शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

उत्तराखंड में किसानों ने किया कृषि विधेयकों के विरोध में प्रदर्शन

देहरादून, 25 सितंबर (भाषा) कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों ने शुक्रवार को उत्तराखंड के हरिद्वार तथा उधमसिंह नगर जिलों सहित अलग—अलग जगहों पर प्रदर्शन किए । हरिद्वार जिले के मंगलौर में किसानों ने हुंकार भरते हुए तीन घंटे तक गुड़ मंडी के बाहर राजमार्ग को जाम कर दिया। किसानों ने कहा कि यदि उन्हें उनकी फसलों का उचित मूल्य मिले तो उन्हें कर्ज की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारें अपने मंत्रियों और अधिकारियों की जेबें भरने के लिए कर्ज आदि की योजनाएं लेकर आती हैं। सुबह भारतीय किसान यूनियन टिकैत से जुडे किसान गुड मंडी मंगलौर में एकत्र हुए और उसके बाहर राजमार्ग पर जाकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान, वक्ताओं ने केंद्र सरकार के द्वारा किसानों के लिए लाए कानून को 'काला कानून' बताया और कहा कि यदि किसानों को लाभ पहुंचाना है तो पहले उन्हें उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी । उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की फसलों का मूल्य दस रुपये प्रति कुंतल बढ़ाती है लेकिन विधायकों और मंत्रियों का वेतन एक दिन में दोगुना कर दिया जाता है । किसानों से मिलने अधिकारी पहुंचे जिन्हें किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जिसके बाद तीन बजे चक्का जाम खोल दिया । रूड़की में भी किसानों और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कृषि विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन चौधरी ने कहा कि सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को उनका गुलाम बनाना चाहती है। उधर, ऊधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में गुस्साये किसानों ने रैली निकाल कर डीडी चौक पर जाम लगा कर जबरदस्त प्रदर्शन किया। किसानो ने केंद्र सरकार को जमकर कोसा ओर विधेयक वापस लेने की मांग की। सिख किसानों की बहुलता वाले जिले के तराई क्षेत्र में किसान सरकार के फैसले के खिलाफ अपने ट्रेक्टर ट्रालियों पर सवार होकर प्रदर्शन करने पहुचे । सबसे पहले किसान मंडी में जमा हुए जहां किसान नेता तेजिंदर सिंह विर्क ने इसे किसान विरोधी विधेयकों को वापस लेने की माग की और कहा कि ऐसा न होेने पर किसान उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। बाद में आंदोलित किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ भारी संख्या में जुलूस निकाला ओर मुख्य बाजार की सड़क को जाम कर दिया। किसानों ने विरोध प्रदर्शन कर बिल के विरोध में राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा ।


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