चमोली उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने शनिवार को जोशीमठ के सुमना में ग्लेशियर टूटने वाले क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण और सेना के अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चमोली में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि सुमना में जहां पर ग्लेशियर टूटा, वहां पर बीआरओ के लगभग 400 लेबर काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने बताया कि इनमें से कुल 391 लोग सेना और आईटीबीपी के कैम्पों तक पहुंच गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस हादसे में 6 मजदूरों के मारे जाने की जानकारी मिली है जबकि 4 लोग घायल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौके पर सेना, आईटीबीपी की टीमें राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ वहां पर आगे बढ़ी है और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुट है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं। भारतीय सेना के सेंट्रल कमांड ने जानकारी देते हुए बताया कि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) का एक कैंप बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया था। हादसे में अभी तक 384 लोगों को बचाया जा चुका है। चीन की सीमा से सटे जोशीमठ सेक्टर के सुमना इलाके में यह घटना हुई है। भापकुंड से सुमना तक रास्ते की सफाई की जा रही है।
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