सोमवार, 27 अप्रैल 2020

दुबई में हुई मौत और भारत ने लौटा दिया था शव, वापस मंगाकर ऋषिकेश में हुआ दाह संस्कार

देहरादून उत्तराखंड के टिहरी जिले के रहने वाले की हो गई थी। कमलेश का शव जब भारत आया तो एयरपोर्ट से ही उसे वापस भेज दिया गया। इस घटना से नाराज परिजन ने टिहरी के डीएम को सूचना दी। डीएम ने से बात की तो हरकत में आई केंद्र सरकार ने कमलेश भट्ट का शव वापस मंगा लिया। सोमवार को ऋषिकेश में कमलेश का दाह संस्कार कर दिया गया। टिहरी जिले के सेमवाल गांव के 25 वर्षीय युवक बीती 17 अप्रैल को हार्ट अटैक से हो गई थी। एक समाजसेवी की कोशिश से उनका शव 23 अप्रैल को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा था लेकिन एयरपोर्ट से ही उनका शव वापस दुबई के लिए भेज दिया गया। जबकि दिल्ली एयरपोर्ट पर शव लेने के लिए कमलेश के पिता हरिप्रसाद भट्ट और अन्य परिजन पहुंचे हुए थे। एयरपोर्ट से ही लौटा दिया गया था कमलेश का शव कमलेश के भाई विमलेश भट्ट के अनुसार, एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन के नोडल अधिकारी न होने के कारण उनके अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारियों ने विमान से शव नहीं उतरने दिया। जिसके बाद शव को वापस दुबई भेज दिया गया। उधर शव फिर से दुबई पहुंचने पर इसी समाजसेवी रोशन रतूड़ी ने भी शव को फिर से भारत भिजवाने के प्रयास जारी रखते हुए इस शव को दुबई में मोर्चरी में रखवा दिया। शव वापस कर दिए जाने के बाद से गहरे सदमे में आए कमलेश के परिजन ने टिहरी के डीएम को पत्र लिखकर शव को भारत लाए जाने की मांग की। इस पत्र प्राप्ति के बाद जिला प्रशासन ने भी गृह विभाग को पत्र भेजकर पूरे मामले की जानकारी दी। जिसके बाद हरकत में आई सरकार ने इस शव को फिर से भारत मंगवाया। आखिकरकार कमलेश का शव रविवार की देर रात करीब डेढ़ बजे दुबई से कार्गो विमान से दिल्ली इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट लाया गया। एयरपोर्ट पर मौजूद कमलेश के परिजन वहां से शव लेकर सीधे ऋषिकेश के लिए रवाना हुए। सोमवार को ऋषिकेश के पूर्णानंद गंगा घाट पर शव का दाह संस्कार किया गया। उन्हें मुखाग्नि छोटे भाई राजेश भट्ट ने दी। 22 साल की उम्र में दुबई गए थे कमलेश आर्थिक तंगी के कारण जैसे-तैसे गांव में इंटर तक की पढ़ाई पूरी करके दो साल पहले 22 साल की उम्र में कमलेश दुबई के एक होटल में नौकरी करने गए थे। दुर्भाग्य से वह अपने बुजुर्ग पिता हरि प्रसाद भट्ट और माता प्रमिला देवी की आस पूरी न कर सके। 17 अप्रैल को कमलेश की मौत से परिजन के सारे सपने चकनाचूर हो गए। कमलेश की माता प्रमिला देवी भी पिछले लंबे समय से बीमार चल रही हैं। जिससे उनकी और परिवार की जिम्मेदारी इंटर की पढ़ाई पूरी कर चुके कमलेश के छोटे भाई राजेश के कंधों पर आ गई है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2y36g5a

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें