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कोरोना वायरस के चलते में आने-जाने वालों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। के लिए हरिद्वार आने वालों के लिए मुसीबत होती थी। उन्हें ठहरने की अनुमति न होने के कारण आनन-फानन में लौटना पड़ता था। हालांकि अब उनके लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। अस्थि विसर्जन के लिए यहां आने वाले लोग 24 घंटे तक यहां प्रवास कर सकेंगे। गंगा सभा के पदाधिकारियों और अस्थि विसर्जन के लिए बाहर से आने वाले लोगों की असुविधा को देखते हुए ऐसी व्यवस्था की गई है। अभी तक हरिद्वार अस्थि विसर्जन को आने वाले लोगों को नारसन बॉर्डर पर रोका जाता था। यहां से उन्हें सिर्फ छह घंटे पास जारी किया जा रहा था। इस छह घंटे की अवधि में लोगों को अस्थि विसर्जन करके लौटना जरूरी था। कई बार अस्थि विसर्जन कर छह घंटे के अंदर लौटना संभव नहीं हो पा रहा था। नहीं किया जाएगा क्वारंटीन हरिद्वार के डीएम सी रविशंकर ने इस बारे में संशोधित आदेश जारी करते हुए कहा कि जो व्यक्ति अपने दिवंगतजनों के अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार आएंगे, जरूरत पड़ने पर वे 24 घंटे का प्रवास किसी भी होटल, धर्मशाला या लॉज में कर सकते हैं। ऐसे लोगों को क्वारंटीन नहीं किया जाएगा। हालांकि ऐसे लोगों को लॉकडाउन के सारे नियमों का पालन करना होगा। नए नियम के आड़ में खेल पड़ेगा मंहगा डीएम ने बताया कि यात्री को ठहराने वाले होटल, अतिथि गृह या धर्मशाला संचालक को उनका पूरा विवरण रखना होगा ताकि जरूरत पड़ने पर उनका पता चल सके। उन्होंने साथ ही ये भी चेतावनी दी कि अगर अस्थि विसर्जन के लिए आने वालों की आड़ में अन्य यात्रियों को ठहराया गया तो ऐसे होटल और धर्मशाला संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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