![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/87453470/photo-87453470.jpg)
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3EzHGW4
▁ ▂ ▄ ▅ ▆ ώέĻςόмέ ţό ţhέ Blog ▆ ▅ ▄ ▂ ▁ ıllıllı » Your Blog™ ıllıll ღ♫ღ♫ღ♫ღ♫ღ♫ღ♫ღ♫ღ ♫ღ♫ღ♫ღ♫ღ♫ღ♫ღ♫ ★•.•´¯`•.•★ [RùĻєş] •═► Aвusíng _ Bαn √ •═► αđđ мє αđđ мє вσĻα ѕιđнє вαη ← •═► ηυđє σя нαяяαѕιηg ρι¢тυяє υρĻσαđ кια тσ ѕιđнα вαη ← тнαηкуσυ.. ▄ █ ▄ █ ▄ ▄ █▄ █ Every Body Have To Follow The Rules, кєєρ αđđηg мємвєяѕ αηđ мαкє тнιѕ Blog ρєα¢єƒυĻ αηđ ѕραм ƒяєє
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को पौडी जिले के कोटद्वार में आयोजित सैनिक सम्मान समारोह में पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के परिजन और वीरांगनाओं को सम्मानित किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि वीर सैनिकों ने हमेशा अदम्य साहस का परिचय देते हुए तमाम लड़ाइयां जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सेना और सैनिकों का आत्मविश्वास बढ़ा है और वह होली, दिवाली और अन्य त्योहार अपने आवास में नहीं बल्कि देश के वीर सैनिकों के साथ ही मनाते हैं ।
धामी ने कहा कि वह एक सैनिक के पुत्र हैं और इसलिए जानते हैं कि भाजपा की सरकार द्वारा 'एक पद एक पेंशन' के लागू होने से लाखों पूर्व सैनिकों को कितनी बड़ी राहत मिली है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने भारत माता के साथ ही वीर जवानों के नाम का भी नारा लगाया ।
उधर, कांग्रेस ने भी रविवार को पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं को सम्मानित करने का कार्यक्रम किया । राज्य पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस महासचिव और पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने पूर्व सैनिकों को 20 प्रतिशत टिकट देने पर विचार करने की घोषणा की ।
कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ' मैंने कांग्रेस से जुड़े पूर्व सैनिकों से पार्टी के कार्यक्रमों से जुड़ने और उसके लिए जुटने का आह्वान किया है और कहा है कि हम 20 प्रतिशत स्थानों पर टिकट देने के लिए उनके नामों पर विचार करेंगे ।'
हालांकि, उन्होंने साथ ही यह भी जोडा कि टिकट दिए जाने में जीतने की संभावनाएं पहले देखी जाती हैं और इसमें उन्हें भी देखा जाएगा ।
पार्टी उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यह बहुत प्रशंसनीय है कि कांग्रेस द्वारा देश के महान शहीदों तथा सैन्यबलों के परिजनों को सम्मानित किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि इससे आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति व सेना में जाने की प्रेरणा मिलेगी ।
पुलिस ने बताया कि त्यूणी से विकासनगर आते समय उक्त वाहन बायला गांव के करीब अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के समय वाहन में 15 लोग सवार थे जिनमें से 13 की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।
पुलिस ने बताया कि राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीम ने मृतकों के शवों को खाई से निकाल कर बॉडी बैग के माध्यम से मुख्य मार्ग तक पहुंचाया। पुलिस ने बताया कि दोनों घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
पुलिस के अनुसार दुर्घटना के कारणों का पता किया जा रहा है लेकिन माना जा रहा है कि संभवत: वाहन में क्षमता से ज्यादा सवारियां होना भी हादसा की एक वजह बना।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से मृतकों की आत्मा को शांति प्रदान करने तथा परिजनों को इस असीम दुख को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
धामी ने कहा कि घायलों के उपचार के लिए एवं मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जायेगी।
उन्होंने देहरादून के जिलाधिकारी को वाहन दुर्घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराने के आदेश भी दिए और परिवहन विभाग को सख्त निर्देश दिए कि वाहनों में ‘ओवरलोडिंग’ न हो। उन्होंने कहा कि यदि ‘ओवरलोडिंग’ की कोई शिकायत आती है तो संबधित अधिकारी पर कड़ी कारवाई की जाऐगी।
प्रदेश में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने देने के लिए धामी ने जनता से भी ‘ओवरलोडेड’ वाहनों में यात्रा न करने अपील की और कहा कि सभी को जागरूक होकर इस तरह की घटनाओं से बचना है।
दुर्घटना की सूचना मिलते ही राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और चकराता के स्थानीय विधायक प्रीतम सिंह भी दुर्घटना स्थल पर पहुंचे और लोगों से मिले।
पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के बारे में अन्य जानकारियां अभी जुटायी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने तथा परिजनों को इस असीम दुख को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। उन्होंने जिला प्रशासन को तेजी से राहत एवं बचाव कार्य करने और घायलों को तत्काल उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं।
इस बीच, दुर्घटना की सूचना मिलते ही राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और चकराता के स्थानीय विधायक प्रीतम सिंह भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए।
शाह ने यहां बन्नू स्कूल मैदान में एक जनसभा में उत्तराखंड में अपनी पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि मोदी अपने कार्यकाल के दौरान 85,000 करोड़ रुपये की सड़क और रेल बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाएं लाए। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस को चुनौती दी कि वह यह दिखाए कि उसने अपने समय के दौरान राज्य के लिए क्या किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस 10 साल तक केंद्र में सत्ता में रही। इस दौरान उसने उत्तराखंड के लिए क्या किया? उसे राज्य के लोगों को यह बताना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि केदारनाथ के पुनर्निर्माण के लिए मोदी के विजन के अनुरूप मंदिर और उसके आसपास ऐसे विकास कार्य किए गए जो पहले कभी नहीं देखे गए।
प्रधानमंत्री पांच नवंबर को मंदिर के दर्शन के दौरान केदारनाथ में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
अगले साल की शुरुआत में उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों में लोगों को अपनी पसंद के साथ कोई गलती न करने की सलाह देते हुए शाह ने उनसे हर घर में समृद्धि लाने के लिए मोदी-धामी टीम को एक और मौका देने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक बार कहा था कि उत्तराखंड की रचना अटल (बिहारी वाजपेयी) जी द्वारा की गई थी और मोदी जी इसे बनाएंगे। मेरी बात सच हो गई है। पिछले साढ़े चार साल में उत्तराखंड ने सभी मोर्चों पर विकास किया है। इन चुनावों में अपनी पसंद के साथ कोई गलती न करें। भाजपा को आपकी सेवा करने का एक और मौका दें। मोदी-धामी टीम हर घर में समृद्धि लाएगी।’’
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि पार्टी ने संग़ठन कार्यों को और अधिक गति देने व महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी 70 विधानसभाओं में महिला सह प्रभारी नियुक्त की हैं ।
उन्होंने बताया कि पहली बार विधानसभा क्षेत्रों में सह प्रभारी नियुक्त किए गए हैं और ये सभी महिलाएं हैं ।
चौहान ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक एवं प्रदेश महामंत्री (संग़ठन) अजेंद्र अजेय के निर्देश पर सभी विधानसभा क्षेत्रों के सह प्रभारियों की सूची जारी कर दी गयी है ।
अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यहां रेसकोर्स में बन्नू स्कूल मैदान पर होने वाली जनसभा के आयोजन स्थल का जायजा लेते हुए जिलाधिकारी आर राजेश कुमार से व्यवस्थाओं की जानकारी ली और अधिकारियों को इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए ।
इस जनसभा के जरिए शाह प्रदेश में पार्टी के चुनावी अभियान का आगाज करेंगे । उत्तराखंड में अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं ।
धनोल्टी से विधायक पंवार और भीमताल से विधायक कैड़ा ने 2017 में बतौर निर्दलीय चुनाव जीता था लेकिन दोनों ने इसी माह भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली ।
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेश नेगी ने कहा कि अब वे एक राजनीतिक दल में शामिल हो चुके हैं तो उन्हें लोगों के जनादेश का सम्मान करते हुए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिए ।
उन्होंने कहा, 'जहां तक मेरी जानकारी है अब तक न तो किसी ने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष के सामने उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने के लिए याचिका दी है और न ही उन्होंने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है ।'
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'उन्हें समझना चाहिए कि विधायक के रूप में उनका बने रहना संविधान खासतौर से दल बदल कानून की भावना और प्रावधानों के प्रति असम्मान है । '
नेगी ने कहा कि भाजपा को भी इन दोनों विधायकों से तत्काल इस्तीफा देने के लिये कहना चाहिए और यह दिखाना चाहिए कि वह संविधान और लोगों की इच्छा का वास्तव में सम्मान करती है ।
यहां देश के 30 वें हुनर हाट को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि 'स्वदेशी स्वालंबन' और 'वोकल फॉर लोकल' के अभियान को मजबूती देने के साथ ही हुनर हाट स्वदेशी दस्तकारों, और शिल्पकारों को रोजगार देने और उनके शानदार हस्तनिर्मित उत्पादों को बाजार मुहैया कराने का भी मंच बन गया है ।
उन्होंने बताया कि देशभर में हुनर हाट मेलों का आयोजन किया जा रहा है और इसके माध्यम से अभी तक लगभग छह लाख शिल्पकारों एवं कारीगरों को रोजगार के अवसर मिले हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देहरादून में आयोजित हुनर हाट मेला 10 दिनों तक चलेगा जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों की हस्तशिल्प कलाओं को देखने का मौका मिलेगा ।
देश के 30 से ज्यादा राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के करीब 500 कलाकार और शिल्पकार लकडी, पीतल, शीशे, कपडे, कागज और मिट्टी के बने अपने स्वदेशी उत्पादों को लेकर यहां हुनर हाट में आए हैं ।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केन्द्रीय मंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को भी सम्मानित किया ।
धामी ने कहा कि देश में कुशल कलाकारों और शिल्पकारों की कोई कमी नहीं है और वे अपनी कला और शिल्प के लिए एक बाजार ढूंढ रहे थे जो उन्हें हुनर हाट से मिल गया है ।
यहां देश के 30 वें हुनर हाट को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि 'स्वदेशी स्वालंबन' और 'वोकल फॉर लोकल' के अभियान को मजबूती देने के साथ ही हुनर हाट स्वदेशी दस्तकारों, और शिल्पकारों को रोजगार देने और उनके शानदार हस्तनिर्मित उत्पादों को बाजार मुहैया कराने का भी मंच बन गया है ।
उन्होंने बताया कि देशभर में हुनर हाट मेलों का आयोजन किया जा रहा है और इसके माध्यम से अभी तक लगभग छह लाख शिल्पकारों एवं कारीगरों को रोजगार के अवसर मिले हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देहरादून में आयोजित हुनर हाट मेला 10 दिनों तक चलेगा जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों की हस्तशिल्प कलाओं को देखने का मौका मिलेगा ।
देश के 30 से ज्यादा राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के करीब 500 कलाकार और शिल्पकार लकडी, पीतल, शीशे, कपडे, कागज और मिट्टी के बने अपने स्वदेशी उत्पादों को लेकर यहां हुनर हाट में आए हैं ।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केन्द्रीय मंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को भी सम्मानित किया ।
धामी ने कहा कि देश में कुशल कलाकारों और शिल्पकारों की कोई कमी नहीं है और वे अपनी कला और शिल्प के लिए एक बाजार ढूंढ रहे थे जो उन्हें हुनर हाट से मिल गया है ।
भारतीय सेना के कैप्टन कुलदीप ने बताया कि संघ शासित प्रदेश के अंदरूनी हिस्सों में रहने वाले ये 26 लडके और तीन लडकियां स्कूल में निशुल्क शिक्षा प्राप्त करेंगे और इनकी शिक्षा पर आने वाला व्यय भारतीय सेना वहन करेगी ।
भारतीय सेना द्वारा कश्मीरी लोगों को राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल करने के लिए आपरेशन सदभावना चलाया जा रहा है ।
चमोली जिला स्थित बदरीनाथ धाम के दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उत्तराखंड के साथ प्रधानमंत्री जी का लगाव किसी से छिपा हुआ नहीं है। जो भव्य केदारपुरी बन रही है और जो काम सैकडों बरस तक केदारपुरी में नहीं हुआ, वह उन्होंने किया है।’’
उन्होंने कहा कि केदारनाथ में लगभग 400 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के काम चल रहे हैं जिसमें से 250 करोड़ रुपये के काम अभी तक पूरे हो चुके हैं। धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री पांच नवंबर के अपने आगामी दौरे में इन कार्यों का लोकार्पण करने के अतिरिक्त दूसरे चरण के 150 करोड़ रुपये के कई पुनर्निर्माण कार्यों का शिलान्यास भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि उसी दिन आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति की स्थापना भी होगी और यह मोदी के केदारनाथ दौरे का एक म हत्वपूर्ण कार्यक्रम होगा।
धामी ने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम का हम पूरे देश में 12 ज्योर्तिलिंगों, चारों शंकराचार्य मठों, उनके जन्मस्थान तथा सभी शिवालयों में सजीव प्रसारण करेंगे।’’
केदारपुरी में किए जा रहे कार्यों को मोदी की 'दृष्टि' बताते हुए धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसी तर्ज पर बदरीनाथ के विकास की भी योजना बनायी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बदरीनाथ धाम के लिए ‘मास्टर प्लान’ के तहत भी जल्द कार्य शुरू हो जाएंगे जिसके लिए 250 करोड़ रुपये प्राप्त हो गए हैं।
देवस्थानम बोर्ड के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में धामी ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार हमेशा संवेदनशील रही है और इसके समाधान के लिए एक अच्छा रास्ता निकाला जाएगा। धामी ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी जिसने अपनी पहली रिपोर्ट सौंप दी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही समिति अपनी अंतिम रिपोर्ट भी सौंप देगी जिसके बाद उसका परीक्षण कराके उसे कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में चर्चा के बाद एक अच्छा और सर्वमान्य हल निकाला जाएगा।
इससे पहले, धामी ने बदरीनाथ धाम पहुंचकर भगवान की विशेष पूजा अर्चना की और देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
मंदिर के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने मुख्यमंत्री की पूजा अर्चना कराई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बदरीनाथ आए हुए तीर्थयात्रियों से भी बातचीत की और यात्रा व्यवस्थाओं की जानकारी भी ली।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भगवान बदरी विशाल से प्रार्थना की है कि वह हमें कोविड-19 की दूसरी लहर से उबरने के बाद हाल में प्रदेश में आयी प्राकतिक आपदा से भी उबरने की शक्ति दें।
केदारनाथ धाम में पिछले 31 वर्षों से पूजा पाठ करवा रहे पुरोहित बृज बल्लभ बग्वाड़ी उस समय चर्चा में आए जब वह पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के साथ केदारनाथ में एक वीडियो में ऐसे आरोप लगाते देखे गए । कांग्रेस नेता रावत मंगलवार को केदारनाथ आए थे और इस दौरान उनकी बग्वाड़ी तथा अन्य तीर्थ पुरोहितों से मुलाकात हुई थी ।
बग्वाड़ी ने 'पीटीआई भाषा' से बृहस्पतिवार को फोन पर बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारपुरी 'ड्रीम प्रोजेक्ट' की आधारशिला तब रखी गई थी जब हरीश रावत राज्य के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने पिछली सरकार के कामों को मटियामेट कर अरबों रूपये की बर्बादी की है । बग्वाड़ी ने कहा ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने यहां जो ड्रीम प्रोजेक्ट शुरू किया है, हरीश रावत उसके संस्थापक थे ।’’
बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता मनवीर चौहान ने कहा कि सब जानते हैं कि केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' है । उन्होंने कहा, ‘‘यह जगजाहिर है कि केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री की ही देन हैं । कांग्रेस ने कोई कार्य नहीं किए थे ।’’
वर्ष 2013 में प्राकृतिक आपदा में तबाह हो गए केदारनाथ धाम में पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए तत्कालीन मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार ने 7500 करोड रूपये का पैकेज घोषित किया था जिसके बाद प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने काम शुरू कराए ।
वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण को अपनी प्राथमिकता में लेते हुए ‘‘भव्य और दिव्य केदारपुरी’’ बनाने का संकल्प व्यक्त किया और इस दौरान वह कभी स्वयं आ कर और कभी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए वहां चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते रहे हैं ।
बग्वाड़ी ने आरोप लगाया कि हैलीपैड पर उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग) द्वारा करोडों रूपये की लागत से बनाए गए विश्राम गृह को हैलीपैड का स्वरूप बडा़ करने के लिए मटियामेट कर दिया गया । उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा, नदी के किनारे करीब बीस करोड़ रूपये की लागत से बने एक अत्यंत सुंदर घाट को उजाड़ दिया गया ।
पुरोहित ने कहा ‘‘सोलर लाइट वाला आस्था-पथ केदारनाथ की भव्यता में चार चांद लगा रहा था लेकिन उसे भी उखाड़ कर वहां कुछ और बनाया जा रहा है । मुख्य मार्ग पर बहुत अच्छे पत्थर लगाये गये थे लेकिन उसे भी कभी बिजली की लाइन के लिए और कभी यात्रियों के लिए रेन शेल्टर बनाने के नाम पर बार-बार खोदा जा रहा है ।’’
बग्वाड़ी ने आरोप लगाया कि इस सरकार के पास कोई योजना नहीं है और धन का दुरूपयोग हो रहा है । उन्होंने कहा, ‘‘ इतने में तो एक और केदारनाथ बस जाता । इनके लिए केदारनाथ एक दूध देने वाली गाय बन गया है ।’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया ‘‘ आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि को न केवल भूमिगत बनाया गया है बल्कि उसे मूल स्थान से हटाकर कहीं और बना दिया गया । तीर्थ पुरोहित समाज ने कई बार प्रशासन और सरकार के सामने इन मुद्दों को उठाया लेकिन स्थानीय लोगों की बात को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है ।’’
देवस्थानम बोर्ड के बारे में उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का अभी इस बारे में रूख ही स्पष्ट नहीं है जबकि तीर्थ पुरोहितों का मानना है कि आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित धार्मिक परंपराओं और मर्यादाओं से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए ।
वर्ष 2013 की प्राकृतिक आपदा में अपने परिवार के 15 सदस्यों को खो चुके बग्वाड़ी ने कहा कि आपदा के बाद 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोगों को दोबारा बसाने की एक अच्छी पहल की थी ताकि लोग बसें और यात्रा चले, लेकिन यह भी पूरी नहीं हो पाई ।
इस बारे में पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि वह पहले से ही यह कहते आ रहे हैं कि केदारनाथ में केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों ने कांग्रेस सरकार के समय में शुरू हुए कार्यों के शिलान्यास के पत्थरों को बदलकर उन पर अपने नाम लिख दिए हैं । उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कोई नया काम नहीं किया है । पुराने कार्यों को ही तोड़ मरोड़ कर नई टाइलें लगाकर, नया कलेवर देकर उन्होंने अपनी मुहर लगाने का काम किया है ।’’
पुरोहित बग्वाड़ी के आरोप ऐसे समय में आए हैं जब पांच नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ के दौरे पर आ रहे हैं जहां वह आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही 400 करोड रूपये से अधिक लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे ।
देहरादून के बन्नू स्कूल मैदान पर आयोजित होने वाली इस जनसभा की तैयारियों के संबंध में यहां पार्टी मुख्यालय में बैठक की गयी। बैठक के बाद पार्टी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने बताया कि शाह 30 अक्टूबर को सुबह 11 बजे एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे। उन्होंने बताया कि यह पार्टी की चुनावी रैली होगी।
उत्तराखंड में अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।
सीबीआई द्वारा इस वर्ष मार्च में रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए हेमंत खंडूरी को देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी ने मानव तस्करी रोधी प्रकोष्ठ में तैनात किया है।
इस संबंध में पूछे जाने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि संबंधित पुलिसकर्मी का निलंबन उनके पूर्ववर्ती द्वारा निरस्त किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘उसे पहले ही बहाल किया जा चुका है और पूरा वेतन लेने के बावजूद वह खाली बैठा था। मैंने सोचा कि जब वह पूरा वेतन ले रहा है तो उससे काम क्यों न लिया जाए।’’
रिश्वतखोरी के मामले में उपनिरीक्षक को जमानत मिल गई थी, लेकिन उसे निलंबित कर दिया गया था और पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने हालांकि कहा कि उपनिरीक्षक के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के लंबित मामले को देखते हुए उसे फील्ड डयूटी नहीं दी गई है ।
चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री के केदारनाथ धाम के दर्शन और पूजा-अर्चना के कार्यक्रम के लिए बोर्ड भी अपने स्तर से तैयारियों में जुट गया है।
उन्होंने बताया कि केदारनाथ मुख्य मार्गों सहित हैलीपेड से बर्फ हटा दिया गया है जबकि मंदिर सौंदर्यीकरण, साज सज्जा, दर्शन व्यवस्था आदि का कार्य हो रहा है ।
गढवाल के आयुक्त और बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने जिला प्रशासन एवं बोर्ड को समय रहते तैयारियां पूरी करने को कहा है ।
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह को जिम्मेदारी दी गयी है।
उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि केदारनाथ में मोदी के कार्यक्रम को लेकर सरकारी तंत्र सक्रिय हो गया है और जिलाधिकारी मनुज गोयल सभी विभागों और सैक्टर मजिस्ट्रेटों के साथ कई दौर की बैठकें कर चुके हैं ।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री के दौरे से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी केदारनाथ में तैयारियों का जायजा लेने के लिए तीन नवंबर को वहां का दौरा कर सकते हैं ।
इस बीच, चुनाव से महज कुछ माह पहले हो रहे प्रधानमंत्री के केदारनाथ दौरे को लेकर प्रदेश भाजपा ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं । प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे को भव्य बनाने के लिए पार्टी भी तैयारियां कर रही है । उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता तीन नवंबर से केदारनाथ में पहुंचने शुरू हो जाएंगे ।
मोदी का यह दौरा शीतकाल के लिए मंदिर के कपाट बंद होने से एक दिन पहले हो रहा है। केदारनाथ धाम के कपाट हर साल दीवाली के दो दिन बाद भैया दूज के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल फिर अप्रैल-मई में खोले जाते हैं ।
अपने दौरे में प्रधानमंत्री 400 करोड रूपये से अधिक के विकास कार्यक्रमों का शिलान्यास और लोकार्पण भी करेंगे । इस दौरान वह आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण भी करेंगे ।
प्रधानमंत्री का यह एक माह के भीतर दूसरा उत्तराखंड दौरा होगा । इससे पहले, वह सात अक्टूबर को एम्स ऋषिकेश आए थे जहां उन्होंने आक्सीजन संयंत्र का उदघाटन किया था ।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी ने दरोगा दीपक मैठाणी और आरक्षी त्रेपन सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। खंडूरी ने दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ यह दंडात्मक कार्रवाई प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के निर्देश पर की।
जानकारी के अनुसार, जिले के विकासनगर क्षेत्र के रहने वाले कारोबारी राकेश सिंह ने पुलिस महानिदेशक कुमार को मंगलवार को एक शिकायत दी जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि दरोगा मैठाणी और कांस्टेबल सिंह ने उनके खिलाफ आबकारी अधिनियम में फर्जी मामला दर्ज किया है और उनसे मारपीट की तथा उनके बड़े भाई को फोन कर एक लाख रुपये की मांग की।
शिकायतकर्ता ने अपने आरोपों के संबंध में कुमार के सामने एक ऑडियो क्लिप भी प्रस्तुत किया। इसका संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक ने खंडूरी को दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने तथा आरोपों की जांच कराने के निर्देश दिए।
माथे पर चंदन का लेप लगाकर और हाथ में त्रिशूल लेकर रावत ने मंदिर के बाहर एक साधु के पास खड़े होकर 'शिव तांडव स्तोत्र' का पाठ करते हुए नृत्य भी किया। रावत ने बाद में फेसबुक पर अपने केदारनाथ दौरे के कई वीडियो भी पोस्ट किए।
केदारनाथ में संवाददाताओं से बातचीत में रावत ने कहा कि केदारपुरी में किए जा रहे ज्यादातर पुनर्निर्माण कार्य उनके मुख्यमंत्री रहते हुए शुरू हुए थे।
हालांकि, उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने उन कार्यों पर अपनी मुहर लगाने के लिए उनमें उपरी तौर पर कुछ बदलाव किए और उन्हें अपना बनाकर पेश कर दिया।
यह पूछे जाने पर कि सत्ता में आने पर उनकी प्राथमिकताएं क्या होंगी, रावत ने कहा कि वह पहले अपने अधूरे रह गए कार्यों को पूरा करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि हक हकूकधारियों और पुजारियों के पारंपरिक अधिकार बने रहें।
देवस्थानम बोर्ड भंग करने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘..... हमारी परंपराओं में पुजारियों का, हक हकूकधारियों का, पंडो का, सबका अपना-अपना उल्लेख है। हम उससे कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे, यथावत रखेंगे। देवस्थानम बोर्ड हमारी तरफ से भंग है।’’
रावत के साथ खड़े तीर्थ पुरोहितों ने इस घोषणा का स्वागत किया और उनके समर्थन में 'हरीश रावत तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं' जैसे नारे लगाए।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में पारित देवस्थानम अधिनियम का चारों धामों के तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि बोर्ड का गठन उनके अधिकारों का हनन है।
जुलाई में मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की अध्यक्षता में देवस्थानम अधिनियम के विधिक पहलुओं का आंकलन करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था।
इस समिति ने सोमवार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री धामी को सौंप दी। हालांकि, इस बारे में अभी कुछ सार्वजनिक नहीं किया गया है कि रिपोर्ट में समिति ने क्या सुझाव दिए हैं।
हरक सिंह यहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के बुलावे पर उनसे मिलने पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच मुलाकात दो घंटे से अधिक समय तक चली ।
हालांकि, संवाददाताओं के सवाल किए जाने पर हरक सिंह ने कहा कि उन्हें (कौशिक को) मालूम है कि अगर हरक सिंह को जाना होगा तो वह फिर चर्चा नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे कह दिया और वह खुद भी जानते हैं कि जब कोई बात होगी तो मैं उन्हें बता दूंगा कि मैं ऐसा निर्णय लेने वाला हूं ।'
यह पूछे जाने पर कि उनकी तरफ से इन चर्चाओं का कभी खंडन नहीं किया गया और यह नहीं कहा गया कि वह भाजपा में ही बने रहेंगे, हरक सिंह ने कहा, ‘‘गारंटी तो हमारे जीवन की भी नहीं है तो इस बात की गारंटी कैसे दी जा सकती है।’’ इस संबंध में उन्होंने संवाददाताओं से ही सवाल किया कि क्या कोई रिपोर्टर इस बात की गारंटी दे सकता है कि वह हमेशा एक ही जगह काम करता रहेगा ।
वन मंत्री ने कहा कि उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नडडा, पार्टी मामलों के राज्य प्रभारी दुष्यंत गौतम के अलावा सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंगलवार को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक से बात हुई है और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि उनके पार्टी छोडने की अटकलें कहां से आ रही हैं ।
उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल ऐसी कोई बात नहीं है । हम सब मिलकर, भाजपा की सरकार कैसे आए, इस पर काम कर रहे हैं और हर दिन एक-एक पल इस मुददे को लेकर आपस में चर्चा कर रहे हैं ।'
कांग्रेस नेता हरीश रावत के बारे में उन्होंने कहा कि वह उनके बडे भाई हैं और अब वह उनके खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहते । उन्होंने कहा कि हमारा छोटा सा प्रदेश है और यहां स्वस्थ राजनीति होनी चाहिए।
इसी माह कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के अपने विधायक पुत्र के साथ कांग्रेस में वापसी के बाद हरक सिंह के भी कांग्रेस में लौटने की अटकलें जोरों पर हैं ।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने निशंक के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की|
निशंक ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज प्रधानमंत्री आवास में नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट हुई| प्रधानमंत्री ने मेरे स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और जल्द स्वस्थ होने की कामना की| एम्स में उपचार के दौरान दूरभाष से मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए मैंने उनका आभार प्रकट किया|’’
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनके द्वारा लिखी पुस्तक “एक जंग लड़ते हुए’’ की प्रति प्रधानमंत्री को भेंट की। प्रधानमंत्री ने इस पुस्तक के लिए निशंक को शुभकामनाएं दी।
निशंक ने यह पुस्तक दिल्ली एम्स में भर्ती रहने के दौरान लिखी थी ।
बागेश्वर के जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) का 13 सदस्यीय संयुक्त बचाव दल सुंदरढूंगा ग्लेशियर के निकट देवीकुंड पहुंचा और वहां से पांचों शवों को बाहर निकाला ।
उन्होंने बताया कि तलाश एवं बचाव दल अब भी मौके पर हैं और लापता स्थानीय गाइड खिलाफ सिंह की खोज में अभियान चलाया जा रहा है । सिंह बागेश्वर के कपकोट क्षेत्र के जाकुनी गांव के निवासी हैं ।
जिलाधिकारी ने बताया कि सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए कपकोट भेजा गया है । शवों को निकालने के लिए पिछले कुछ दिनों से प्रयास किए जा रहे थे लेकिन खराब मौसम के कारण उनमें बाधा आ रही थी ।
उत्तराखंड में 17 से 19 अक्टूबर तक तीन दिन हुई अत्यधिक बारिश और खराब मौसम के दौरान सुंदरढूंगा ग्लेशियर में ये पर्वतारोही फंस गए थे ।
उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल की संस्तुति पर यह कार्रवाई की है ।
शर्मा पर कालागढ़ वन प्रभाग की पांखरो व मोरघट्टी वन क्षेत्र में बिना पूर्वानुमति के पेड़ों की कटाई तथा अन्य निर्माण गतिविधियां करने तथा रेंजर की जगह अनधिकृत रूप से उप वन प्रभागीय अधिकारी के पदनाम का उपयोग करने का आरोप है ।
निलंबन की अवधि के दौरान शर्मा को उत्तराखंड के शिवालिक वन वृत से सम्बद्ध किया गया है ।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा कालागढ़ वन प्रभाग में सक्षम अधिका री की पूर्वानु मति के बिना निर्माण कार्य किए जाने तथा इसके लिए वृक्षों की अवैध कटाई के आरोपों की जांच के लिए गठित समिति ने इन आरोपों को सही पाया था तथा इसमें संलिप्त कालागढ के वन प्रभागीय अधिकारी तथा अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी ।
समिति ने सभी अवैध निर्माण ध्वस्त किए जाने, वन क्षेत्र में पुरानी स्थिति बहाल करने तथा निर्माण पर आने वाले सभी व्यय की भरपाई आरोपी अधिकारियों से करने की सिफारिश भी की थी ।
प्रधानमंत्री का यह दौरा शीतकाल के लिए मंदिर के कपाट बंद होने से एक दिन पहले हो रहा है। केदारनाथ धाम के कपाट हर साल दीवाली के दो दिन बाद भैया दूज के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल फिर अप्रैल—मई में खोले जाते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने दौरे में करीब 400 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भव्य केदारपुरी का निर्माण हो रहा है और अपने इस दौरे में वह आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण भी करेंगे।
समिति के अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी ने धामी से भेंट कर उन्हें अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। हालांकि, अभी इस बारे में कुछ सार्वजनिक नहीं किया गया है कि रिपोर्ट में समिति ने क्या सुझाव दिए हैं।
गौरतलब है कि चारों हिमालयी धामों—बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों द्वारा देवस्थानम बोर्ड के विरोध में लंबे समय तक आंदोलनरत रहने के मद्देनजर धामी ने वरिष्ठ भाजपा नेता ध्यानी की अध्यक्षता में इस उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था।
मुख्यमंत्री बनने के बाद 21 जुलाई को अपने उत्तरकाशी दौरे में यह घोषणा करते हुए धामी ने कहा था कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम के परीक्षण और उस पर 'सकारात्मक संशोधन' का सुझाव देने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जा रही है।
उन्होंने कहा था कि यह समिति अधिनियम के विधिक पहलुओं का आकलन कर यह सुनिश्चित करेगी कि इससे चारधाम यात्रा से जुड़े हक—हकूकधारियों, पुजारियों तथा अन्य हितधारकों के पारंपरिक अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
लंबे समय से आंदोलनरत चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों का मानना है कि बोर्ड का गठन उनके अधिकारों का हनन है।
देवस्थानम अधिनियम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सरकार के कार्यकाल में पारित हुआ था जिसके तहत चार धामों सहित प्रदेश के 51 मंदिरों के प्रबंधन के लिए बोर्ड का गठन किया गया था।
जानकारी के अनुसार, पहले एक कर्मचारी हरिपाल को सफाई के लिए टैंक में भेजा गया लेकिन उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर संयंत्र के प्रमुख रमन कुमार वहां पहुंचे। हरिपाल को बेहोश देखकर वह उसे बचाने के लिए टैंक में उतरे लेकिन खुद भी बेहोश होकर गिर पड़े। उनके बाद उन्हें बचाने के लिए गया तीसरा कर्मचारी अवधेश भी बेहोश होकर टैंक में गिर गया। टैंक में डूबने से उनकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि इन तीनों के बाद चौथे कर्मचारी बिजेंद्र को उसकी कमर में रस्सी बांधकर टैंक में भेजा गया लेकिन वह भी बेहोश हो गया जिसके बाद अन्य कर्मचारियों ने उसे उपर खींच लिया जिससे उसकी जान बच गई। बिजेंद्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका उपचार किया जा रहा है ।
पंतनगर के पुलिस उपाधीक्षक आशीष भारद्वाज ने बताया कि पुलिस, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और अग्निशमन दल के डेढ से दो घंटे तक चले संयुक्त अभियान के बाद तीनों शवों को बाहर निकाल लिया गया है ।
उन्होंने बताया कि टैंक से हो रहे जहरीली गैसों के रिसाव के असर को समाप्त करने के लिए दमकल की गाड़ियों ने पहले काफी देर तक पानी का छिडकाव किया ।
सिडकुल के सेक्टर सात में यह सीईटीपी संयंत्र स्थित है जहां सिडकुल की कंपनियों के रसायन युक्त गंदे पानी को साफ किया जाता है।
धामी ने कहा कि आपदा के इस कठिन दौर में राज्य सरकार अपने उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर पीड़ितों की मदद कर रही है लेकिन आपदा से बाहर निकलने के लिए और आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता है ।
उन्होंने कहा, “आपदा का समय है और उत्तराखंड के लोगों को इससे बाहर निकलने के लिए आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता है। मैं अनुरोध करता हूं कि अगर इस समय सभी लोग अपने स्तर से यथासंभव सहयोग करेंगे तो हमें इससे बाहर निकलने में मदद मिलेगी।”
मुख्यमंत्री ने आपदा राहत कार्यों में सहयोग के लिए केंद्र के साथ ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तथा गुजरात आदि अन्य राज्य सरकारों, अन्य संस्थानों तथा औद्योगिक संगठनों का आभार भी जताया।
प्रभावित परिवारों को कपड़े, बर्तन व घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली सहायता राशि 3800 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दी गयी है जबकि पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान के लिये सहायता राशि बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये प्रति भवन कर दी गयी है। पहले मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार रुपये प्रति भवन और पहाड़ी क्षेत्रों में एक लाख एक हजार 900 रुपये प्रति भवन सहायता राशि देने का प्रावधान था।
इसी प्रकार आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के भवन के लिए सहायता राशि 5200 रुपये प्रति भवन से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति भवन और आंशिक क्षतिग्रस्त कच्चे भवन के लिए सहायता राशि 3200 रुपये प्रति भवन से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति भवन कर दी गयी है ।
इसी प्रकार, भूमि क्षति के लिए राहत राशि न्यूनतम एक हजार रुपये दी जाएगी । इसके अलावा, घर के आगे या पीछे का आंगन व दीवार क्षतिग्रस्त होने को भी आंशिक क्षतिग्रस्त माना जाएगा। पहले इस पर सहायता नहीं दी जाती थी।
इसके अतिरिक्त, 18 और 19 अक्टूबर को अतिवृष्टि से आई आपदा में खराब हो गए घरों के बाहर लगे बिजली के मीटरों को ऊर्जा विभाग को निशुल्क बदलने का निर्देश भी दिया गया है।
जीएसटी के दायरे से बाहर के छोटे व्यापारियों को दुकान में पानी भर जाने आदि से हुए नुकसान के लिए पांच हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।
इससे पहले, मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों की सहायता राशि को बढ़ाने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि यदि बढ़ाई गई सहायता राशि आपदा के मानकों के तहत देना संभव न हो तो इस अतिरिक्त राशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाए।
इसके अलावा, धामी ने पुनर्निर्माण व राहत कार्यों की निगरानी के लिए एक उच्चाधिकार समिति बनाने को भी कहा ।
उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को हरसंभव मदद दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें सहायता राशि पाने के लिए अनावश्यक परेशान न होना पड़े।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर तैयार की गई इस योजना का शासनादेश सोमवार को जारी कर दिया गया।
योजना के तहत बाजार में मांग के अनुरूप कौशल विकास, डिजाइन विकास, रॉ मैटेरियल (कच्चे माल) के जरिए नई तकनीक के आधार पर प्रत्येक जिले में दो उत्पादों का विकास किया जाएगा।
इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का उद्देश्य उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में वहां के स्थानीय उत्पादों को पहचान कर उनके अनुरूप परंपरागत तथा शिल्प उद्योग का विकास करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'एक जनपद, दो उत्पाद' योजना से स्थानीय काश्तकारों एवं शिल्पकारों के लिए जहां एक ओर स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे वहीं दूसरी ओर हर जिले के स्थानीय उत्पादों की विश्वस्तरीय पहचान बन सकेगी।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के सचिव, अमित नेगी ने बताया कि अल्मोड़ा में ट्वीड एवं बाल मिठाई, बागेश्वर में ताम्र शिल्प उत्पाद एवं मंडवा बिस्किट, चंपावत में लौह शिल्प उत्पाद एवं हाथ से बने उत्पाद, चमोली में हथकरघा-हस्तशिल्प उत्पाद तथा एरोमेटिक हर्बल उत्पाद, देहरादून में बेकरी उत्पाद एवं मशरूम उत्पादन, हरिद्वार में गुड़ एवं शहद उत्पाद, नैनीताल में ऐपण कला एवं कैंडल क्राफ्ट को योजना के तहत चिन्हित किया गया है ।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार, पिथौरागढ़ में ऊन के उत्पाद एवं मुनस्यारी राजमा, पौड़ी में हर्बल उत्पाद एवं लकड़ी के फर्नीचर संबंधी उत्पाद, रुद्रप्रयाग में मंदिर कलाकृति हस्तशिल्प एवं प्रसाद सम्बंधी उत्पाद, टिहरी में प्राकृतिक रेशा उत्पाद एवं टिहरी नथ, ऊधमसिंह नगर में मेंथा आयल एवं मूंज घास उत्पाद, उत्तरकाशी में ऊन हस्तशिल्प एवं सेब आधारित उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा ।
वरिष्ठ वकील और वन तथा वन्यजीव संरक्षण मामलों के जानकर गौरव कुमार बंसल द्वारा इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका पर एनटीसीए ने य ह तीन सदस्यीय समिति गठित की थी।
समिति ने सक्षम अधिकारी की वित्तीय और तकनीकी मंजूरी के बिना कालागढ़ वन प्रभाग में कण्डी मार्ग सहित पांखरो व मोर घट्टी वन विश्राम गृह आदि समस्त नव निर्माणों को ध्वस्त करके पुरानी इको स्थिति बहाल करने तथा इसमें हुए व्यय की वसूली कालागढ़ वन प्रभाग के कथित संलिप्त अधिकारी से करने को कहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कण्डी रोड, पांखरो व मोरघट्टी आदि स्थानों पर चल रहे कार्यों को लेकर संलिप्त अधिकारी द्वारा जाँच समिति को उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के फर्जी व कूटरचित होने के कारण संलिप्त अधिकारी पर आपराधिक मामला भी चलाया जाना चाहिए। इस संबंध में जांच समिति ने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक ने संलिप्त अधिकारी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की सत्यता से स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया।
जाँच समिति ने संलिप्त डीएफओ पर उत्तराखंड सरकार से विजिलेंस जांच गठित कर कार्रवाई करने को भी कहा है। मौके पर जाकर जांच करके तैयार की अपनी रिपोर्ट में समिति ने कहा कि केवल पांखरो में निर्माणाधीन टाइगर सफारी की ही पूर्वानुमति थी।
मौके पर पेड़ कटान की वस्तु स्थिति जानने के लिए समिति ने भारतीय वन सर्वेंक्षण और रिमोट सेंसिंग इंस्टीट्यूट के नक्शों में मिलान कर काटे गए वृक्षों की सही संख्या का पता लगाने को भी कहा है ।
समिति ने टाइगर सफारी को विवादित व जनता के धन की बर्बादी बताते हुए कहा है कि संलिप्त अधिकारी ने कण्डी रोड़ पर निर्माण कार्य में उच्चतम न्यायालय के नौ अप्रैल 2001 के आदेश का भी उल्लंघन किया है।
एनटीसीए के सहायक वन महानिरीक्षक हेमंत सिंह ने जांच समिति की इन सिफारिशों को 22 अक्टूबर को अतिरिक्त वन महानिदेशक (प्रोजेक्ट टाइगर) और एनटीसीए के सदस्य सचिव को भेज दिया है ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से दल को रवाना करते हुए ट्रेकर्स को शुभकामनाएं दीं और इसे गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह गर्व का क्षण है कि हमारे पास उत्तराखंड की पुरानी पगडंडियों का पता लगाने के लिए एक युवा बल है। यह पहल हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी।’’
धामी ने कहा कि अभियान से न केवल राज्य में साहसिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यह पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने, होमस्टे, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने में भी सहायक सिद्ध होगा।
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने 'ट्रैक द हिमालय' संगठन के साथ मिलकर यह अभियान शुरू किया है जिसके तहत विशेषज्ञों का 25 सदस्यीय दल चारधाम मार्ग पर पुराने मार्गों को खोजने के लिए 1,200 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करेगा।
अपने 50 दिनों के अभियान के दौरान दल पुराने चार धाम मार्गों के अलावा शीतकालीन चार धाम मार्गों का भी पता लगाएगा।
धामी ने प्रधानमंत्री को राज्य में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों के बारे मे अवगत कराते हुए आपदा प्रभावितो को दी जा रही आर्थिक सहायता एवं पुनर्वास के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
हाल में प्रदेश में लगातार तीन दिन अतिवृष्टि से व्यापक तबाही हुई जिसमें 76 व्यक्तियों की मौत के साथ ही मकानों, सडकों और फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा ।
अनीता (38) के परिजनों ने रविवार को उत्तरकाशी में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया ।
अपने आंसुओं को रोकने की कोशिश करते हुए उसके पिता ज्योति सिंह ने बताया, ‘‘ अनीता कुछ दिन पहले ही मोरी-सांकरी क्षेत्र में ट्रेकिंग कर घर लौटी थी और हमने उसे इस ट्रैक पर जाने से मना किया था ।’’
उन्होंने कहा कि अनीता ने इसे साल का अंतिम ट्रैक बताते हुए जाने की जिद की लेकिन उसे क्या पता था कि यह साल की नहीं बल्कि उसके जीवन की अंतिम ट्रैकिंग होगी।
दिल्ली के एक निजी अस्पताल में दंत चिकित्सक की नौकरी छोड़ने के बाद अनीता पिता के दिल्ली स्थित मिठाई एवं बेकरी के कारोबार में हाथ बंटा रही थीं।
सिहं ने बताया कि अनीता बहुत होनहार थी तथा वह कारोबार के हिसाब-किताब से लेकर ड्राइविंग तक सभी काम काम कर लेती थी।
अनीता के पिता ने ट्रैकिंग और पर्वतारोहण के दौरान होने वाले हादसों के बाद सरकारी तंत्र की भूमिका पर भी सवाल उठाए और कहा कि हर्षिल-चितकुल ट्रैक पर गए 17 सदस्यीय दल के छह पोर्टर हिमाचल के सांगला पहुंच गए थे और उनकी सूचना पर अगर तत्काल हेलीकॉप्टर से बचाव कार्य चलाया जाता तो उनकी पुत्री समेत सभी लोगों को बचाया जा सकता था।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने रविवार को कहा कि पुलिस और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) ने लगभग 65 हजार लोगों को आपदा में फंसने से पहले ही रोक लिया ।
नैनीताल में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि मौसम खराब होने की चेतावनी के 24 घंटे पहले आने के कारण लगभग 48000 लोगों को गढ़वाल में और लगभग 17000 लोगों को कुमाऊं में समय रहते उपर चढने से रोक लिया गया जिससे वे आपदा में नहीं फंसे ।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि 48000 अन्य को समय रहते ही सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया जबकि आपदा में फंस गए दस हजार लोगों को सकुशल बचाया गया । उन्होंने कहा कि कुमाऊं में साढे नौ हजार लोगों को जबकि गढवाल में 500 लोगों को बचाया गया ।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि अभी तक प्रदेश में आपदा से 76 मौतें हुई हैं जिनमें से 59 मौतें कुमांउ में और 17 गढवाल में हुईं । उन्होंने कहा कि 33 अन्य घायल हैं ।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, 14 लोग अब भी लापता हैं जिनमें से आठ ट्रैकर्स हैं जो मलबे आदि में दब गए या बह गए ।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में जैसे पिथौरागढ में गुंजी और दारमा, बागेश्वर में पिंडारी की तरफ और उत्तरकाशी में अभी तलाश और बचाव अभियान चल रहा है । इसके अतिरिक्त नैनीताल जिले के रामगढ में तीन लापता लोगों को ढूंढने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है ।
आपदा में पुलिस और एसडीआरएफ के काम को उल्लेखनीय बताते हुए कुमार ने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि आपदा में अच्छा काम करने वाले कार्मिकों को अगले साल 26 जनवरी को पदक से सम्मानित किया जाएगा ।
उत्तरकाशी के हर्षिल से लमखागा दर्रे से होकर हिमाचल प्रदेश के चितकुल की ट्रैकिंग के दौरान खराब मौसम के कारण लापता 11 में से सात लोगों के शव बरामद कर लिये गए जबकि दो अन्य अभी लापता हैं । इस दल के दो सदस्य घायल अवस्था में पहले ही मिल चुके हैं जिनका अस्पतालों में उपचार चल रहा है ।
उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि उत्तरकाशी जिला अस्पताल में पांच ट्रैकर्स के शवों का पोस्टमार्टम किया गया जिनमें से चार पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे और एक महिला दिल्ली की रहने वाली थी। पश्चिम बंगाल के ट्रैकर्स के शव उत्तरकाशी से उनके घर भेज दिए गए हैं जबकि दिल्ली निवासी महिला ट्रैकर का उसके परिजनों द्वारा उत्तरकाशी में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया ।
उन्होंने बताया कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस की टीम को हिमाचल प्रदेश के चितकुल से मिले दो अन्य शवों में से एक को उत्तरकाशी और दूसरे को दिल्ली भेजा जा रहा है जहां से उसे पश्चिम बंगाल भेजा जाएगा ।
पटवाल ने बताया कि लापता दो ट्रैकर्स— उत्तरकाशी के पुरोला निवासी ज्ञानचंद तथा पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के सुकेन मांझी— की तलाश में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की टीमें जुटी हुई है।
उधर, बागेश्वर जिले के कपकोट में सुंदरढूंगा ट्रैक से लापता छह ट्रैकर्स में से पांच के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि एक अन्य अभी लापता हैं जिसकी तलाश के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) अभियान चला रही है ।
उधर, कफनी ग्लेशियर में फंसे 19 लोगों को सकुशल निकाल कर उनके गांव छूनी पहुंचाया गया जबकि पिंडारी ग्लेशियर से 33 लोगों को सुरक्षित बचाया गया ।
एसडीआरएफ सूत्रों ने बताया कि अन्य स्थानों पर फंसे लोगों का पता लगाने के लिए बल की एक टीम पैदल मार्ग से तलाश कर रही है जबकि दूसरी टीम द्वारा कल पुनः हैलीकाप्टर से तलाश की जाएगी ।
आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का मौके पर जाकर जायजा ले रहे मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी में क्षतिग्रस्त गौला पुल का निरीक्षण किया और कहा कि पूरे क्षेत्र के आवागमन के लिए अतिमहत्वपूर्ण इस पुल को जल्द से जल्द फिर शुरू करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य होगा । उन्होंने कहा कि इसके लिए नियमों को शिथिल किया गया है।
कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद और डॉ धनसिंह रावत के साथ पहुंचे धामी ने कहा कि सरकार जनता के साथ है और प्रभावितों की हरसंभव मदद की जायेगी।
उन्होंने जिले में बारिश से संबंधित घटनाओं में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
उत्तराखंड में 17-19 अक्टूबर के बीच हुई मूसलाधार बारिश में चंपावत जिले में 11 लोगों की मौत हुई है। नैनीताल में कुमाऊं क्षेत्र में सबसे ज्यादा 35 लोगों की मौत हुई है।
धामी ने अधिकारियों से मृतकों के परिजनों को मुआवजे के भुगतान में तेजी लाने और प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव अभियान तेज करने को कहा। उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह ने भी कुमाऊं के बारिश से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और इस आपदा से निपटने के वास्ते अतिशीघ्र कदम नहीं उठाने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की।
कांग्रेस नेता ने नैनीताल क्लब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मौसम विभाग द्वारा पहले ही ‘रेड अलर्ट’ जारी करने के बावजूद, राज्य सरकार ने आपदा से निपटने के लिए तेजी से कदम नहीं उठाये।’’
सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राज्य सरकार पर तीन दिनों की लगातार बारिश में मृतकों और क्षतिग्रस्त मकानों की वास्तविक संख्या छिपाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहत पैकेज की घोषणा न करके राज्य के लोगों को निराश किया है। उन्होंने मांग की कि राहत पैकेज की तुरंत घोषणा की जाए।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से यहां देर रात जारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में आपदा में मरने वालों की संख्या 67 हो गयी जबकि 24 अन्य लोग घायल हैं ।
राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने बागेश्वर जिले के पिंडारी और काफनी ग्लेशियरों के करीब फंसे छह विदेशियों समेत 65 पर्यटकों को सुरक्षित बचाया जबकि 23 अन्य लोगों को पिथौरागढ की दारमा घाटी से निकाला गया।
उत्तरकाशी के हर्षिल से हिमाचल प्रदेश के चितकुल तक के रास्ते में लापता एक ट्रेकिंग दल के पांच सदस्यों के शव बरामद हुए हैं । हांलांकि, सरकारी आंकडों में उन दो अन्य शवों को नहीं जोडा गया है जो हिमाचल प्रदेश के बचाव दल को मिले हैं । बागेश्वर जिले में भी बारिश से पांच लोगों के मरने की आशंका है ।
हाल में लगातार तीन दिन हुई बारिश से कुमांउ क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुआ जहां सर्वाधिक मौतों के साथ ही करीब 200 करोड रूपये की संपत्ति की क्षति होने का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया है ।
इस बीच, बागेश्वर के जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि एसडीआरएफ की टीमों ने पिंडारी और काफनी ग्लेशियरों के पास से छह विदेशियों समेत 65 पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला ।
उधर, बागेश्वर के सुंदरढूंगा में फंसे एक ट्रेकिंग दल के छह सदस्यों की तलाश के लिए तैयार दो चीता हैलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण उडान नहीं भर सके ।
कुमार ने बताया कि 10 सदस्यीय दल के चार सदस्य सुरक्षित लौट आए हैं । उन्होंने कहा, 'हमें संदेह है कि इसमें कुछ लोग हताहत भी हो सकते हैं । दल के लापता ट्रैकरों की तलाश में शनिवार सुबह हैलीकॉप्टर फिर उडान भरने का प्रयास करेंगे ।'
जिलाधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, सरयू नदी के उदगम स्थल सरमूल से लापता हुए 15 लोग भी सकुशल हैं ।
पिथौरागढ के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि जिले की दारमा घाटी से भी 23 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है । इनमें 21 पर्यटकों के अलावा दो बीमार स्थानीय व्यक्ति शामिल हैं ।
उधर, उत्तरकाशी जिले के अधिकारियों ने बताया कि चितकुल ट्रेक से लापता दल के दो सदस्य घायल अवस्था में मिले हैं जिनका उपचार हर्षिल और उत्तरकाशी के अस्पताल में चल रहा है ।
कुमांउ में सर्वाधिक मौतें नैनीताल से दर्ज की गयीं जहां आपदा में 35 लोगों ने अपनी जान गंवाई । चंपावत में 11, अल्मोडा में छह, पिथौरागढ में तीन और उधमसिंह नगर में दो और बागेश्वर में एक मौत दर्ज की गयी ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चमोली जिले के आपदा प्रभावित डुंग्री गांव का दौरा किया और हाल में भारी बारिश के दौरान भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया ।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धनसिंह रावत और अन्य अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री धामी छडी हाथ में लेकर फिसलन भरी खडी चढाई पार कर स्वयं स्थिति का जायजा लेने के लिए गांव पहुंचे ।
उन्नीस अक्टूबर को गांव में अतिवृष्टि के बाद भूस्खलन के मलबे में एक परिवार के दो सदस्य दब गए थे । उनके परिजनों को सांत्वना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद करेगी। धामी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि आपदा राहत कार्यों में किसी भी तरह से संसाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी ।
डुंग्री गांव में आपदा से नुकसान का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की और उन्हें अवरुद्ध मार्गो, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करने तथा आपदा पीड़ित परिवारों तक हर संभव मदद पहुंचाने को कहा ।
हाल में प्रदेश में हुई अत्यधिक भारी बारिश के कारण आई प्राकृतिक आपदा से हुए व्यापक नुकसान के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने अपना अक्टूबर का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला किया है।
धामी ने सचिवालय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
रिजर्व की उप निदेशक कल्याणी नेगी ने बताया कि रिजर्व के कोर एरिया में भी जगह-जगह वन मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए दो ऑल टेरेन व्हीकल्स, 14 पालतू हाथियों और ड्रोन कैमरे का उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बिजरानी व गर्जिया पर्यटन ज़ोन में 101.57 किलोमीटर वन मार्ग में से करीब 87.57 किलोमीटर ऐसे वन मार्ग भी भारी बारिश में बह गए जिनको आगामी पर्यटन सत्र 2021-22 के लिए 15 अक्टूबर तक तैयार किया गया था।
वर्तमान में रिजर्व की ढेला व झिरना रेंज में पर्यटन चल रहा है लेकिन गर्जिया व बिजरानी पर्यटन जोन को मार्ग बह जाने के कारण उसे पर्यटकों के लिए बंद रखा गया है।
रिजर्व की दक्षिणी सीमा से लगे संवेदनशील वन क्षेत्र पर पालतू हाथियों और ड्रोन कैमरों की मदद से विशेष निगरानी की जा रही है। साथ में कालागढ़, सोना नदी, कान्द्रू, चूही सोत, पटेर पानी, जमना गवाड, गौज पानी से मछिया खाल व धारा सोत तक एवं जमुना गवाड़ से सुंठा खाल तो दूसरी तरफ झिरना जाली के जंगल पर सतत निगरानी की जा रही है।
हर साल 14 नवंबर तक बिजरानी, गर्जिया, सुल्तान, ग़ैरल, सर्पदुली व ढिकाला सहित दुर्गा देवी तक कॉर्बेट के सभी पर्यटन जोन सैलानियों के लिए खोल दिए जाते हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धनसिंह रावत और अन्य अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री धामी हाथ में छड़ी लेकर फिसलन भरी खड़ी चढाई पार कर स्वयं स्थिति का जायजा लेने के लिए गांव पहुंचे।
उन्नीस अक्टूबर को गांव में अतिवृष्टि के बाद भूस्खलन के मलबे में एक परिवार के दो सदस्य दब गए थे। उनके परिजनों को सांत्वना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद करेगी। धामी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि आपदा राहत कार्यों में किसी भी तरह से संसाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
धामी ने कहा, ‘‘19 तारीख की आपदा में दो व्यक्ति मलबे में दब गए। राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों के साथ है और उनकी हर संभव मदद करेगी।’’
डुंग्री गांव में आपदा से नुकसान का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की और उन्हें अवरुद्ध मार्गो, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करने तथा आपदा पीड़ित परिवारों तक हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि लोगों की जीवन रक्षा के लिए पूरे प्रदेश में एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है।
प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में दूरसंचार व्यवस्था बाधित हुई है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर डब्लूएलएल फोन की व्यवस्था की जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सात नवंबर तक सभी सड़कों को गढ्डा मुक्त बनाने के निर्देश दिए और कहा कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए।
मुख्यमंत्री ने आपदा में त्वरित कार्यवाही के लिए जिला प्रशासन के कार्यों की सराहना की।
हाल में राज्य में भारी बारिश से हुई तबाही में 65 लोगों की मृत्यु हो गई और 22 अन्य घायल हो गए जबकि दो व्यक्ति अभी लापता हैं। बारिश में 60 मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
बारिश से आई आपदा में कई हेक्टेयर धान की खड़ी फसल सहित कृषि भूमि और वन भूमि भी बह गयी जबकि कई किलोमीटर सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गयीं। मुख्यमंत्री धामी के अनुसार, 7,000 करोड़ रुपये की क्षति का प्रारंभिक आंकलन किया गया है।
इस बीच, कुमाऊ और गढवाल की ऊँची पहाडियों में ट्रैकर्स और पर्यटकों की खोज के लिए तलाशी और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
एसडीआरएफ के सूत्रों ने बताया कि कुमाऊं के बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र में पिंडर ग्लेशियर में फंसे तथा सुंदर डूंगा ट्रैक में लापता छह ट्रैकर की तलाश के लिए एसडीआरएफ के दो दल जुटे हुए हैं।
एसडीआरएफ का एक दल जहां पैदल मार्ग पर चलकर तलाशी अभियान में लगा है वहीं दूसरा दल हेलीकॉप्टर से उनकी तलाश कर रहा है। क्षेत्र में संचार माध्यम न होने के कारण इन दलों द्वारा सैटेलाइट फोन के माध्यम से सूचनाएं दी जा रही हैं। एसडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी बचाव अभियान की पल—पल की निगरानी कर रहे हैं और टीमों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं।
एसडीआरएफ के सेनानायक नवनीत सिंह ने बताया कि कपकोट में लापता प्रत्येक ट्रैकर को सुरक्षित लाने हेतु हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
इस बीच, 14 अक्टूबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से लमखागा पास हिमालय ट्रैक पर गए 17 सदस्यीय ट्रैकिंग दल के छह पोर्टरों के हिमाचल प्रदेश में रानीकाण्डा तक सुरक्षित पहुंचने की सूचना है।
हालांकि, इस दल के 11 सदस्य 17 अक्टूबर को बर्फबारी तथा मौसम खराब होने के बाद से लापता हैं। इस दल की वर्तमान में स्थिति हिमाचल प्रदेश के चितकुल के आसपास बताई जा रही है, इसके बारे में अभी पुष्टि की जा रही है।