गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

चार धामों में ऑनलाइन पूजा के प्रस्‍ताव को तीर्थ पुरोहितों को ठुकराया, बोले- पुरोहित भी करा सकते हैं पूजा

देहरादून बदरीनाथ और धाम में कपाट खुलने के समय धामों के रावलों की ओर से ऑनलाइन पूजा के प्रस्ताव को तीर्थ पुरोहितों ने ठुकरा दिया है। उनका कहना है कि यह पहले से ही स्थापित परम्परा है कि अगर प्रमुख रावल किन्ही कारणों से कपाट खुलने के वक्त नहीं पहुंच पाते हैं तो संबंधित धाम के अधिकारी, पुरोहित विधि-विधान से पूजा अर्चना करा सकते हैं। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य आचार्य नरेशानंद नौटियाल ने इस मामले को लेकर सीएम को पत्र लिखा है। उनके मुताबिक परम्परा रही है कि कपाट खुलने के समय दोनों धामों में सभी वैदिक कर्म और कर्मकांड रावलों की ओर से ही किए जाते हैं। लेकिन अगर रावल उपस्थित न हों तो बदरीनाथ में यह काम डिमरी समाज के पुरोहितों की ओर से ही किया जाना चाहिए। रावलों के न होने पर है वैकल्‍पिक व्‍यवस्‍थावहीं केदारनाथ धाम में रावल के उपस्थित न होने पर केदारनाथ गद्दी के अधिकारी शुक्ला वंश के लोग ही पूजा भोग एवं कपाट खुलने के समय के अन्य कर्मकांडों के आयोजन के अधिकारी हैं। ये लोग पहले भी इस तरह की स्थिति में यह काम करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूजा अर्चना के लिए प्रमुख रावलों को बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में लाने की जिम्मेदारी सरकार की है। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण रावल नहीं पहुंच पा रहे हैं तो तीर्थ पुरोहितों की ओर से ही यह पूजा संपन्न करवाई जानी चाहिए। बाकी मंदिरों में भी पुरोहित समाज करता है पूजाअचार्य के मुताबिक बदरीनाथ धाम में बामणी गांव का नंदा देवी मंदिर, उर्वशी मंदिर, माता मूर्ति मंदिर, माणा गांव के लोगों के ईष्ट देवी, देवों के मंदिर, बदरी नृसिंह मंदिर, महाप्रभु बैठक आदि भी दर्शन के लिए खोले जाते हैं। उनमें भी पूजा पंडा एवं तीर्थ पुरोहित समाज की ओर से ही की जाती है। तय समय पर ही खुलेंगे कपाटसरकार द्वारा साफ कहा जा रहा है कि चारों धामों में कपाट तय समय पर ही खुलेंगे। हालांकि आम दर्शनार्थियों को दर्शन की अनुमति कपाट खुलने के बाद भी मिले या नहीं इस पर अभी केन्द्र के साथ विचार विमर्श कर केन्द्र द्वारा जारी गाइड लाइन से तय होगा। सरकार यह भी कह रही है कि अगर प्रमुख रावल किसी कारण कपाट खुलने की तय तिथि तक नहीं पहुंचते तो कपाट खुलने की पूजा ऑनलाइन कराने पर भी विचार किया जा सकता है। वैसे कपाट खुलने से पूर्व सरकार दोनों रावलों को उत्तराखंड लाने की कोशिश कर रही है और शासन ने इसके लिए गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखा है। महाराष्‍ट्र में फंसे हैं मुख्‍य रावलकेदारनाथ के प्रमुख रावल जो महाराष्ट्र राज्य के नांदेड जिले में फंसे हैं को महाराष्ट्र सरकार ने प्रस्थान करने की अनुमति दे भी दी है तथापि उनके यहां पहुंचने तक सरकार अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2ygACAW

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें