अभयारण्य के चिल्ला और मोतीचूर संभाग में पर्यटन गतिविधि की शुरूआत एक सितंबर को हुयी थी ।
उत्तराखंड के मुख्य वन्यवजीव संरक्षक को छह अक्टूबर को लिखे पत्र में एनटीसीए ने उन्हें तत्काल प्रभाव से अभयारण्य के आंतरिक और महत्वपूर्ण बाघ आवास क्षेत्र में सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है ।
पत्र में कहा गया है कि 2012 में जारी एनटीसीए की ओर से जारी दिशानिर्देश के अनुसार यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन है।
इस संबंध में संपर्क करने पर उत्तराखंड के वन बल के प्रमुख राजीव भर्तारी ने कहा कि एनटीसीए के आदेश को लागू किया जा रहा है।
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