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हरिद्वार हरिद्वार जनपद में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया गया, लेकिन कोरोना के संदर्भ में जो केंद्रीय मानक आदेशित किये गए है उनका ध्यान नही रखा गया। सोमवार को एक सड़क दुर्घटना में हरिद्वार निवासी दो लोगों की मृत्यु हो गई थी, पोस्टमॉर्टम के दौरान उनका कोरोना का सैंपल जांच के लिए भेजा और दोनों की डेड बॉडी को घर भेज दिया। इसके बाद दोनों मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। बुधवार को जब दोनों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई तो प्रशासन में हड़कम्प मच गया। एम्स अस्पताल के पीआरओ हरीश थपलियाल ने बताया कि केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार पोस्टमॉर्टम के बाद डेड बॉडी सौंप देने के आदेश है, बाकी अंत्येष्टि का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। हरिद्वार स्वास्थ्य विभाग के पीआरओ डॉ अजय ने बताया कि मृतकों का कोरोना टेस्ट हरिद्वार जनपद में नहीं हुआ था, एम्स ऋषिकेश में हुआ था, वहां से मृतकों का शव परिजनों को सौंप दिया गया जिसके बार अंत्येष्टि कर दी गई, गाइडलाइंस का पालन कराना प्रशासन का काम है। फिलहाल क्षेत्र को सैनिटाइज करवा दिया गया है और प्राइमरी कॉन्टेक्ट्स को आइसोलेट करने की प्रक्रिया चल रही है। तहसीलदार हरिद्वार आशीष घिल्डियाल का कहना है कि आज यह मामला संज्ञान में आया है, अगर स्वास्थ्य विभाग बताता तो गाइडलाइन्स के अनुसार ही अंतिम संस्कार कराया जाता।
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