![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/80342432/photo-80342432.jpg)
देहरादून गवर्नमेंट दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (GDMCH) के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा को शनिवार कोविड-19 का वैक्सीन लगा था। रविवार को उनकी हालत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उन्हें बहुत चक्कर आ रहे थे। डॉक्टर की तबीयत वैक्सिनेशन लगने के बाद खराब होने की खबर उड़ी तो हड़कंप मच गया। हालांकि डॉक्टर का इलाज कर रहे डॉक्टरों का दावा है कि उनकी तबीयत इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण खराब हुई। डॉक्टरों ने कहा कि डॉक्टर को वैक्सिनेशन हुआ था और शाम को ही उन्होंने काफी शराब पी। शराब पीने के कारण उनके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हुआ और वह बीमार हो गए। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि चिकित्सा अधीक्षक की स्थिति वैक्सीन के किसी भी दुष्प्रभाव के कारण हुई। डॉक्टर की तबीयत स्थिर जीडीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि डॉ. टम्टा के कई ब्लड टेस्ट और स्कैन हुए हैं। अब उनकी हालत स्थिर है। उन्होंने कहा कि हमने मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (CMO) को उनकी स्वास्थ्य स्थिति का विवरण दिया है। डॉ. टम्टा की तबीयत ठीक है और उन्हें अस्पताल से जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी। डॉक्टर को लगी थी अतिरिक्त खुराक डॉक्टरों ने बताया कि डॉ. टम्टा का नाम शनिवार को वैक्सीन प्राप्त करने वालों की सूची में नहीं था, लेकिन टीके की एक अतिरिक्त खुराक उपलब्ध थी, इसलिए उन्हें वैक्सीन लगाया गया। उन्होंने बताया कि वैक्सीन के प्रत्येक शीशी में 5 मिलीलीटर की खुराक होती है जिसे 10 लोगों को दिया जा सकता है। लेकिन हमने पाया कि कुछ शीशियों में खुराक 5.o5 मिली थी। इसलिए, डॉ. टम्टा को शनिवार को उस अतिरिक्त खुराक से वैक्सीन लगा दी गई। 100 लोगों की जगह 46 को लगा टीका इस बीच, राज्य में टीकाकरण अभियान के दूसरे दिन सोमवार को वैक्सीन प्राप्त करने वालों की संख्या अस्पताल में कम थी। अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक, 100 के लक्ष्य के मुकाबले केवल 46 लोग ही थे। शनिवार को, लक्षित 100 में से 76 लोगों को जीडीएमसीएच में टीका लगाया गया था। लोगों में फैला रहे जागरूकता डॉक्टरों ने बताया कि कुछ लोगों को जो वैक्सीन शॉट मिला है, उनमें हल्के बुखार जैसे लक्षण दिखाई हालांकि यह सामान्य है। उन्होंने कहा कि वैक्सिनेशन के बाद कुछ लोगों में हल्के लक्षण दिखाई दे सकते हैं, इसे लेकर हम लोगों में जागरूकता पैदा कर रहे हैं। हो सकते हैं हल्के लक्षण डॉक्टरों ने कहा कि वैक्सीन शॉट लगने के बाद अस्पताल में भर्ती होने वाले चिकित्सा अधीक्षक की खबर से भी लोग परेशान हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट कर दूं कि डॉ. टम्टा की बीमारी वैक्सीन के दुष्प्रभावों के कारण नहीं थी। उन्होंने कहा कि सोमवार को वैक्सीन लेने वाले कई लोगों को बुखार, खांसी और जुकाम होने का दावा किया गया था, इसीलिए उन्होंने टीका नहीं लगवाया। जो लोग ठीक थे, उन्हें टीका लगाया गया था। हम लगातार जागरूकता फैला रहे हैं। राज्य में 58 फीसदी लोगों को लगा वैक्सीन इस बीच, राज्य भर के 34 केंद्रों में जहां सोमवार को टीकाकरण अभियान चला, 3400 के लक्ष्य के विपरीत केवल 1961 लोगों ने शॉट्स लिए। अधिकारियों ने कहा कि यह निर्धारित कुल लक्ष्य का लगभग 58 फीसदी था। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में टीकाकरण केंद्रों की संख्या अधिकतम है, जो पांच है। वहीं सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन का लक्ष्य 500 था, जिसके विपरीत मात्र 142 लोगों को वैक्सीन लगा।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3qxVBF7
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें