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देहरादूनचारधाम यात्रा शुरू होने से पहले दो धामों के रावल को उत्तराखंड लाने की सरकार के सामने चुनौती थी। अब ख़बर है कि महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें उत्तराखंड आने की अनुमति दे दी है। इससे उम्मीद जगी है कि धाम के प्रमुख रावल भीमा शंकर लिंग 29 अप्रैल को केदार धाम के कपाट खुलने से पहले ऊखीमठ पहुंच जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की सभी परंपराएं इस साल भी आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित परंपरा के अनुरूप प्रमुख रावल की मौजूदगी में ही हो सकेंगी। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के नांदेड़ में मौजूद रावल 20 अप्रैल तक ऊखीमठ पहुंच जाएंगे। उन्होंने ऊखीमठ जाने की अनुमति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। अब, महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें जाने की अनमुति दे दी है। जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र की सरकार जो भी व्यवस्था करेगी, उसी माध्यम से वे ऊखीमठ जाएंगे। पढ़ें: गृह मंत्रालय के जवाब का इंतजार दूसरी तरफ बदरीनाथ के रावल केरल में हैं और उन्हें सड़क मार्ग से उत्तराखंड लाना खासा चुनौतीपूर्ण है। शासन ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर रावल को उत्तराखंड पहुंचाने का आग्रह किया है। शासन का कहना है कि गृह मंत्रालय के जवाब का इंतजार किया जा रहा है। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने स्पष्ट किया कि चारों धामों के कपाट तय समय पर ही खुलेंगे। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं हैं। लोग कपाट खुलने के दौरान होने वाली पूजा-अर्चना देख सकें, इसके लिए ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था पर विचार हो रहा है। हटाई जा रही है बर्फ जहां तक यात्रा तैयारियों का सवाल है, केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए अभी 1 किलोमीटर बर्फ को और रस्ते से साफ़ करना शेष रह गया है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार अगले 5 दिन में बर्फ की सफाई का काम पूरा हो जाएगा और मंदिर तक का रास्ता आने-जाने के लिए खुल जाएगा। खच्चरों का संचालन भी लिनचोली तक शुरू हो गया है। रास्ते मे बड़े-बड़े हिमखंडों के लगातार सक्रिय होने के कारण खच्चरों का संचालन अभी मंदिर तक नहीं हो पा रहा है। केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण बर्फ की सफाई के काम मे बाधा आ रही है । वुडस्टोन निर्माण कंपनी के 130 कर्मचारी यह काम कर रहे हैं।
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