रविवार, 26 अप्रैल 2020

उत्तराखंड के युवक की दुबई में मौत, शव भारत आया तो अधिकारियों ने वापस भेज दिया, प्रदेशवासियों में आक्रोश

देहरादून दुबई में टिहरी गढ़वाल के कमलेश भट्ट की मौत के बाद भारत भेजे गए उनके शव को वापस भेजे जाने के भारत सरकार के निर्णय से उत्तराखंड में आक्रोश दिखाई देने लगा है। टिहरी गढ़वाल के कमलेश भट्ट की दुबई में 16 अप्रैल को उसके कमरे में ही मृत्यु हो गई थी। कमलेश दुबई में नौकरी कर रहा था। उसके मृत्यु प्रमाणपत्र में लिखा है कि वह कोरोना से संक्रमित नहीं था। उत्तराखंड और भारत सरकार ने जब कमलेश के पार्थिव शरीर को भारत नहीं मंगवाया तो दुबई में ही रह रहे एक उत्तराखंडी कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी ने सभी औपचारिकताएं पूरी करके उसका शरीर 23 तारीख की शाम को भारत भिजवाया। लेकिन भारतीय अधिकारियों ने शव लेने से ही मना कर दिया और कहा कि भारतीय गृह मंत्रालय से अतिरिक्त अनुमोदन के बिना इसे नहीं लिया जा सकता। इसके बाद 23 तारीख दोपहर को शव वापस अबू धावी भेज दिया गया। कमलेश भट्ट के माता-पिता उसे लेने टिहरी से ऐम्बुलेंस से दिल्ली पहुंचे थे लेकिन वे उसे आखिरी बार भी नहीं देख पाए। सरकार के इस फैसले से उत्तराखंड के लोगों में भारी आक्रोश है। कमलेश के शव को वापस मंगाने की मांग उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि हम इस बात से आक्रोशित हैं कि आम गरीब व उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों के लोगों के साथ ऐसा ही होता है। उन्होंने सवाल उठाया कि हम जानना चाहते हैं कि उत्तराखण्ड की डबल इंजन सरकार और उसके नेता क्या कर रहे थे? क्या उत्तराखण्ड के आम युवा के स्थान पर यदि किसी नेता, मंत्री, उद्योगपति, ब्यूरोक्रेट का परिवारवाला होता तो भी क्या शव के साथ यही व्यवहार होता? यह एक उदाहरण है जो हमारी राजनैतिक हैसियत को बताता है। उन्होंने उत्तराखण्ड व देश की सरकार से कमलेश के पार्थिव शरीर को देश वापस लाकर सम्मान के साथ उनके परिवारवालों को सौंपने की मांग की है।


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