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देवेश सागर, हरिद्वार तोक्यो ओलंपिक-2021 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ की जीत को कौन भूल सकता है। करो या मरो के मैच में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने वाली वंदना कटारिया के शानदार प्रदर्शन से दक्षिण अफ्रीका को हार का मुंह देखना पड़ा था। इस जीत के बाद से लोगों के मन में वंदना कटारिया के बारे में जानने की उत्सुकता दिखाई दी। लोगों ने वंदना कटारिया के बारे में खूब इंटरनेट पर सर्च किया, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत को शानदार जीत दिलाने वाली ये खिलाड़ी उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली है। वंदना कटारिया हरिद्वार के एक छोटे से गांव रोशनाबाद की रहने वाली है। वंदना कटारिया भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान भी रह चुकी हैं। हरिद्वार के रोशनाबाद ग्राम स्थित स्टेडियम में संसाधनों की कमी के बावजूद कड़ी मेहनत कर वंदना कटारिया इस मुकाम तक पहुंची हैं। लोग वंदना कटारिया की जमकर सराहना कर रहे हैं और लड़कियों को पुरुषों कम न होने मिसाल दे रहे हैं। 9 भाई-बहन हैं वंदना कटारिया भेल (Bharat Heavy Electricals Limited) में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का कार्य करने वाले नाहर सिंह कटारिया के घर 15 अप्रैल 1992 को बेटी ने जन्म लिया था। जिसका नाम वंदना कटारिया रखा गया। वंदना कटारिया की माता सुरण देवी एक गृहणी हैं। वंदना कटारिया नौ भाई-बहन हैं। जिनमें वंदना कटारिया सातवें नंबर पर आती हैं। वंदना के पिता नाहर सिंह खुद एक पहलवान थे और गांव में होने वाली कुश्तियों में हिस्सा लेते थे। पिता ने कर्ज लेकर बेटी को लखनऊ खेलने भेजा मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी वंदना कटारिया ने 9 साल की उम्र से ही हॉकी खेलना शुरू कर दिया था। शुरुआत के दिनों में जब वंदना कटारिया रोशनाबाद स्टेडियम में प्रैक्टिस करने जाती थीं तो उनके पास संसाधनों की कमी थी। एक किट से वंदना के भाई पंकज कटारिया, वंदना कटारिया और उनकी बहन रीना कटारिया प्रैक्टिस करते थे। एक जोड़ी जूते से ही तीनो भाई-बहन बारी-बारी से हॉकी का अभ्यास किया करते थे। स्पोर्ट्स स्टेडियम रोशनाबाद में काफी समय प्रैक्टिस करने के बाद वंदना कटारिया लखनऊ के केडी सिंह स्टेडियम में खेलने आ गईं। परिवार की स्थिति खराब होने के कारण वंदना कटारिया के पिता और उनके बड़े भाई ने लोगों से कर्ज लेकर वंदना को लखनऊ भेजा। जूनियर महिला विश्वकप में जीता था कांस्य पदक वंदना कटारिया ने कई देशों में भारत की तरफ से महिला हॉकी टीम में खेल चुकी हैं। वंदना कटारिया ने जर्मनी में 2013 में जूनियर महिला विश्व कप में कांस्य पदक जीतने वाली महिला बनी। वहीं, कॉमनवेल्थ गेम में भी वंदना कटारिया का अपनी टीम की तरफ से शानदार प्रदर्शन रहा। हाल के समय में वंदना कटारिया रेलवे में टीसी के पद पर भी कार्यरत हैं।
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