रविवार, 31 मई 2020

एंथ्रेक्स वायरस को लेकर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने जारी किया अलर्ट

नैनीताल शाकाहारी वन्य पशुओं मे फैल रहे को लेकर में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। अभयारण्य के एसडीओ आर. के. तिवारी ने रविवार को बताया कि बिहार के वाल्मीकि नेशनल पार्क में एक गेंडे की एंथ्रेक्स वायरस से मौत के बाद यहां सभी क्षेत्र कर्मियों को इस बीमारी के लक्षणों के प्रति अलर्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कॉर्बेट में मृत वन्य जीवों का वैटरिनेरी रिसर्च इंस्टीटयूट (आईवीआरआई) बरेली मे पोस्टमार्टम कराया जाता है। इससे मौत का सही कारण पता लग जाता है। उन्होंने कहा कि अभी इस वायरस के कहीं और फैलने की जानकारी नहीं है। सेवानिवृत्त डीएफओ और वन्यजीव से जुड़ी अरण्य संस्था के सीईओ नरेन्द्र सिंह ने बताया कि एंथ्रेक्स वायरल बीमारी घुमंतू पशुओं में होती है तथा इनसे वन्य पशुओं में फैलती है। उन्होंने कहा कि चूंकि क्षेत्र में कोई गांव नहीं है, अतः घुमंतु पशु यहां नही आ पाते इसलिए यहां इस बीमारी के फैलने का खतरा नहीं है। सिंह ने जानकारी दी कि बैसीलस एंथ्रेसिस वायरस से होने वाली इस बीमारी को एंथ्रेक्स, गिल्टी ,पुष्पराग और बिसारिया भी कहते हैं। नरेन्द्र सिंह ने बताया कि यह वायरस लंबे समय तक मिटटी में पड़ा रहता है और त्वचा के जरिए पशुओं के शरीर में प्रवेश करता है। फ्लू की तरह फैलने वाले इस रोग में पशु के शरीर में काले चक्कते बनते हैं और फिर गहरे घाव हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि क्योंकि यह घातक वायरस घुमंतू पशु से फैलता है इसलिए अभयारण्य क्षेत्र में घूमंतू पशु का प्रवेश न होने दिया जाए। साथ ही उन्होंने बताया कि असम के पोबी तोरा वन्यजीव अभायरण्य में भी यह बीमारी फैल चुकी है। सिंह ने बताया कि सिप्रो एंटीबायोटिक देकर इस वायरल बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/36NzWQU

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें