![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/82119558/photo-82119558.jpg)
कुंभ में सहभागिता को प्रतीकात्मक रखने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर गिरि ने कहा, ‘‘धर्म एक बड़ी चीज है, लेकिन मानव जीवन उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है। ’’
उन्होंने हरिद्वार में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमें अहसास करना चाहिए कि वर्तमान कोरोना जितना घातक और जानलेवा है, उतना पहले वाला नहीं था। ऐसे में भावुक श्रद्धलुओं से मेरी अपील की है कि उन्हें कुंभ मेले में सीमित संख्या में ही आना चाहिए।’’
उन्होंने साधु-संतों से दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता प्रतीकात्मक रखने की भी अपील की।
स्वामी अवधेशानंद ने वृद्धों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा के मद्देनजर मेले से बचने की सलाह दी।
हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कुंभ के समापन की घोषणा नहीं कर रहा हूं। बस मैं इतना कह रहा हूं कि कुंभ समापन की ओर बढ़ रहा है और दो बड़े शाही स्नान होने जा रहे हैं । एक शाही स्नान बचा है जिसमें बस बैरागी संत हिस्सा लेते हैं। अन्य का बस सांकेतिक प्रतिनिधित्व होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बैरागी संतों का शाही स्नान होगा ही। प्रशासन उसके आयोजन के लिए कटिबद्ध है । लेकिन मेरी निजी अपील है कि मानवता के लिए चीजें सीमित एवं प्रतीकात्मक हों ।’’
गिरि ने निरंजनी आखड़े का बचाव भी किया जिसने हाल ही में घोषणा की थी कि उसके लिए यह कार्यक्रम पूरा हो गया।
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर ने यह भी कहा कि उनके अखाड़े के संत कोविड-19 के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3gjcNMI
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें