देहरादून, 22 नवंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को हरिद्वार में गंगा नदी की धारा को ‘एस्केप चैनल’ घोषित किए जाने के 2016 के आदेश को वापस लेने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हर की पैड़ी पर अविरल गंगा का दर्जा बनाए रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा यहां हरिद्वार कुंभ के संबंध में उनसे मिलने आए अखाड़ा परिषद और गंगा सभा के पदाधिकारियों के साथ बैठक के पूर्व कहा कि हर की पैड़ी को ‘एस्केप चैनल’ से मुक्त रखा जायेगा तथा हर की पैड़ी का अविरल गंगा का दर्जा बरकार रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द नया शासनादेश जारी किया जायेगा। रावत ने कहा, ‘‘ वर्ष 2016 में तत्कालीन सरकार द्वारा गंगा को एस्केप चैनल घोषित कर दिया गया था। उस आदेश को वापस ले लिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि लंबे समय से गंगा सभा एवं जनता द्वारा हरकी पैड़ी क्षेत्र को ‘एस्केप चैनल’ से मुक्त रखने की मांग की जा रही थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र आस्था एवं विश्वास का प्रतीक भी है और जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने लंबी समय से चली आ रही मांग को पूरा किया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में प्रदेश की तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने हरिद्वार में भागीरथी बिंदु, सर्वानंद घाट भूपतवाला से हरकी पैड़ी, मायापुर और दक्ष मंदिर कनखल तक बहने वाली गंगा नदी की धारा को ‘एस्केप चैनल’ घोषित कर दिया था। एस्केप चैनल नदी से निकलने वाली उस नहर को कहते हैं जिसका उपयोग नदी में आए अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए किया जाता है। सरकार की इस घोषणा का तीर्थ पुरोहित तभी से विरोध कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी पिछले दिनों अपनी सरकार की इस गलती को स्वीकार किया था और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इसे सुधारने को कहा था।
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