बुधवार, 2 सितंबर 2020

उत्तराखंडः मलबे में दबकर हुई थी मौत, शव लादकर 8 घंटे तक 25 किलोमीटर पैदल चले ITBP जवान, तब घर तक पहुंचाया शव

प्रेम पुनेठा, पिथौरागढ़ उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में ITBP के जवानों ने मानवता की मिसाल कायम की। यहां मलबे में दबकर एक शख्स की मौत हो गई। उसके बाद मृतक का शव उसके घर तक पहुंचाया। इस दौरान आईटीबीपी के जवान लगभग 8 घंटे तक लगातार पहाड़ी रास्तों पर शव लेकर पैदल चले। घटनास्थल से लगभग 25 किलोमीटर दूर महिला के गांव पहुंचे और घरवालों को उसका शव सौंपा, जिसके बाद घरवालों ने उनका अंतिम संस्कार किया। पिथौरागढ़ के मवानी-दवानी निवासी भूपेंद्र राणा (30) इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) के लिए बोझ ढोने का काम करते थे। ऊंचाई पर तैनात आईटीबीपी जवानों के कैंप तक राशन और जरूरी सामान अपनी पीठ पर लादकर पहुंचाते थे। 28 अगस्त को, राणा बगदियार में ITBP चौकी के लिए जा रहा थे, तभी अचानक वह रास्ते में हुए भूस्खलन की चपेट में आ गए। उनकी मलबे में दबने से मौके पर ही मौत हो गई। सात जवानों ने पहुंचाया घर तक शव खराब मौसम के कारण परिवार का कोई सदस्य वहां नहीं जा सकता था। अनुरोध पर ITBP के जवाब राणा का शव उसके घर तक पहुंचाने के लिए राजी हो गए। खराब मौसम के कारण जब कोई हेलिकॉप्टर उनका शव नहीं ले जा सका, तो आईटीबीपी के सात जवानों ने यह बीड़ा उठाया। कंधे पर लादकर तय किया सफर जवानों ने राणा का शव अपने कंधे पर लादा और पैदल ही पहाड़ी रास्तों पर चलने लगे। इस दौरान वह 8 घंटे तक लगातार चले और 25 किलोमीटर की यात्रा तय की। उन्होंने राणा का शव उनके घरवालों को सौंपा। राणा के शव को देखकर उनकी पत्नी और तीन बच्चे फफककर रो पड़े। नहीं जा सका चॉपर डीएम विजय कुमार जोगदंड ने बताया कि राणा के दोस्तों ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया था कि उनका शव घर लाने की व्यवस्था की जाए, लेकिन खराब मौसम के कारण चॉपर वहां नहीं जा सका। परेशान घरवालों की मदद के लिए आईटीबीपी जवान आगे आए और उनका शव पहुंचाया।


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