन, रतलाम, खरगोन में भारी बारिश की चेतावनी है। पंजाब: पाकिस्तान ने छोड़ा पानी, फिरोजपुर में बाढ़ की स्थिति पंजाब में अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा है जिससे तेंदिवाला गांव में तटबंध एक हिस्सा टूट गया है और पाक सीमा से सटे जिले के कुछ गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। मुख्यमंत्री ने रविवार को जल संसाधन विभाग को फिरोजपुर के तेंदीवाला गांव में तटबंध को मजबूत करने के लिए सेना के अधिकारियों के साथ एक संयुक्त कार्य योजना बनाने को कहा है। एक सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि फिरोजपुर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है तथा एहतियात के तौर पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सेना की टीम तैनात की गई है। फिरोजपुर के उपायुक्त के अनुसार मखु और हुसैनीवाला इलाके में बाढ़ प्रभावित 15 गांवों में 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और लगभग 630 लोगों को आावश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की गयी है। इसके अतिरिक्त लगभग 950 खाद्य पैकेट लोगों के बीच वितरित किए गए हैं और पशुओं के चारे की आपूर्ति के लिए पर्याप्त इंतजाम किया गया है। पंजाब में दिल्ली से आएगी टीम बाढ़ग्रस्त पंजाब में नुकसान का आकलन करने के लिए एक केंद्रीय टीम जल्द ही राज्य का दौरा करेगी। राज्य के कुछ हिस्सों में रविवार को भी जमकर बारिश हुई। इस बीच, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सभी मंत्रियों और उपायुक्तों को सतर्कता बढ़ाते हुए राहत कार्यों की देखरेख का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक उच्च स्तरीय बैठक में फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला और रूपनगर जिलों में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘लगातार हो रही बारिश के मद्देनजर सभी मंत्रियों और उपायुक्तों को सतर्कता बरतने तथा राहत कार्यों की देखरेख करने का निर्देश दिया है।’ मुख्यमंत्री ने चार मंत्रियों - चरनजीत सिंह चन्नी, सुंदर श्याम अरोड़ा, गुरप्रीत सिंह कांगर औ भारत भूषण आशु- को जालंधर कपूरथला और रूपनगर जिलों में आयी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत अभियान की देख रेख करने के लिए कहा है। राजस्थान राजस्थान के कई हिस्सों में बारिश राजस्थान में पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वी हिस्सों के एक दो स्थानों पर भारी बारिश और कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान कोटा के कंवास में 7 सेंटीमीटर, झालावाड के खानपुर में 7 सेंटीमीटर, असनावर में 6 सेंटीमीटर, कोटा के सांगोंद में 5 सेंटीमीटर, बारां में 5 सेंटीमीटर, अटरू में 4 सेंटीमीटर, डूंगरपुर में 4 सेंटीमीटर और अन्य कई स्थानों पर 3 सेंटीमीटर से 2 सेंटीमीटर तक बारिश दर्ज की गई। रविवार सुबह से शाम तक कोटा में 10.8 मिलीमीटर, जयपुर में .8 मिलीमीटर और श्रीगंगानगर में 0.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। राजधानी जयपुर में दोपहर बाद करीब 15 मिनट तक कई स्थानों पर बारिश हुई। इससे कई जगहों पर पानी भर गया। विभाग ने आगामी 24 घंटों के दौरान बांसवाडा, बारां, भीलवाडा, बूंदी, चित्तौडगढ, राजसमंद, सवाईमाधोपुर और सिरोही में मूसलाधार बारिश होने की चेतावनी जारी की है। वहीं पूर्वी राजस्थान के कई स्थानों पर और पश्चिमी राजस्थान के एक- दो स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना जताई है। हिमाचल में 31 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में शनिवार को हल्की से मध्यम गति की बारिश हुई। 31 अगस्त तक यहां और अधिक बारिश की संभावना है। शिमला, डलहौजी और मनाली में शनिवार को बारिश हुई। उना में सर्वाधिक तापमान 32.8 डिग्री दर्ज किया गया जबकि लाहौल-स्पीति के प्रशासनिक केंद्र केलॉन्ग में 11.8 डिग्री तापमान दर्ज हुआ। उत्तर प्रदेश में रविवार को झमाझम बारिश उत्तर प्रदेश के लखनऊ और आस-पास के इलाकों में शनिवार और रविवार को भारी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, वाराणसी में 6.2 मिमी, झांसी में 1.4 मिमी, मेरठ में 5.2 मिमी, बलिया में 5.4 मिमी, हरदोई में 16.8 मिमी, शाहजहांपुर में 24.8 मिमी, उरई में 39 मिमी, अलीगढ़ में 3.7 मिमी और मुजफ्फरनगर में 46.4 मिमी बारिश दर्ज की गई।


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एसडीआरएफ की मदद से बिहार के युवक को 13 साल बाद अपना परिवार मिला

देहरादून, 25 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड पुलिस के प्रयासों की बदौलत 22 वर्षीय एक युवक को 13 साल बाद अपना परिवार मिल गया। वह 13 वर्ष पहले बिहार के गया जिले से उत्तरकाशी के किराणु गांव मजदूरी करने आया था। हाल में उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक के किराणु में आयी आपदा के बाद बचाव और राहत अभियान के दौरान इस युवक ने राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के एक जवान कुलदीप सिंह से अपना घर ढूंढने में मदद मांगी और उन्होंने उसे निराश भी नहीं किया । एसडीआरएफ के प्रवक्ता आलोक सिंह ने बताया कि आराकोट गांव के पास हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित आपदाग्रस्त किराणु गांव में जब कुलदीप तथा अन्य लोगों की टीम बचाव व राहत के कार्य में लगी थी तभी 21 अगस्त को 22 वर्षीय शीवाजन उनके संपर्क में आया और उसने मदद मांगी । कुलदीप सिंह के हवाले से आलोक सिंह ने बताया कि मदद मांगते समय युवक की आंखों में आंसू थे और उसने कहा कि मुझे अपने घर जाना है । हालांकि, उसे यह नहीं पता था कि उसे जाना कहां है । कुलदीप ने जब विस्तृत जानकारी प्राप्त की तो ज्ञात हुआ कि 13 वर्ष पूर्व शीवाजन बिहार के कुछ मजदूरों के साथ क्षेत्र में आया था और सेबों की पैकिंग का काम करता था। उसी दौरान एक दिन मजदूरों का मालिक से झगड़ा हो गया और वे उसे छोड़ कर रात को ही गांव से चले गए । शीवाजन की उम्र उस समय नौ वर्ष थी और उसे अपने गांव या पिता का नाम आदि कुछ भी स्पष्ट रूप से याद नहीं था। सिर्फ इतनी जानकारी मिली कि उसके घर के पास हवाई जहाज उड़ा करते थे । इसी आधार पर कुलदीप सिंह ने इंटरनेट पर बिहार के बड़े हवाई अड्डे के पास बसे गांवों को ढूंढना शुरू किया। उनकी मेहनत रंग लायी और शीवाजन के बताए गांव की तरह 'बडेजी' गांव गया हवाई अड्डे के करीब दिखा। इस पर कुलदीप ने निकटवर्ती पुलिस थाने मगध और मुफस्सिल थाने से संपर्क किया किन्तु उधर से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला । इसके बाद भी कुलदीप ने अपने प्रयास नहीं छोडे़ और गया के पुलिस अधीक्षक को फोन पर घटना से अवगत कराया जिसके बाद शीवाजन के परिवार की जानकारी प्राप्त हो गयी । युवक की अपने परिवार से फोन पर बातें भी हुई हैं और अब 13 साल के बनवास के बाद उसे अपना परिवार मिल गया । शीवाजन से मिलने की आस छोड़ चुकी उसकी मां फूलादेवी भी उससे मिलने को आतुर हैं और अपने दूसरे पुत्र रोहित मांजी के साथ देहरादून आ रही हैं । एसडीआरएफ के कमांडांट ने कुलदीप को इस मेहनत पर शाबाशी देते हुए 2500 रु के नकद इनाम की घोषणा की है ।


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उत्तराखंड में वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना पड़ेगा भारी

देहरादून, 25 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड पुलिस वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने वालों और दुपहिया वाहन पर तीन सवारियां लेकर चलने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलायेगी । प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिये सभी जिलों में आगामी एक सितम्बर से 15 दिवसीय विशेष अभियान चलाया जाएगा जिसमें ऐसे वाहन चालकों के चालान काट जायेंगे तथा वाहन जब्त किए जाएगें। पुलिस उपमहानिरीक्षक, यातायात ने बताया कि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करने और दो पहिया वाहनों पर तीन सवारी बैठाने से सड़क हादसे का खतरा बढ़ जाता है और ऐसा करके वाहन चालक अपने साथ-साथ दूसरों की जान भी खतरे में डालते हैं। उन्होंने बताया कि सभी जिलों के प्रभारियों को ऐसे वाहन चालकों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है ।


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शनिवार, 24 अगस्त 2019

मन की बात: 'मैन वर्सेज वाइल्‍ड' में पीएम मोदी की हिंदी में कही बात को ऐसे समझ रहे थे बेयर ग्रिल्‍स

देहरादून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्‍त को डिस्‍कवरी चैनल के मशहूर शो 'मैन वर्सेज वाइल्‍ड' के शो में नजर आए थे। इस शो के दौरान 'मैन वर्सेज वाइल्‍ड' के होस्‍ट बेयर ग्रिल्‍स प्रधानमंत्री से अंग्रेजी में सवाल पूछ रहे थे और पीएम मोदी उनका हिंदी में जवाब दे रहे थे। शो के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया में सवाल पूछना शुरू कर दिया कि बेयर ग्रिल्‍स ने पीएम मोदी की बात को कैसे समझा। अब खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इसका जवाब दे द‍िया है। प्रधानमंत्री ने अपने साप्‍ताहिक रेडियो प्रोग्राम '' में इसका रहस्‍योद्धाटन किया। उन्‍होंने कहा, 'कुछ लोग संकोच के साथ मुझसे एक बात पूछते हैं कि पीएम मोदी यह बताइए आप हिंदी बोल रहे थे और बेयर ग्रिल्‍स हिंदी जानते नहीं हैं? ये क्‍या बाद में एडिट किया हुआ है? ये इतना बार-बार शूटिंग हुआ है? क्‍या हुआ है? बड़ी जिज्ञासा के साथ पूछते हैं।' हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद में तकनीक ने की मदद पीएम मोदी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'देखिए, इसमें कोई रहस्‍य नहीं है। वास्‍तविकता तो यह है कि बेयर ग्रिल्‍स के साथ बातचीत के दौरान तकनीक का भरभूर इस्‍तेमाल किया गया। जब मैं कुछ बोलता था तो तुरंत ही अंग्रेजी में साथ के साथ अनुवाद होता था। साथ ही साथ उसकी व्‍याख्‍या भी की जाती थी। बेयर ग्रिल्‍स के कान में एक छोटा सा कार्डलेस इंस्‍ट्रूमेंट लगा हुआ था। मैं बोलता था हिंदी में लेकिन उनको सुनाई देता था अंग्रेजी।' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे संवाद आसान हो गया और यही तकनीक का कमाल है। पीएम मोदी ने कहा कि इस शो के बाद बड़ी संख्‍या में लोग जिम कार्बेट की चर्चा करते नजर आए। मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि नॉर्थ ईस्‍ट जाइए। क्‍या प्रकृति है वहां पर, आप देखते ही रह जाएंगे। आपके भीतर का विस्‍तार हो जाएगा। बता दें कि उत्‍तराखंड के जिम कार्बेट पार्क में शूट किए गए शो के इस स्‍पेशल एपिसोड को देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी लोगों ने जमकर देखा था। यह शो टेलिविजन की दुनिया में ट्रॉप ट्रेंडिंग में चला गया था। खुद बेयर ग्रिल्‍स ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी थी। ग्रिल्‍स के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी के साथ फिल्‍माए गए स्‍पेशल एपिसोड को 3.6 बिलियन सोशल मीडिया इंप्रेशन मिले हैं। इसने टीवी जगत के एक बड़े शो सुपर बाउल 53 को को भी ट्रेंडिंग के मामले में पीछे छोड़ दिया है। सुपर बाउल 53 को 3.4 बिलियन सोशल मीडिया इंप्रेशन मिले हैं। जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व 520 स्कॉयर किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसमें बड़ी संख्या में बाघ और मगरमच्छ मौजूद हैं। ग्रिल्स की मानें तो कई मौके ऐसे आए जब उनकी टीम भी खतरा महसूस कर रही थी, लेकिन मोदी तब भी विचलित नहीं दिखे। वाइल्‍ड लाइफ पर की थी चर्चा इस शो में पीएम मोदी ने बेयर ग्रिल्‍स को अपनी जिंदगी से जुड़े कई अहम किस्सों के बारे में बताया। पीएम ने प्रकृति और हिमालय से अपने लगाव के बारे में भी बताया। मोदी और ग्रिल्स ने वाइल्ड लाइफ और प्रकृति को संरक्षित करने पर भी काफी चर्चा की थी। पीएम ने कहा, 'यदि हम प्रकृति से संघर्ष करते हैं तो यह प्रकृति के साथ सबके लिए खतरनाक होता है, लेकिन हम प्रकृति से संतुलन बना लेते हैं तो वह भी हमारी मदद करती है।'


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नदियों को पुनर्जीवित करने के प्रयास तेज करेगी उत्तराखंड सरकार

देहरादून, 25 अगस्त :भाषा: उत्तराखंड सरकार अब ‘रिस्पना’ और ‘बिन्दल’ नदियों को पुनर्जीवित करने के अपने प्रयासों में तेजी लाएगी । वर्ष 2017 में सत्ता संभालने के बाद से ही प्रदेश की नदियों, खासतौर पर ‘रिस्पना’ और ‘बिंदाल’ को फिर से पुराने स्वरूप में लौटाने का बीड़ा उठाने वाले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कई बार दोनों नदियों को पुनर्जीवित करने के अपने संकल्प को दोहराया है और दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाते हुए मिशन ‘रिस्पना से ऋषिपर्णा’ शुरू किया है । सरकार की गंगा को स्वच्छ बनाने की मुहिम में भी इन दोनों नदियों का पुनर्जीवित होना खास मायने रखता है । ‘रिस्पना’ और ‘बिन्दल’ अगर प्रदूषण-मुक्त हो जाती हैं तो इसका सीधा असर गंगा पर पडे़गा जिसे साफ करना केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है । ‘रिस्पना’, ‘गंगा’ की एक अत्यंत प्रदूषित सहायक नदी है जो मसूरी से शुरू होकर देहरादून से बहती हुई बिन्दल नदी से मिलकर हरिद्वार में ‘गंगा’ में विलीन हो जाती है । इसके अलावा, जानकारों का मानना है कि ‘रिस्पना’ व ‘बिन्दल’ नदियों का पुनर्जीवित होना इन नदियों के साथ ही देहरादून के भी व्यापक हित में है जिससे देहरादून के सौंदर्य में बढ़ोत्तरी के साथ ही इसके पर्यावरण में भी सुधार होगा । पिछले साल सरकार ने मुख्यमंत्री रावत के नेतृत्व में ‘केरवान’ गांव से शुरू हुए मिशन 'रिस्पना से ऋषिपर्णा' के तहत ‘रिस्पना’ के तट पर ढाई लाख पौधे लगाए थे जिनमें अमलतास, शीशम, कचनार, बांस, बेलपत्र, आंवला, हरड़, बहेड़ा, तेजपात आदि 18 से अधिक विभिन्न प्रजातियां के पौधे शामिल थे । इस साल भी ‘रिस्पना’ के किनारे 31 हजार पौधों का रोपण किया गया जिनमें मुख्यत: पीपल और बरगद के पेड़ शामिल थे । बिंदाल के किनारे भी पौधारोपण की इसी प्रकार की योजना को अंजाम दिया जा रहा है । कभी देहरादून की जीवन रेखा रहीं लेकिन अब आबादी के दबाव और लोगों की आदतों के चलते गंदे नाले में तब्दील रिस्पना और बिंदाल नदियों के पुनर्जीवीकरण के प्रयासों में तेजी लाने के लिये जल्द ही कार्यदायी संस्था के चयन को अंतिम रूप दिया जायेगा तथा योजना के क्रियान्वयन से संबंधित औपचारिकतायें बहुत जल्द पूरी कर ली जायेंगी । एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अधिकारियों को सार्वजनिक उपक्रमों के साथ ज्वाइंट वैंचर के माध्यम से संचालित की जाने वाली इस योजना के सम्बन्ध में तैयार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट :डीपीआर: के आधार पर कार्यदायी संस्था के चयन को अंतिम रूप देने तथा विभिन्न विभागों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही को जल्द से जल्द करने के निर्देश दिये हैं । उन्होंने बताया कि इस योजना में साबरमती रिवर फ्रंट के अधिकारियों का भी सहयोग लिया जायेगा । नदियों के पुनर्जीवीकरण के तहत रिस्पना के आस-पास 1.2 किलोमीटर और बिन्दाल के आसपास 2.2 किलोमीटर क्षेत्र में रिवर फ्रन्ट डेवलपमेन्ट के तहत चैनलाइजेशन तथा जन सुविधाओं एवं सड़कों का निर्माण, निर्धनों के लिए आवास निर्माण, पार्किंग व्यवस्था के साथ ही रिवर फ्रन्ट एरिया के सौन्दर्यीकरण का कार्य किया जायेगा। इसके अलावा, देहरादून के कारगी क्षेत्र में उत्तराखंड के सबसे बडे सीवेज शोधन संयंत्र का निर्माण किया गया है जिससे शोधित जल में क्लोरीन मिलाकर जीवाणुरहित कर पुन: नदियों में छोडा जा रहा है । राज्य सरकार का दावा है कि इससे नदियों मुख्य रूप से बिंदाल नदी में प्रदूषण की मात्रा काफी हद तक कम हो गयी है तथा बीमारियों की संख्या में भी कमी आयी है । इस संबंध में गैर सरकारी संगठन 'हैस्को' के संस्थापक और पर्यावरणविद् पदमश्री अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि रिस्पना को पुनर्जीवित करने का प्रयास एक बहुत अच्छी पहल है । हालांकि, उन्होंने कहा कि परियोजना की सफलता के लिये सरकार के साथ ही इसमें आम जनता की भागीदारी भी आवश्यक है ।


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आचार्य बालकृष्ण को एम्स ऋषिकेश से मिली छुट्टी, मुख्यमंत्री ने जाना हालचाल

ऋषिकेशऋषिकेश के एम्स में भर्ती पतंजलि योगपीठ के महामंत्री के स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद उन्‍हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। एम्स के डायरेक्टर डॉ. रविकांत ने बताया कि डॉक्टर की विशेषज्ञ टीम की निगरानी में उन्हें आईसीयू में रखा गया था। उनके स्वास्थ्य में सुधार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है। एम्स से छुट्टी पाने से पहले उनसे प्रदेश के त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बालकृष्ण से मिलकर उनका हालचाल जाना। उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, रामदेव, जूना अखाड़े के स्वामी अवधेशानन्द समेत परमार्थ ऋषिकेश के परमाध्यक्ष चिदानंद मुनि आदि भी एम्स में मौजूद थे। स्वामी रामदेव ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण की तबीयत पेड़ा खाने के बाद ही बिगड़ी थी। इसके पीछे उन्होंने किसी साजिश की आशंका से भी इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद पतंजलि योगपीठ की ओर से इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। अगर किसी ने साजिश के तहत ऐसा किया है तो दोषी को सजा मिलेगी। अभी तक की जांच में यही बात सामने आई है कि खाने में कुछ जहरीला सेवन करने से उनकी तबीयत बिगड़ गई। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि फिलहाल उनके एंजाइम्स और खून के नमूने फरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं, इनकी रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा। यह रिपोर्ट आने पर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। उन्होंने बताया कि आचार्य बालकृष्ण को हृदय और मस्तिष्क से संबंधी कोई बड़ी समस्या नहीं है। शुक्रवार दोपहर करीब ढाई बजे मिठाई खाने के बाद आचार्य बालकृष्ण की अचानक बिगड़ गई थी। उन्हें उपचार के लिए हरिद्वार स्थित भूमानंद अस्पताल ले जाया गया, जहां हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया। शाम करीब सवा चार बजे बाबा रामदेव खुद आचार्य बालकृष्ण को लेकर एम्स ऋषिकेश पहुंचे। यहां उनका एमआरआई, ईसीजी और अन्य चिकित्सकीय परीक्षण किए गए और इसके बाद इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) में भर्ती कर दिया गया। शाम सात बजे एम्स के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. ब्रह्मप्रकाश ने उनका मेडिकल बुलेटिन जारी किया। बताया कि आचार्य बालकृष्ण के कई मेडिकल टेस्ट कराए गए। उनकी अधिकांश मेडिकल रिपोर्ट सामान्य आई थीं।


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रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण को ऋषिकेश एम्स से मिली छुट्टी

ऋषिकेश, 24 अगस्त (भाषा) योग गुरु रामदेव के करीबी सहयोगी और पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण को शनिवार को यहां स्थित एम्स से छुट्टी दे दी गयी। बालकृष्ण (47) को शुक्रवार को ‘‘ऑल्टर्ड कॉन्शसनेस’’ की अवस्था में अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। इस तरह की अवस्था में मरीज अपने आसपास की चीजों को समझ नहीं पाता है। एम्स के अधिकारियों ने बताया कि बालकृष्ण की एमआरआई समेत कई जांच की गयीं और उनके स्वास्थ्य के सभी मानक सामान्य पाये गये। उन्हें करीब 24 घंटे आईसीयू में विशेषज्ञों की टीम की निगरानी में रखने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। इससे पहले आज दिन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अस्पताल जाकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। बाबा रामदेव ने शुक्रवार को कहा कि जन्माष्टमी के अवसर पर पतंजलि में एक आगंतुक ने मिठाई दी थी जिसे खाने के बाद बालकृष्ण बीमार पड़ गये थे।


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लंच में आए आइडिया से इस शख्स ने खड़ी की 25000 करोड़ की कंपनी

जोमैटो (Zomato) को शुरू करने वाले दीपिंदर गोयल (Zomato Founder Deepinder Goyal) अपनी शुरुआती पढ़ाई में बहुत अच्छे नहीं थे. वो दो बार फेल हो चुके है. लेकिन लंच में आए आइडिया के जरिए उन्होंने 25 हजार करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी है.

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शुक्रवार, 23 अगस्त 2019

पेड़ा खाने के बाद बीमार पड़े थे आचार्य बालकृष्‍ण, अब हालत स्थिर: बाबा रामदेव

हरिद्वार योग गुरु स्‍वामी रामदेव ने कहा है कि पेड़ा खाने की वजह से पतंजलि आयुर्वेद के एमडी की तबीयत खराब हुई थी और अब उनकी हालत धीरे-धीरे सामान्‍य हो रही है। उन्‍होंने कहा कि जन्‍माष्‍टमी के अवसर पर एक व्‍यक्ति पेड़ा लेकर आया था और आचार्य बालकृष्‍ण ने उसे खा लिया। पेड़ा खाने के 15 मिनट बाद आचार्य बालकृष्‍ण कुछ घंटों के लिए बेहोश हो गए। रामदेव ने बताया कि उन्‍होंने आचार्य बालकृष्‍ण से बात की है और उन पर अभी फूड पॉयजनिंग का थोड़ा असर है। अगले कुछ घंटे में उनकी स्थिति सामान्‍य होने की उम्‍मीद है। रामदेव ने बताया कि एम्‍स में बहुत अच्‍छा इलाज चल रहा है और आचार्य बालकृष्‍ण करीब 90 फीसदी ठीक है। उधर, एम्‍स ऋषिकेश के डॉक्‍टर रविकांत ने बताया कि आचार्य बालकृष्‍ण का ब्‍लड प्रेशर, पल्‍स, ईसीजी, एमआरआई ब्रेन नार्मल है। डॉक्‍टर रविकांत ने बताया कि आचार्य बालकृष्‍ण पूरी तरह से स्‍वस्‍थ हैं। उनके सेंपल को टॉक्सिकॉलजी विभाग को भेज दिया गया है। बता दें कि योग गुरु स्वामी रामदेव के सहयोगी और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण (47) को शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने के बाद एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। फिलहाल, उन्हें एम्स के इंटेंसिव केयर विभाग में 24 घंटे के ऑब्जर्वेशन पर रखा गया है। ऋषिकेश एम्स के चिकित्सा अधीक्षक प्रफेसर ब्रह्म प्रकाश ने आचार्य बालकृष्ण का हेल्थ बुलेटिन जारी किया है। उन्होंने बताया कि आचार्य बालकृष्ण को शाम 4 बजकर 45 मिनट पर एम्स लाया गया था, जिसके बाद उनका उपचार शुरू कर दिया गया। जब आचार्य बालकृष्ण को एम्स लाया गया था, वह बेहोशी की हालत में थे। उनके पैरामीटर काफी डाउन थे, लेकिन अब पैरामीटर स्थिर हुए हैं।


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बालकृष्ण एम्स में भर्ती

ऋषिकेश, 23 अगस्त :भाषा: योग गुरू बाबा रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण को शुक्रवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान :एम्स: में भर्ती कराया गया । पतंजलि योगपीठ के सूत्रों ने बताया कि आचार्य बालकृष्ण को सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद हरिद्वार के एक अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें एम्स रेफर किया गया । एम्स ऋषिकेश के एक अधिकारी ने बताया कि बालकृष्ण को इमरजेंसी वार्ड ले जाया गया जहां उनकी जांच की गई।


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उत्तरकाशी में हेलीकॉप्टर ने की आपात लैंडिंग, पायलट घायल

देहरादून, 23 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के आपदा ग्रस्त उत्तरकाशी जिले में बचाव अभियान में शामिल एक हेलीकॉप्टर को शुक्रवार को लगवाड़ा में आपात लैंडिंग करनी पड़ी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के सूत्रों ने बताया कि निजी कंपनी का यह हेलीकॉप्टर राहत सामग्री लेकर प्रभावित मोरी क्षेत्र के चीवा गांव जा रहा था जब कुछ तकनीकी गड़बड़ी के चलते उसे आपात स्थिति में उतरना पड़ा। हालांकि आपात लैंडिंग के दौरान पायलट सुशांत कुमार जाना को सिर पर कुछ चोटें आईं जिसके बाद एसडीआरएफ जवानों ने उन्हें पीठ पर लादकर हैलीपैड तक पहुंचाया। वहां से जाना को देहरादून लाया गया और एक अस्पताल में भर्ती कराया गया । उत्तरकाशी जिला मजिस्ट्रेट आशीष चौहान ने कहा कि निजी हेलीकॉप्टर एक नदी के तट पर उतरा। इस घटना से दो दिन पहले बाढ़ प्रभावित उत्तरकाशी जिले में राहत कार्यों में शामिल एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। बिजली के तारों में फंसने के चलते उसमें आग लग गई थी। इस घटना में हेलीकॉप्टर में सवार तीन लोगों की मौत हो गई थी।


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कार के नदी में गिरने से युवा इंजीनियर की मौत

पौड़ी, 23 अगस्त (भाषा) पौड़ी जिले के थलीसैंण क्षेत्र में एक कार के नदी में गिर जाने से उसमें सवार लोक निर्माण विभाग का एक युवा इंजीनियर डूब गया। क्षेत्र के राजस्व अधिकारी मनमोहन सिंह नेगी ने बताया कि 32 वर्षीय योगेश कुमार कल देर रात अपने घर वापस आ रहा था कि तभी उसकी कार बैजरो—स्यून्सी मोटर मार्ग पर अचानक अनियंत्रित होकर सड़क से 60 फीट नीचे पूर्वी नयार नदी में जा गिरी। अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना के कारण का अभी पता नहीं चला है। पौड़ी जिले के रिखणीखाल के निवासी कुमार फिलहाल बैजरो में तैनात थे और दुर्घटना के वक्त वह वहां के स्थानीय बाजार में खाना खाकर वापस लौट रहे थे। नेगी ने बताया कि उनका शव घटनास्थल से दो किलोमीटर दूर बरामद हुआ ।


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आचार्य बालकृष्ण को पड़ा दिल का दौरा, एम्स ऋषिकेश में भर्ती

हरिद्वार योग गुरु के सहयोगी और के एमडी (47) को हार्ट अटैक की ख़बर है। बताया जा रहा है कि आचार्य बालकृष्ण को ऋषिकेश स्थित एम्स के लिए रिफर किया गया है। इससे पहले कहा जा रहा था कि उन्हें हरिद्वार स्थित हिमालयन हॉस्पिटल से जौलीग्रांट लाया जा रहा है। ने भी आचार्य बालकृष्ण को इमर्जेंसी में भर्ती कराने की बात कन्फर्म की है। रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने कहा है, 'हालत स्थिर है। चिंता की कोई बात नहीं है।'


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उत्तरकाशी में हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग

देहरादून, 23 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के बारिश प्रभावित उत्तरकाशी जिले में बचाव अभियान में शामिल एक हेलीकॉप्टर को शुक्रवार को लगवाड़ा में आपात लैंडिंग करनी पड़ी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। विधि-व्यवस्था के महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि हेलीकॉप्टर के पायलट और सह-पायलट दोनों सुरक्षित हैं और उन्हें मामूली चोटें आई हैं। उत्तरकाशी जिला मजिस्ट्रेट आशीष चौहान ने कहा कि निजी हेलीकॉप्टर एक नदी के तट पर उतरा। यह हेलीकॉप्टर बारिश से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए चीवा जा रहा था। इस घटना से दो दिन पहले बाढ़ प्रभावित उत्तरकाशी जिले में राहत कार्यों में शामिल एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। बिजली के तारों में फंसने के चलते उसमें आग लग गई थी। इस घटना में हेलीकॉप्टर में सवार तीन लोगों की मौत हो गई थी।


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उत्तरकाशी: राहतकार्य को जा रहा एक और हेलिकॉप्टर क्रैश, पायलट, को-पायलट घायल

उत्तरकाशी उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने जा रहा एक और हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया। बादल फटने से बाढ़ प्रभावित आराकोट में हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। हालांकि, घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पायलट और को-पायलट को मामूली चोटें आई हैं। गौरतलब है कि इससे पहले मोरी ब्लॉक में राहत कार्य में लगा एक हेलिकॉप्टर बुधवार को क्रैश हो गया। इस हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार तीनों लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक बादल फटने से बाढ़ का सामना कर रहे आराकोट के तिकोची के पास हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। घटना की पुष्टि उत्तरकाशी के जिला मैजिस्ट्रेट आशीष चौहान ने की। इसके पीछे क्या कारण रहा, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बाढ़ प्रभावित मोरी ब्लॉक में राहत कार्य में लगा एक हेलिकॉप्टर बुधवार को क्रैश हो गया। इस हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार तीनों लोगों की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक राहत सामग्री बांटकर लौट रहा यह हेलिकॉप्टर बिजली के तारों से बचने के चक्कर में पहाड़ी से जा टकराया। मुख्यमंत्री रावत ने सभी मृतकों के परिजन को 15-15 लाख रुपये की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है।


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WII की स्टडीः सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में प्रदूषित है गंगा, मिले जहरीले तत्व

देहरादून उत्तराखंड के वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) ने गंगा के प्रदूषण स्तर पर एक रिसर्च किया है। इस ताजा अध्ययन में सामने आया है कि गंगा सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में प्रदूषित है न की उत्तर प्रदेश के कानपुर में। इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन के लिए 43 जगहों पर गंगा का प्रदूषण स्तर जांचा। 43 में से हर एक स्ट्रेच में पांच किलोमीटर का एरिया शामिल किया गया। गंगा में 15 प्रतिबंधित औरगैनो क्लोरीन पेस्टिसाइड्स (ओसीपीएस) पाए गए। इसके अलावा अत्यंत जहरीले भारी धातुओं जैसे लेड और क्रोमियम की उपस्थिति भी गंगा के पानी में मिली। वैज्ञानिकों ने बताया कि अध्ययन से पहले गंगा को पांच जोन में बांटा गया। उत्तरखांड को अपर जोन, उत्तर प्रदेश में यमुना से पहले मिलने वाली गंगा को अपर मिडल जोन एक, वाराणसी, गाजीपुर, मीरजापुर और बलिया में गंगा को अपर मिडल जोन दो, बिहार और झारखंड में मिडल जोन और वेस्ट बंगाल में गंगा को ओवर जोन में रखा गया। अध्ययन के दौरान वेस्ट बंगाल के लोवर जोन में गंगा में सबसे ज्यादा प्रदूषण पाया गया। इस अध्ययन में शामिल रुचिका शाह ने वेस्ट बंगाल में गंगा के सबसे ज्यादा प्रदूषित होने के पीछे कारण बताते हुए कहा कि लोवर जोन वार्षिक वर्षा दर बहुत ज्यादा है। ज्यादा बारिश से ज्यादा बाढ़ आती है जो गंगा के आसपास की कृषि भूमि से कीटनाशक बहाकर लाती है। यह एक मुख्य कारण हो सकता है। हालांकि वैज्ञानिक यहां पर गंगा के सबसे ज्यादा प्रदूषित होने के पीछे एक कारण क्षेत्र में संवेदनशील जलीय प्रजातियों का होना भी मानते हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो इसका असर सुंदरबन की जैव विविधता पर भी पड़ेगा। रुचिका ने कहा कि पवित्र गंगा लोगों के लिए पूजा सामग्री फेंकने का एक एरिया भी बन गया है। लोग विभिन्न तरह की पूजा सामग्री इसमें बहा रहे हैं। इसके अलावा औधोगिक, नगर महापालिका और कृषि संबंधित वेस्ट भी जल निकायों में बहाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा के प्रदूषित होने का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी होगा। इस खबर को


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गुरुवार, 22 अगस्त 2019

पर्वतारोहियों ने दारमा-व्यास घाटियों को जोडने वाला नया ट्रैक ढूंढा

पिथौरागढ, 22 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के पिथौरागढ के पर्वतारोहियों ने हिमालयी दारमा और व्यास घाटियों को 5435 मीटर उंचे सिन ला दर्रे के जरिये जोड़ने वाला एक नये पैदल रास्ते :ट्रैक रूट: को खोज निकाला है और इस दल में एवरेस्ट फतेह करने वाले पर्वतारोही भी शामिल थे । पर्वतारोहियों का मानना है कि अगर इस मार्ग को सरकार कमीशन कर देती है तो इससे क्षेत्र में साहसिक पर्यटन को बढावा मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे जिससे सीमावर्ती गांवों से हो रहे पलायन को भी रोकने में मदद मिलेगी । अभियान के आयोजक और 2015 में माउंट एवरेस्ट फतेह कर चुके पर्वतारोही योगेश गरबियाल ने बताया कि सौंदर्य से भरपूर यह नया रूट दारमा घाटी में बिदांग से शुरू होता है और जोलिंगकोंग झील के निकट से गुजरता हुआ सिन ला दर्रे के जरिये व्यास घाटी में गुंजी तक जाता है । उन्होंने कहा कि 56 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक रूट को सरकार कमीशन कर दे तो यह दारमा और व्यास घाटियों को जोडने वाला पहला र्टैक रूट होगा । इस साल मई में एवरेस्ट पर विजय हासिल कर चुकीं प्रख्यात पर्वतारोही शीतल भी इस अभियान 'क्लाइम्बिंग एक्रॅास समिट' का हिस्सा थीं । 'सिन ला' दर्रा धारचूला सब डिवीजन के उच्च हिमालयी क्षेत्र में दारमा और व्यास घाटियों को बीच में विभाजित करने वाला उंचा पहाड़ है । गरबियाल ने बताया कि इस रूट की आधिकारिक मंजूरी और सरकार से कमीशनिंग के लिये राज्य सरकार को जल्द ही एक प्रस्ताव भेजा जायेगा ।


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बुधवार, 21 अगस्त 2019

उत्तरकाशी की बाढ़ में बह गए सात स्कूल और सारे दस्तावेज, तीन सौ से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई दांव पर

उत्तरकाशी उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से मोरी ब्लॉक में पंद्रह से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। कई लोग अब भी लापता हैं। कई स्कूलों की इमारत पूरी तरह से ढह गई। स्कूल बिल्डिंगों के साथ हाईस्कूल और इंटरमीडिएट छात्रों के बोर्ड परीक्षाओं के फॉर्म और दूसरे दस्तावेज भी बह गए। शिक्षा विभाग ने आपदा ग्रस्त इलाकों के सभी स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर रखी हैं। ऐसे परिस्थितियों में तीन सौ से ज्यादा छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है। मोरी ब्लॉक के एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी में बह गए। ऐसे में सात सरकारी स्कूलों की इमारतें बाढ़ में बह गई हैं। टीकोची इंटर कॉलोज, चिवान हाई स्कूल, प्राइमरी स्कूल चिवान, जूनियर हाई स्कूल चिवान और जूनियर हाई स्कूल किरानू की इमारतें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। वहीं प्राइमरी स्कूल डगोली और मोलदी गांव में भी बाढ़ का प्रभाव पड़ा है। सूत्रों की मानें तो इन स्कूलों में पढ़ने वाले 314 छात्रों की शिक्षा पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। इन 314 छात्रों में से 200 छात्र टीकोची गांव के बताए जा रहे हैं जो पूरी तरह से बाढ़ में बह गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित स्कूलों के बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। सीईओ आरसी आर्या ने कहा कि हम लोगों ने टीकोची इंटर कॉलेज के दो सौ छात्रों के पढ़ने की व्यवस्था बरनाली प्राइमरी स्कूल में की है। हम चिवान प्राइमरी स्कूल के 22 और चिवान जूनियर हाई स्कूल के 24 बच्चों को जगता प्राइमरी स्कूल में शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिवान हाई स्कूल के 25 छात्रों को बालावट प्राइमरी स्कूल, डगोली प्राइमरी स्कूल के 28 बच्चों को टीकोची प्राइमरी स्कूल, मोलदी प्राइमरी स्कूल के 11 छात्रों को मोलदी सामुदायिक सेंटर और किरानू जूनियर हाई स्कूल के चार बच्चों को किरानू प्राइमरी स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही सारे बोर्ड के अभ्यर्थियों को फिर से परीक्षा फॉर्म दिए जाएंगे। सारे छात्रों को कॉपियां, किताबें और दूसरे स्टडी मैटेरियल भी देने जाने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि हो सकता है जगह की कमी और इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते छात्रों को परेशानी हो लेकिन जल्दी ही उनकी परेशानियां खत्म की जाएंगी। स्कूलों के फिर से निर्माण का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है। इस खबर को


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उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, पायलट समेत तीन की मौत

देहरादून, 21 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित उत्तरकाशी जिले में राहत एवं बचाव कार्यों में लगा एक हेलीकॉप्टर बुधवार को मोल्डी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट, सह पायलट समेत हेलीकॉप्टर में सवार तीन व्यक्तियों की मौत हो गयी। डीजीसीए ने हादसे की जांच के लिए एक टीम गठित की है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, अशोक कुमार ने बताया कि राहत सामग्री लेकर जा रहा निजी कंपनी का यह हेलीकॉप्टर मोल्डी गांव के पास बिजली के तारों में उलझ कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया । उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में पायलट, सह-पायलट और एक स्थानीय व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गयी । मृतकों की पहचान कैप्टन लाल, कैप्टन शैलेश एवं उत्तरकाशी के खरसाली गांव के राजपाल राणा के रूप में हुई है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने दुर्घटना की प्रारंभिक जांच के लिए अधिकारियों की एक टीम गठित की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। डीजीसीए के एक अधिकारी ने बताया कि इस हादसे की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो द्वारा किये जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहत सामग्री वाले हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने पर दुख व्यक्त किया है टि्वटर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर दुखद है। ईश्वर से मृतात्माओं की शांति व उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।’’ मुख्यमंत्री रावत ने राज्य आपदा परिचालन केंद्र जाकर स्वयं घटना की जानकारी ली। उन्होंने सभी मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रूपये की सहायता राशि देने की भी घोषणा की। उत्तरकाशी जिले के मोरी क्षेत्र में गत रविवार को बादल फटने और लगातार भारी बारिश से हुए भूस्खलन की घटनाओं में 70 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कुल 51 गांव प्रभावित हुए। आपदा के कारण प्रभावित गांवों में कई भवन ढह गये हैं और 16 व्यक्तियों की मौत हुई है। छह अन्य लापता हैं जबकि आठ अन्य घायलों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है।


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उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, पायलट समेत तीन लोगों की मौत

देहरादून, 21 अगस्त :भाषा: उत्तराखंड के आपदाग्रस्त उत्तरकाशी जिले में बचाव और राहत कार्यों में लगा एक हेलीकॉप्टर बुधवार को मोल्डी के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट, सह पायलट समेत हेलीकॉप्टर में सवार तीन व्यक्तियों की मौत हो गयी । प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, अशोक कुमार ने बताया कि निजी कंपनी का यह हेलीकॉप्टर राहत सामग्री लेकर आपदा प्रभावित क्षेत्र मोरी में एक गांव से दूसरे गांव जा रहा था। उन्होंने बताया कि मोल्डी गांव के पास बिजली के तारों में उलझकर हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया । उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में पायलट, सह-पायलट और एक स्थानीय व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गयी । मृतकों की पहचान कैप्टन लाल, कैप्टन शैलेश एवं उत्तरकाशी के खरसाली गांव के राजपाल राणा के रूप में हुई है । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहत सामग्री वाले हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने पर दुख व्यक्त किया है टिवटर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री रावत ने कहा, 'हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर दुखद है । ईश्वर से मृतात्माओं की शांति व उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं । ' मुख्यमंत्री रावत ने राज्य आपदा परिचालन केंद्र में जाकर स्वयं घटना की जानकारी ली । उन्होंने सभी मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रूपये की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है। उत्तरकाशी जिले के मोरी क्षेत्र में गत रविवार को बादल फटने और लगातार भारी बारिश से हुए भूस्खलन की घटनाओं में 70 किलोमीटर क्षेत्र में कुल 51 गांव प्रभावित हुए। आपदा के कारण प्रभावित गांवों में कई भवन ढह गये हैं और 15 व्यक्तियों की मौत हुई है। छह अन्य लापता हैं जबकि आठ अन्य घायलों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है।


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