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देहरादून पतंजलि की एक दवा पर छिड़े विवाद के बीच उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेद विभाग ने बुधवार को कहा कि उसने बाबा रामदेव को ‘इम्युनिटी बूस्टर’ के लिए लाइसेंस दिया था और इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। उत्तराखंड आयुर्वेद और यूनानी सेवाएं के निदेशक आनंद स्वरूप ने यहां बताया कि उनके विभाग ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को ‘इम्यूनिटी बूस्टर’, बुखार और खांसी के लिए दवा बनाने का लाइसेंस जारी किया था। आनंद स्वरूप ने जोर देकर कहा कि उनके विभाग ने कोरोना की दवा के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया और न ही वह इसके लिए अधिकृत हैं। स्वरूप ने कहा कि केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने हमसे लाइसेंस के संबंध में कागज मंगाए थे जो हमने उन्हें भेज दिए हैं। निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके विभाग की ओर से बाबा रामदेव या उनकी कंपनी को कोई नोटिस नहीं जारी किया गया है और कहा कि उन्हें इस संबंध में कहीं से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पढ़ें,कोरोना की अपनी दवा पर बाबा रामदेव का ट्वीट बाबा रामदेव ने मंगलवार को 'कोरोनिल' दवा बाजार में उतारी थी और दावा किया था कि आयुर्वेद पद्धति से जड़ी बूटियों के गहन अध्ययन और शोध के बाद बनी यह दवा शत-प्रतिशत मरीजों को फायदा पहुंचा रही है। हालांकि, इस दवा की घोषणा होते ही उसकी प्रमाणिकता को लेकर विवाद छिड़ गया जिसके बाद केंद्र सरकार ने इसके प्रचार पर रोक लगाते हुए पतंजलि को नोटिस जारी कर दिया। आयुष मंत्रालय ने इस दवाई से पल्ला झाड़ लिया जिसके बाद सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव की काफी किरकिरी हो रही थी। ऐसे में बुधवार को बाबा रामदेव ने ट्वीट कर आलोचना करने वालों को जवाब दिया है। ट्वीट के साथ आयुष मंत्रालय का पत्र बाबा रामदेव ने अपने ट्वीट के साथ आयुष मंत्रालय का एक पत्र भी संलग्न किया है। दरअसल, पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण ने इस बारे में कल मंत्रालय को एक पत्र लिखा था। इसके जवाब में आयुष मंत्रालय ने आचार्य बालकृष्ण को जवाबी पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि उसे दवा के क्लीनिकल ट्रायल संबंधी सभी दस्तावेज मिल गए हैं। मंत्रालय शोध के नतीजों के सत्यापन के लिए दस्तावेजों का अध्ययन करेगा। लॉन्च होते ही विवाद बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद की 'दिव्य कोरोना किट' के विज्ञापन पर आयुष मंत्रालय ने रोक लगा दी थी। मंत्रालय ने रामदेव की कंपनी से दवा के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। पूछा है कि उस अस्पताल और साइट के बारे में भी बताएं, जहां इसकी रिसर्च हुई। वहीं उत्तराखंड सरकार से इस आयुर्वेदिक दवा के लाइसेंस आदि के बारे में जानकारी मांगी है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार की ओर से कोविड 19 के उपचार के लिए तैयार दवाओं के बारे मे उसे मीडिया से जानकारी मिली। दवा से जुड़े वैज्ञानिक दावे के अध्ययन और विवरण के बारे में मंत्रालय को कुछ जानकारी नहीं है।
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