![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/76578779/photo-76578779.jpg)
देहरादून, 24 जून (भाषा) पतंजलि की एक दवा पर छिडे विवाद के बीच उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेद विभाग ने बुधवार को कहा कि उसने बाबा रामदेव को ‘इम्युनिटी बूस्टर’ के लिए लाइसेंस दिया था और इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा मांगी गयी सूचनाएं उपलब्ध करा दी गयी हैं । उत्तराखंड आयुर्वेद और यूनानी सेवाएं के निदेशक आनंद स्वरूप ने यहां बताया कि उनके विभाग ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को ‘इम्यूनिटी बूस्टर’, बुखार और खांसी के लिए दवा बनाने का लाइसेंस जारी किया था । उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके विभाग ने कोरोना की दवा के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया और न ही वह इसके लिए अधिकृत है । स्वरूप ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने हमसे लाइसेंस के संबंध में कागज मंगाए थे जो हमने उन्हें भेज दिए हैं ।’’ निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके विभाग की ओर से बाबा रामदेव या उनकी कंपनी को कोई नोटिस नहीं जारी किया गया है और कहा कि उन्हें इस संबंध में कहीं से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है । बाबा रामदेव ने मंगलवार को 'कोरोनिल' दवा बाजार में उतारी थी और दावा किया था कि आयुर्वेद पद्धति से जड़ी बूटियों के गहन अध्ययन और शोध के बाद बनी यह दवा शत-प्रतिशत मरीजों को फायदा पहुंचा रही है । हालांकि, इस दवा की घोषणा होते ही उसकी प्रमाणिकता को लेकर विवाद छिड़ गया जिसके बाद केंद्र सरकार ने इसके प्रचार पर रोक लगाते हुए पतंजलि को नोटिस जारी कर दिया ।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2BwdjER
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें