![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/87260463/photo-87260463.jpg)
प्रभावित परिवारों को कपड़े, बर्तन व घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली सहायता राशि 3800 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दी गयी है जबकि पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान के लिये सहायता राशि बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये प्रति भवन कर दी गयी है। पहले मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार रुपये प्रति भवन और पहाड़ी क्षेत्रों में एक लाख एक हजार 900 रुपये प्रति भवन सहायता राशि देने का प्रावधान था।
इसी प्रकार आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के भवन के लिए सहायता राशि 5200 रुपये प्रति भवन से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति भवन और आंशिक क्षतिग्रस्त कच्चे भवन के लिए सहायता राशि 3200 रुपये प्रति भवन से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति भवन कर दी गयी है ।
इसी प्रकार, भूमि क्षति के लिए राहत राशि न्यूनतम एक हजार रुपये दी जाएगी । इसके अलावा, घर के आगे या पीछे का आंगन व दीवार क्षतिग्रस्त होने को भी आंशिक क्षतिग्रस्त माना जाएगा। पहले इस पर सहायता नहीं दी जाती थी।
इसके अतिरिक्त, 18 और 19 अक्टूबर को अतिवृष्टि से आई आपदा में खराब हो गए घरों के बाहर लगे बिजली के मीटरों को ऊर्जा विभाग को निशुल्क बदलने का निर्देश भी दिया गया है।
जीएसटी के दायरे से बाहर के छोटे व्यापारियों को दुकान में पानी भर जाने आदि से हुए नुकसान के लिए पांच हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।
इससे पहले, मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों की सहायता राशि को बढ़ाने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि यदि बढ़ाई गई सहायता राशि आपदा के मानकों के तहत देना संभव न हो तो इस अतिरिक्त राशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाए।
इसके अलावा, धामी ने पुनर्निर्माण व राहत कार्यों की निगरानी के लिए एक उच्चाधिकार समिति बनाने को भी कहा ।
उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को हरसंभव मदद दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें सहायता राशि पाने के लिए अनावश्यक परेशान न होना पड़े।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3nxgHns
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें