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उन्होंने कहा कि आस्था बड़ी चीज है लेकिन मानव जीवन अधिक महत्वपूर्ण है।
जूना अखाड़ा के महामंलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने इसके साथ ही कहा कि वह कुंभ की समाप्ति की घोषणा नहीं कर रहे हैं क्योंकि यह समाप्त होने के कगार पर है और महज एक शाही स्नान बचा है।
कुंभ में हिस्सेदारी को संकेतिक रखने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए गिरि ने कहा, ‘‘आस्था बड़ी चीज है लेकिन मानव जीवन उससे भी महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने हरिद्वार में पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें यह एहसास है कोरोना वायरस इससे पहले इतना अधिक आक्रामक और प्राणघातक नहीं था। इसलिए मेरी श्रद्धालुओं से भावनात्मक अपील है कि वे सीमित संख्या में ही कुंभ में शामिल हो।’’
सबसे पुराने अखाड़ों में से एक के महामंडलेश्वर ने साधुओं से भी अपील की कि वे जीवन बचाने के लिए कार्यक्रम में हिस्सेदारी सांकेतिक ही रखें।
गिरि ने निरंजनी अखाड़े की हालिया घोषणा का बचाव किया जिसमें कहा गया था कि उनके लिए कुंभ संपन्न हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘...दरअसल उनका कहना था कि दो प्रमुख शाही स्नान संपन्न हो गए हैं और एक बाकी है जिसमें अधिकतर वैरागी साधु शामिल होते हैं और अन्य अखाड़ों का केवल सांकेतिक प्रतिनिधित्व होता है।’’
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