गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

उत्तराखंडः बदरीनाथ के कपाट तय मुहुर्त पर नहीं खुले, पुरोहितों ने हवन-पूजन कर मांगी भगवान से माफी

देहरादून संकट के चलते गुरुवार को पुरोहितों द्वारा तिथि घोषित होने के बावजूद भगवान बद्रीनाथ के कपाट नहीं खुले। टिहरी राजपुरोहितों की उपस्थिति में तीर्थ पुरोहितों ने बसंत पंचमी वाले दिन बद्रीनाथ के कपाट खोलने की तिथि घोषित कर दी थी। कोरोना की वजह से लागू होने के नाते गुरुवार को मंदिर के कपाट नहीं खुले। बद्रीनाथ के दरवाजे नहीं खुलने की वजह से तीर्थ पुरोहितों में अपराधबोध दिखाई दिया, जिसके लिए उन्होंने अपने घरों में तय मुहुर्त पर पूजा कर भगवान से क्षमा याचना की। इसके तहत बदरीनाथ धाम के तीर्थपुरोहितों, पंडा समाज और मंदिर परंपरा के लोगों ने ब्रह्म मुहुर्त में भगवान नारायण की पूजा-अर्चना, हवन और विष्णु सहस्रनाम का पाठ किया। पुरोहितों ने बताया कि ऐसा सदियों से चली आ रही परंपरा को अक्षुण्ण न रख पाने के कारण किया गया। देवभूमि तीर्थ पुरोहित, हक-हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल के दिशा-निर्देशन में महापंचायत से जुड़ी हुई डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत, ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत, बद्रीश पंडा पंचायत, देवप्रयाग और बदरीनाथ धाम से जुड़ी परंपरा के लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इसमें जोशीमठ, पाखी, उमटाटा, मैंठाणा, श्रीनगर, देवप्रयाग, देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश आदि स्थानों में तीर्थ पुरोहितों ने पूजा की। जो तीर्थ पुरोहित अन्य राज्यों में रह रहे हैं, उन्होंने भी वहां पर नारायण का स्मरण किया।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2YmGgwb

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें