देहरादून ने पूरी दुनिया की रफ्तार को धीमी कर दिया है। कई तरह के बिजनस ठप पड़ रहे हैं। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लॉकडाउन को आगे बढ़ाने वाले अपने संबोधन में कहना पड़ा कि कंपनियों को अपने इम्प्लॉइज को नौकरी से नहीं निकालना चाहिए लेकिन इस संकट की घड़ी में भी डिजिटल मार्केट में काम करने वालों की रफ्तार धीमी नहीं हुई है। दरअसल, वर्तमान समय में सोशल मीडिया व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक सफलता का एक बड़ा माध्यम बन चुका है। बड़ी से बड़ी व्यावसायिक कंपनियां इस माध्यम पर अपने उत्पादों की मार्केटिंग और प्रमोशन कर रही हैं। इसकी वजह से कई कुशल युवा जिन्हें सोशल मीडिया और उसमें नेट मार्केटिंग एवं प्रमोशन की तकनीकियों की अच्छी जानकारी है इस माध्यम पर अपने सफल कैरियर की ना सिर्फ शुरुआत कर रहे हैं बल्कि बड़ी सफलता भी हासिल कर रहे हैं। पंजाब के भटिंडा में पैदा हुए देहरादून में डिजिटल एंटरप्रेन्योर हैं। वह बताते हैं कि देहरादून में पढ़ाई लिखाई के समय से ही उनकी रुचि डिजिटल मीडिया में दूसरे साथियों से ज्यादा थी। धामी ने कहा, 'मैंने सातवीं में था जब स्कूल के कुछ सीनियर से डिजिटल मार्केटिंग के बारे में थोड़ी जानकारी मिली। इसके बाद मैंने फेसबुक पर अपना एक पेज शुरू किया लेकिन मुझे तब विश्वास मिला जब साल भर के अंदर पेज के लाइक्स एक लाख पहुंच गए।' असल में एक दौर में कई युवाओं ने ऐसी पहल की लेकिन डिजिटल मीडिया की मांग को ना समझने या अपने तौर तरीकों से डिजिटल मीडियम के यूजर्स को ना रिझा पाने की वजह से बहुत लोगों ने यह फील्ड छोड़ दिया लेकिन जिन युवाओं ने उस समय अपनी स्किल को सुधारते हुए अपनी निरंतरता बनाए रखी वो अब सफलता की सीढ़ी चढ़ रहे हैं। इनमें कार्तिक धामी जैसे युवा रहे जिनका सोशल मीडिया कंटेंट अच्छा होने के चलते कई अन्य वेबसाइट्स भी उनसे कंटेंट के संपर्क साधने लगीं। कार्तिक बताते हैं, 'कई लोगों ने जब मुझसे कंटेंट को लेकर क्वेरी की तो मैंने कक्षा आठ अपनी खुद की वेबसाइट बनाई और उस पर वायरल कंटेंट डालना शुरू किया। यह भी प्रयोग सफल रहा। इसे बाद स्कूल की पढ़ाई के साथ मैंने डिजिटल मार्केटिंग की नई-नई तकनीकें सीखने में लग गया। साथ ही ऑनलाइन कोर्सेज भी किए।' आज जितने भी यूट्यूब से लेकर डिजिटल माध्यम के लोगों ने अपना करियर बनाया है, उनमें एक खास बात देखी गई कि अक्सर इकलौते दम पर आगे बढ़ने की कोशिश करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बारे में कार्तिक धामी बताते हैं कि साल 2018 में कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा करने के दौरान उन्होंने अपने मित्र संदीप गंगोला के साथ अपनी पहली डिजिटल मार्केटिंग कंपनी की शुरुआत हल्द्वानी में की लेकिन देहरादून लौटने की मजबूरी की वजह से यह कंपनी बहुत दिन नहीं चली। अक्सर कंपनी बनाने और कंपनी ना चलने की स्थिति में कई बार युवा प्रयास छोड़ देते हैं और अपने दम पर ही छोड़े-मोटे कामों करने में लग जाते हैं। लेकिन जो लोग यह झटका झेल ले जाते वे आगे बढ़ते हैं। कार्तिक कहते हैं, 'पिछली कंपनी ना चलने के बाद देहरादून पहुंचकर मैंने अपने माता पिता को फुल टाइम बिजनस की शुरुआत के लिए राज़ी किया। हालांकि तब मेरे माता-पिता इस बात से कुछ खास खुश नहीं थी लेकिन उन्होंने साथ दिया। तब दोस्तों के साथ मिलकर मैंने 2019 की शुरुआत में आईटी फ्रेंम्स नाम से डिजिटल मार्केटिंग कंपनी शुरुआत की।' इसके तहत कंपनी गूगल एनालिटिक्स, फेसबुक एड्स गूगल ऐडसेंस, वेबसाइट ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर काम करना शुरू किया। अब इस क्षेत्र में यह कंपनी अच्छा काम कर रही है। इसको लेकर कार्तिक धामी का कहना है, "मेरा सपना आईटी फ्रेम्स को भारत की टॉप डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों में पहुंचाने का है और भी इस दिशा में निरंतर कड़ी मेहनत से सही दिशा में काम कर रहा हूं।"
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