मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

Coronavirus in haridwar: हरिद्वार में कोरोना विस्फोट, रुड़की सिविल अस्पताल में 14 वेंटिलेटर मशीनें फांक रहीं धूल

हरिद्वार उत्तराखंड में कोरोना के प्रकोप के बाद कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है, साथ ही हरिद्वार जिले में भी बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। मगर उसके बावजूद भी हरिद्वार जनपद का स्वास्थ्य महकमा कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है। हरिद्वार जिले में कई लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत भी हो चुकी है, और उसका मुख्य कारण है कि पर्याप्त मात्रा में हॉस्पिटलों में वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं है। काफी संख्या में कोरोना संक्रमण होने के कारण वेंटिलेटर वाले बेड खाली नहींं है, इस कारण मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। हायर सेंटर में भी बेड खाली ना होने के कारण उन्हें वापस लौटाया जा रहा है। दरहसल हरिद्वार के रुड़की सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। रुड़की के सिविल अस्पताल में लाखों रुपयों की लागत से 14 वेंटिलेटर मशीनें पिछले डेढ़ साल से एक कमरे में धूल फांक रही है। 2020 में कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों के लिए वेंटिलेटर मशीने खरीदी थीं लेकिन आज तक मशीनो का संचालन नहीं हो पाया है। एक तरफ पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, उत्तराखण्ड में भी लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। हरिद्वार जनपद में कई लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत भी हो गई है। मगर हरिद्वार स्वास्थ्य विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही का खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। इस मामले पर सीएमएस संजय कंसल का बयान बड़ा ही अजीब है। उनका कहना है, कि ये कोई पानी की टोंटी नहीं है जो हमने पानी खोला और मरीज ने पानी पी लिया। वेंटिलेटर मशीन चलाने के लिए उनके पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है। साथ ही मशीन चलाने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यता होती हैं। और अभी तक अस्पताल में आईसीयू वॉर्ड भी नहीं बन पाया है। इसलिए वेंटिलेटर मशीन सुचारू नहीं हो पाई है। उनका कहना है कि भारत सरकार के द्वारा जिस कंपनी को इसका काम दिया गया था, उसने काम पूरा नहीं किया। स्वास्थ्य विभाग कह रहा है कि काम को जल्द पूरा किया जाए, क्योंकि रुड़की काफी बड़ा क्षेत्र है और यहां पर बड़ी संख्या में कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है।


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