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महेश पांडे, हरिद्वार कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच योगगुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने दवा बनाने का दावा किया है। योगगुरु बाबा रामदेव ने दावा किया कि उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दवा ढूंढ ली है। इस आयुर्वेदिक दवा के बारे में विस्तार से बताने के लिए बाबा रामदेव ने हरिद्वार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस मौके पर हरिद्वार में पतंजलि के सीईओ बालकृष्ण और योगगुरु बाबा रामदेव ने ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ () के बावत हुए क्लिनिकल ट्रायल के बारे में भी बताया। रामदेव कोरोनिल टेबलेट से कोरोना के मरीजों के ठीक होने का दावा किया। रामदेव ने कहा कि कोरोना की दवा पर दो बार ट्रायल हुआ है। रामदेव ने कहा, ‘हमारी दवाई का 100 फीसदी रिकवरी रेट है और डेथ रेट जीरो है। उन्होंने कहा भले ही लोग अभी हमसे इस दावे पर सवाल करें, हमारे पास हर सवाल का जवाब है। हमने सभी वैज्ञानिक नियमों का पालन किया है।' पतंजलि के सीईओ बालकृष्ण का दावा है कि आयुर्वेदिक दवा से कोरोना के मरीज 5 से 14 दिन के भीतर ठीक किए जा सकते हैं। इसके अनुसार, हरिद्वार की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड इस दवा का उत्पादन साथ मिलकर करेंगे। उन्होंने कहा कि यह दवा पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट और नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जयपुर ने मिलकर बनाई है। कंपनी का दावा है कि ‘कोरोनिल’ का क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल अंतिम दौर में है। फिलहाल इसका प्रॉडक्शन हरिद्वार की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कर रहे हैं। बालकृष्ण के मुताबिक, कोविड-19 संक्रमण शुरू होते ही वैज्ञानिकों की एक टीम इसी काम में लग गई थी। पहले स्टिमुलेशन से उन कम्पाउंड्स को पहचाना गया जो वायरस से लड़ते और शरीर में उसका प्रसार रोकते हैं। पतंजलि सीईओ के अनुसार, सैकड़ों पॉजिटिव मरीजों पर इस दवा की क्लिनिकल केस स्टडी हुई जिसमें 100 प्रतिशत नतीजे मिले। उनका दावा है कि कोरोनिल कोविड-19 मरीजों को 5 से 14 दिन में ठीक कर सकती है। पतंजलि सीईओ के अनुसार, कोरोनिल में गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल का मिश्रण है। उनके मुताबिक, यह दवा दिन में दो बार-सुबह और शाम को ली जा सकती है। पतंजलि के अनुसार, अश्वगंधा से कोविड-19 के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) को शरीर के ऐंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंजाइम (ACE) से नहीं मिलने देता। यानी कोरोना इंसानी शरीर की स्वस्थ्य कोशिकाओं में घुस नहीं पाता। वहीं गिलोय कोरोना संक्रमण को रोकता है। तुलसी कोविड-19 के RNA पर अटैक करती है और उसे मल्टीप्लाई होने से रोकती है। इससे पहले भारत में ग्लेन फार्मा ने कोरोना की दवा पेश की। इसके बाद हेटरो लैब्स ने और अब तीसरी दवा मुंबई की सिप्ला कंपनी ने कोरोना मरीजों के लिए पेश की है। FabiFlu और Covifor को हाल ही में सरकार से अप्रूवल मिला है। पतंजलि की ‘कोरोनिल’ टैबलेट को सरकार की तरफ से कोरोना के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति मिलनी अभी बाकी है।
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