रविवार, 1 नवंबर 2020

देहरादून में नेपाली मूल के छात्रों की पिटाई का मामला, 'अपराधबोध' से ग्रस्त बौद्ध शिक्षक ने की आत्महत्या!

देहरादून उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के शाक्य अकैडमी में दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई है। यहां नेपाली मूल के एक बौद्ध शिक्षक ने आत्महत्या कर ली है। में टीचर ने अपराधबोधग्रस्त होकर यह कदम उठाने का जिक्र किया है। इसके अनुसार स्कूल में नियमों के खिलाफ जाकर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने और के मामले को तूल मिलने के पीछे खुद को कसूरवार ठहराया है। शिक्षक का शव यहां में उनके कमरे में छत से लटकता मिला। यह जानकारी पुलिस ने दी। राजपुर पुलिस थाने के प्रभारी राकेश शाह ने बताया कि लुआंग लेखफा का शव शनिवार देर शाम यहां एकेडमी में स्थित उनके कमरे में छत से लटका मिला। उन्होंने कहा कि प्रथमदृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कमरे से बरामद सुसाइड नोट में मृतक शिक्षक ने इस आत्मघाती कदम के लिए अपने अपराधबोध को जिम्मेदार ठहराया है। अधिकारी ने बताया कि सूइसाइड नोट में कहा गया है कि उनके वरिष्ठ सहयोगी ने उन्हें अपना मोबाइल फोन जमा कराने को कहा था लेकिन उनकी आज्ञा न मानने के कारण वह अपराधबोध से ग्रस्त थे। यह पूछे जाने पर कि इतनी छोटी सी बात पर शिक्षक ने अपनी जान क्यों ली होगी, शाह ने कहा कि कुछ नेपाली छात्रों ने उनके मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर कुछ तस्वीरों को वायरल किया था। इससे अकादमी के साथ ही उस सीनियर टीचर की छवि भी धूमिल हुई थी। शाह ने बताया कि हाल ही में अकादमी के कुछ छात्रों के सामूहिक रूप से छुट्टी मांगे जाने पर सीनियर टीचर ने कथित तौर पर उन्हें पीटा था। उन्होंने कहा कि बाद में छात्रों ने अपने घावों को दिखाते हुए तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था और दावा किया था कि उक्त वरिष्ठ शिक्षक की पिटाई से उन्हें चोटें आई हैं। अधिकारी ने बताया कि शिकायत करने वाले छात्रों में से चार उत्तराखंड की बनबसा सीमा से अपने देश नेपाल भाग गए। हांलांकि, पुलिस अधिकारी ने कहा कि टीचर ने छात्रों की पिटाई की बात से इनकार किया।


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