बुधवार, 24 जून 2020

कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम का भुगतान लटका, उत्‍तराखंड के अस्‍पतालों पर बंद होने का संकट मंडराया

पुलकित शुक्ला, देहरादून ईएसआई यानी लटक जाने के कारण उत्‍तराखंड के कई छोटे-बड़े अस्पतालों का संचालन ठप होने की कगार पर है। अस्पतालों का ईएसआई पर लगभग 100 करोड़ रुपये बकाया है। जिसके चलते अस्पताल प्रबंधन के सामने कर्मचारियों का वेतन और अन्य खर्च वहन करना मुश्किल हो रहा है। श्रम मंत्री ने सप्ताह भर में भुगतान करने की बात कही है। ईएसआई की ओर से भुगतान ना किए जाने के कारण कई अस्पतालों ने अपनी ओपीडी भी बंद कर दी है। इन अस्पतालों में कई अस्पताल ऐसे भी हैं जो एमएसएमई के दायरे में आते हैं। हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ हफ्तों पहले ही निर्देश दिए थे कि एमएसएमई के दायरे में आने वाली इकाइयों का बकाया भुगतान जल्द से जल्द किया जाएगा। बावजूद इसके ईएसआई अस्पतालों का करोड़ों रुपए का भुगतान रोके हुए है। ये अस्पताल हो रहे ईएसआई से त्रस्त प्रदेश के लगभग सभी प्रमुख शहरों के अस्पताल ईएसआई का भुगतान ना मिलने के कारण ठप होने की कगार पर है। इनमें जौली ग्रांट का हिमालयन अस्पताल, हल्द्वानी के 4 अस्पताल बृजलाल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, कृष्णा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, बॉम्बे हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, साईं हॉस्पिटल और हरिद्वार का मेट्रो हॉस्पिटल, भूमा अस्पताल आदि शामिल हैं। हरिद्वार के मेट्रो हॉस्पिटल ने मरीजों के लिए कर दी है। आंतरिक सूत्रों का कहना है कि अस्पताल का ईएसआई पर 14 करोड़ रुपये बकाया है। जौली ग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल का भी 24 करोड़ से अधिक का भुगतान ईएसआई पर बकाया चल रहा है। इसमें सुपर स्पेशलिटी सुविधा और सामान्य मरीजों का इलाज शामिल है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसएल जेठानी का कहना है कि सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा सुविधा नवंबर में भुगतान न होने के कारण बंद कर दी गई थी। उसके बाद राज्य सरकार और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर भुगतान करने का अनुरोध किया गया अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। अगर यही हालात रहे तो अस्पताल सामान्य मरीजों को भी ईएसआई की सुविधा उपलब्ध नहीं करवा सकेगा। सप्ताह भर में हो सकता है 70 करोड़ का भुगतान उत्तराखंड के श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के अनुसार ईएसआई की अस्पतालों को देनदारी लगभग 100 करोड रुपए की है। जिनमें से 70 करोड़ रुपए जल्द से जल्द भुगतान करने का अधिकारियों को आदेश दिया गया है। अस्पतालों के बिल प्राप्त हो गए हैं। अस्पताल और डॉक्टर कोरोना महामारी से लड़ने में फ्रंट लाइन वॉरियर की तरह कार्य कर रहे हैं। उनका मनोबल बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द भुगतान किया जाएगा।


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