सोमवार, 4 मई 2020

योगी के पिता का पितृ कार्य करने जा रहे थे अमनमणि! CM के भाई ने पूछा- यह होता कौन है?

देहरादून () की वजह से भारत लॉकडाउन (Lockdown) है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के नौतनवा से निर्दलीय विधायक () तकरीबन एक दर्जन लोगों के साथ घूमने निकल पड़े। चमोली में जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने जो पास दिखाया उसमें तीन राज्यों में जाने की अनुमति दी गई थी। इस बात की जानकारी भी सामने आई है कि ये पास अमनमणि ने यूपी के मुख्यमंत्री के निधन पर उनके घर जाकर सांत्वना देने जाने के लिए बनवाया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी प्रतिक्रिया दी गई है। यूपी सरकार ने कहा है कि मीडिया में इस तरह की ख़बरें प्रसारित हो रही हैं कि विधायक अमनमणि त्रिपाठी को उत्तराखंड जाने के लिए अधिकृत किया गया था। यह स्पष्ट करना जरूरी है कि प्रदेश सरकार ने उन्हें उत्तराखंड जाने के लिए अधिकृत नहीं किया था और वह अपने कृत्य के लिए खुद जिम्मेदार हैं। इस घटना को मुख्यमंत्री के साथ जोड़ना निंदनीय है। सीएम योगी के भाई ने जताई नाराजगी जारी पास में लिखा है अमनमणि त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वर्गीय पिता के पितृ कार्य के लिए बदरीनाथधाम जाएंगे। इसके बाद यहां से श्री केदारनाथधाम भी जाएंगे। इस बात की जानकारी के बाद योगी के भाई महेंद्र सिंह बिष्ट बहुत गुस्से में हैं। महेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है, 'आखिर अमनमणि त्रिपाठी होते कौन हैं, जो पितृ पूजन करेंगे।' महेंद्र बिष्ट ने साफ कहा, 'हमने एक दिन पहले ही अपने पिता का अस्थि विसर्जन किया है। हम तीन भाई हैं। आखिर अमनमणि को ये हक किसने दिया कि वह हमारे पिता का पितृ पूजन करें।' पढ़ें: पुलिसकर्मियों के साथ की बदसलूकी यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी अपने 11 साथियों के साथ रविवार शाम को तीन इनोवा गाड़ियों में सवार होकर बदरीनाथ के लिए निकले थे। हैरान करने वाली बात तो यह है कि बदरीनाथ के कपाट अब तक नहीं खुले हैं। विधायक के पास मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के हस्ताक्षर वाला पास था। इन लोगों को पहले गौचर में पुलिस ने रोका लेकिन ये वहां हेकड़ी बघारकर जबरन गाड़ियां लेकर आगे निकल गए। 9 की अनुमति लेकिन 12 लोग थे सवार अमनमणि त्रिपाठी को जारी पास मामले में उत्तराखंड के वामपंथी संगठनों ने 5 मई यानी मंगलवार को देहरादून में धरने का भी ऐलान किया है। उधर, टिहरी जिले के नरेंद्र नगर क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रमोद साह के अनुसार इन लोगों के पास देहरादून के एडीएम की ओर से जारी नौ लोगों के जाने की अनुमति पास थे, लेकिन संख्या में ये लोग 12 थे। इसके अलावा एक गाड़ी में तीन लोगों के जाने की अनुमति होने के बावजूद एक गाड़ी में चार लोग सवारी करते पाए गए थे। इसी वजह से थाना मुनी की रेती की व्यासी पुलिस चौकी में इन लोगों को पुलिस ने तीन वाहनों में अनुमति के विपरीत 12 लोगों के सवार होने (आपदा एवं संक्रमण अधिनियम का उल्लंघन करने) पर हिरासत में लिया। पढ़ें: फिर निजी मुचलके पर किया गया रिहा सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन ने विधायक और उनके साथियों की गाड़ियां कर्णप्रयाग में रोकीं। वहां पर भी विधायक ने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की। आखिर एसडीएम के काफी समझाने के बाद विधायक अपने साथियों समेत वापस लौटे, जिन्हें देर रात व्यासी पुलिस चौकी क्षेत्र में गिरफ्तार कर लिया गया। फिर इन्हें निजी मुचलके पर रिहा करते हुए यूपी बॉर्डर पर छोड़ा गया।


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