मंगलवार, 26 मई 2020

राजाजी बाघ अभयारण्य में बनाए जाएंगे घास के मैदान

ऋषिकेश, 25 मई (भाषा) राजाजी बाघ अभयारण्य में जैव विविधता और पारिस्थितिकीय शक्ति बढाने के साथ ही वन्यजीवों के संरक्षण स्तर की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए अभयारण्य की पांच रेंज में मानव निर्मित घास के मैदान विकसित करने की योजना पर काम शुरू किया गया है। अभयारण्य के निदेशक अमित वर्मा ने बताया कि अभयारण्य की चुनिन्दा रेंज में घास के मैदान विकसित करने तथा उसमें जैव विविधता बढाने की योजना का प्रथम चरण शुरू कर दिया गया है । उन्होंने बताया कि इस क्रम में अभयारण्य की चीला, मोतीचूर, बेरीवाड़ा, धौलखण्ड व चिल्लावाली रेंज को उक्त योजना के लिए चयनित किया गया है और उन के फ्रंटलाइन स्टाफ को लगभग 100 हेक्टेयर के भूखंड चिन्हित करने को कहा गया है। इस कार्य में अभयारण्य के वन अधिकारी भी फ्रंटलाइन स्टाफ के साथ जुटे हुए हैं। वर्मा ने बताया कि भूमि का चयन होने के बाद इनमें खर पतवार आदि हटाकर उनकी जगह शाकाहारी वन्यजीवों के लिए विभिन्न प्रजाति के पेड़ तथा घास लगाई जायेंगी । उन्होंने कहा कि इससे शाकाहारी वन्यजीवों के लिए इंसानों द्वारा निर्मित व विकसित घास का मैदान तैयार हो जाएंगे। ये घास के मैदान कॉर्बेट बाघ अभयारण्य के ढेला, धारा, झिरना सहित तराई पूर्वी वन प्रभाग की डॉली रेंज में बने घास के मैदानों जैसे होंगे। उन्होंने बताया कि इससे अभयारण्य में जैवविविधता अच्छे ढंग से बढ़ेगी और पारिस्थितिकीय शक्ति में भी इजाफा होगा जिससे वन्यजीवों के संरक्षण स्तर की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।


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