शुक्रवार, 22 मई 2020

अमनमणि मामले की CBI जांच, यह बोली त्रिवेंद्र सरकार

नैनीताल उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के नौतनवा क्षेत्र से (Aman Mani Tripathi) निर्दलीय विधायक हैं। अमनमणि त्रिपाठी हाल ही में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान मुख्यमंत्री () के दिवंगत पिता के पितृकर्म के नाम पर बदरीनाथ (Badrinath) जा रहे थे। यह मामला अब () पहुंच गया है। देहरादून के आलोक घिल्डियाल ने इस पूरे मामले को लेकर कराने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने एक याचिका भी दायर की है। उस पर शुक्रवार को हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की खंडपीठ में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता को याचिका में उन अधिकारियों को पक्षकार बनाने को कहा, जो इसमें शामिल रहे। मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से याचिका को खारिज करने के लिए योग्य करार देते हुए कहा गया है कि उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में विधायक व उनके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। यह केस सीबीआई को सौंपे जाने योग्य नहीं है। विधायक और उनके साथियों को चमोली जिले के कर्णप्रयाग से ही लौटा दिया गया था। पढ़ें: गिरफ्तार कर लिए गए थे अमनमणि त्रिपाठी विधायक अमनमणि और उनके साथियों को दो से सात मई तक का पास जारी किया गया था। उनके पास बाकायदा उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और देहरादून के अपर जिलाधिकारी रामजी शरण के हस्ताक्षर से जारी अनुमति पत्र भी थे। उनके काफिले को चमोली जिले के कर्णप्रयाग में पुलिस ने रोका और कर्णप्रयाग के उप जिलाधिकारी ने नियम बताने की कोशिश की तो उनसे अमनमणि त्रिपाठी ने अभद्रता की। इस मामले में विपक्ष ने मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव और देहरादून के डीएम सहित कुछ और अफसरों पर अमनमणि त्रिपाठी को पास जारी करने को लेकर सवाल उठाते हुए का घेराव भी किया था। उत्तर प्रदेश में वापसी के दौरान अमनमणि त्रिपाठी समेत उनके सात साथियों को बिजनौर में गिरफ्तार किया गया था।


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