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विभिन्न विभागों में संचालित स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इन रोजगार शिविरों में अधिकारी केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही मौके पर लोगों की समस्याओं का समाधान भी करेंगे।
बैंक से ऋण लेने में आने वाली समस्या के समाधान के लिए सभी बैंकों से समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले के मुख्य विकास अधिकारी को इसके लिए नोडल अधिकारी बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि ऋण के लिए बैंकों में प्राप्त आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के लिए बैंक के वरिष्ठ अधिकारी शाखा स्तर तक लगातार निगरानी करें और 30 सितम्बर तक सभी सही पाए जाने वाले आवेदकों के ऋण स्वीकृत कर दिये जाएं, ताकि उन्हें व्यर्थ परेशानी ना हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र को अपना कर राज्य की प्रगति में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है।
धामी ने मुख्य विभागों को इस साल के लिए स्वरोजगार से संबंधित लक्ष्य भी दिए। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग को 10 हजार, समाज कल्याण विभाग को 1500, पशुपालन विभाग को 4000, शहरी विकास को 26 हजार, उद्योग विभाग को 4500 और पर्यटन विभाग को 500 लोगों को जोड़ने का लक्ष्य दिया।
उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए विभागों द्वारा 'सक्सेस स्टोरी' बनाई जाय और लोगों को जागरुक किया जाए।
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