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जूना अखाड़ा ने यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के कुछ घंटों बाद लिया जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर हरिद्वार में चल रहे कुंभ में हिस्सेदारी सांकेतिक रखने को कहा था।
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत की जनता व उसकी जीवन रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमने विधिवत कुम्भ के आवाहित समस्त देवताओं का विसर्जन कर दिया है। #जूना अखाड़ा की ओर से यह कुम्भ का विधिवत विसर्जन-समापन है।’’
उन्होंने इसके साथ ही फैसले की प्रति भी साझा की है जिसपर उनके, जूना अखाड़ा के संरक्षक हरि गिरि, सचिवों महंत मोहन भारत व महंत महेश पुरी के हस्ताक्षर हैं।
फैसले में कहा गया है कि कुंभ के सभी आवाहित देवताओं का विसर्जन अखाड़ा के संतों के साथ परामर्श के बाद जनहित में किया गया है।
इसमें कहा गया है, ‘‘देवताओं के विसर्जन के साथ हम सभी तीर्थों और सिद्धपीठों से भी प्रार्थना करते हैं कि वे हरिद्वार कुंभ मेला 2021 को विसर्जित-समापन घोषित करें।’’
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