गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

चारधामों को धार्मिक परंपराओं के आधार पर खोला जाएगा: बैठक में फैसला

देहरादून, 16 अप्रैल (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप ही उद्योगों को अनुमति देने, शादी विवाह में पांच लोगों और अंत्येष्टि में अधिकतम 20 लोगों को अनुमति देने, हिमालयी चारधामों को धार्मिक पंरपराओं और मान्यताओं के आधार पर खोले जाने का फैसला करने समेत बृहस्पतिवार को कई निर्णय लिये। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ ढाई घंटे तक चली बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि बताया कि 20 तारीख तक अर्जी देने वाले उद्योगों को उन्हें खोलने की अनुमति दी जाएगी। मंत्री ने बताया कि इस माह के आखिर में खुलने वाले चारधामों पर भी इस बैठक में चर्चा हुई और तय किया गया कि बदरीनाथ और केदारनाथ धामों को धार्मिक परंपराओं के आधार पर खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि बदरीनाथ के कपाट 30 अप्रैल को खुलने हैं और उसके बारे में व्यवस्था यह है कि टिहरी राजपरिवार उसके खोलने की तिथि आगे बढ़ा दे या केरल में रहने वाले उसके मुख्य पुजारी की जगह किसी और को नामित कर दे। उन्होंने बताया कि केदारनाथ मंदिर में मुख्य पुजारी के स्थान पर किसी और को नामित करने की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में केरल के मुख्य सचिव तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिख दिया गया है और अगर सहमति बनी तो रावल (मुख्य पुजारी) को कार से यहां लाया जा सकता है। हांलांकि, उन्होंने साफ किया कि अगर रावल यहां आते हैं तो भारत सरकार के नियम के अनुसार उन्हें 14 दिन के लिए पृथक होना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शादी विवाह में केवल पांच लोगों के शामिल होने तथा अंत्येष्टि में अधिकतम 20 लोगों के शामिल होने की अनुमति होगी। इसके अलावा, प्रदेश के उन नौ जिलों को, जहां एक भी कोरोना वायरस संक्रमण का मामला नहीं आया है, वहां किसी प्रकार की अलग से कोई छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य में बाहर से आए 1400 जमातियों का चिन्हीकरण किया गया है और कुछ जमाती कोरोना वायर से संक्रमित निकले हैं। बाहर से आए जमातियों को छिपाने और उनके आश्रयदाताओं के खिलाफ भी गंभीर मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी देते हुए मंत्री ने कहा कि अभी भी उनके पास प्रशासन को सूचित करने और स्वास्थ्य विभाग के सामने प्रस्तुत होने का एक मौका है और अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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